Shri Bhagwat Katha : 108 भागवत कथा के भव्य समापन में श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब!
पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मेलन द्वारा आयोजित सात दिवसीय अष्टोत्तर शत श्रीमद्भागवत कथा का भव्य समापन हुआ। जानिए इस धार्मिक आयोजन की प्रमुख विशेषताएं और आयोजन में सक्रिय श्रद्धालुओं के योगदान के बारे में।
पूर्वी सिंहभूम जिले में इस सप्ताह एक ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन हुआ, जहां श्रद्धालुओं और भक्तों ने सात दिवसीय अष्टोत्तर शत (108) श्रीमद्भागवत कथा का भव्य समापन हवन और भंडारे के साथ किया। इस धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मेलन द्वारा किया गया, और यह कार्यक्रम जिले में एक नई धार्मिक लहर लेकर आया।
धार्मिक ध्वनियों से गूंजे आयोजन स्थल:
आज सुबह 9 बजे से हवन की पूर्णाहुति का कार्यक्रम बड़े धूमधाम से शुरू हुआ। कार्यक्रम में तीन हवन वेदियों का निर्माण किया गया, और सात मुख्य यजमानों के साथ 118 यजमानों ने इस पवित्र आयोजन में भाग लिया। आयोजन स्थल पर हवन की आहुतियों से वातावरण की सारी नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर दिया गया, और वेद की ऋचाओं व मंत्रों से यह स्थल आस्था और श्रद्धा से गूंज उठा। सभी यजमानों ने अपनी पूजा विधि में श्रद्धा से भाग लिया, और कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और कार्यकर्ताओं ने भी इस आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
आचार्य बांके बिहारी जी गोस्वामी के नेतृत्व में विद्वान पंडितों द्वारा इस हवन को संपन्न किया गया। उनका मार्गदर्शन और आशीर्वाद आयोजन में आए हर श्रद्धालु के लिए एक अनमोल अनुभव साबित हुआ। हवन के पश्चात सभी यजमानों को पूजित कलश प्रदान किया गया, जो उनके जीवन में आस्था और समृद्धि का प्रतीक बने।
धार्मिक क्रियाओं के साथ सामाजिक योगदान:
इस अवसर पर कई श्रद्धालुओं ने गौ सेवा के लिए तुलादान भी करवाया, जिससे धर्म और समाज में योगदान की भावना को प्रोत्साहन मिला। गौ सेवा और धर्म के इस कार्य में हर व्यक्ति ने बढ़-चढ़कर भाग लिया, और कार्यक्रम को एक सामाजिक और धार्मिक पहलू से जोड़ दिया।
भंडारे में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब:
हवन के बाद आयोजित भंडारे में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस भंडारे का उद्देश्य सभी को आध्यात्मिक संतुष्टि देने के साथ-साथ समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए सेवा का कार्य करना था। प्रत्येक व्यक्ति ने इस धार्मिक आयोजन का पूरा आनंद लिया और आस्था से भरे हुए इस भव्य कार्यक्रम में योगदान दिया।
आयोजन में सक्रिय कार्यकर्ताओं का योगदान:
आयोजन को सफल बनाने में अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, मंटू अग्रवाल, अजय भालोटिया, संदीप मुरारका और कई प्रमुख कार्यकर्ताओं ने अपना अभूतपूर्व योगदान दिया। इनके साथ-साथ भाजयुमो के प्रदेश मंत्री अमित अग्रवाल, कमल किशोर अग्रवाल, अशोक चौधरी जैसे प्रमुख नेताओं ने भी आयोजन को अपनी उपस्थिति से सशक्त किया। इन सभी के योगदान के बिना इस आयोजन की सफलता संभव नहीं थी।
महिलाओं का योगदान भी था सराहनीय:
धार्मिक कार्यक्रम के सफल आयोजन में महिलाएं भी पूरी तरह सक्रिय रहीं। अंजू चेतानी, कविता अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, और अन्य महिला कार्यकर्ताओं ने इस आयोजन को एक नई दिशा दी। उनके सहयोग के बिना आयोजन में शांति और व्यवस्था बनाए रखना संभव नहीं होता।
इतिहास में दर्ज हुआ यह धार्मिक आयोजन:
यह आयोजन केवल एक धार्मिक कथा नहीं, बल्कि एक धार्मिक इतिहास का हिस्सा बन गया है। श्रीमद्भागवत कथा का यह आयोजन जिले में एक नई आस्था और धार्मिक चेतना का संचार करने वाला था। यह कथा न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण थी, बल्कि यह सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा देने वाली थी।
पूर्वी सिंहभूम जिले में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का सात दिवसीय धार्मिक आयोजन भव्य रूप से संपन्न हुआ। हवन, तुलादान, और भंडारे के माध्यम से जिले के लोगों ने अपनी आस्था और श्रद्धा को व्यक्त किया। इस आयोजन ने न केवल धार्मिक दृष्टि से जिले को समृद्ध किया, बल्कि समाज में एकजुटता और योगदान की भावना को भी जागृत किया।
यह आयोजन हमेशा के लिए जिले के धार्मिक इतिहास का हिस्सा बन गया, और आने वाले वर्षों में भी लोग इस आयोजन को श्रद्धा और भक्ति के प्रतीक के रूप में याद करेंगे।
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