Dhanbad Drama: शादी कर लौटे प्रेमी जोड़े पर थाने में भिड़े परिवार, दिनभर चला हंगामा
धनबाद में घर से भागकर शादी करने वाले जोड़े को लेकर थाने में हाईवोल्टेज ड्रामा। जानें कैसे प्रियालता और राहुल की प्रेम कहानी थाने तक पहुंची और दोनों परिवारों के बीच विवाद का क्या हुआ अंजाम।
धनबाद जिले का बरवाअड्डा थाना शुक्रवार को एक अनोखे हाईवोल्टेज ड्रामे का गवाह बना। घर से भागकर शादी करने वाले प्रेमी जोड़े प्रियालता और राहुल के लौटने पर थाने में दोनों परिवारों के बीच जमकर कहासुनी और हाथापाई हुई। इस विवाद ने न केवल परिवारों को, बल्कि पुलिस को भी मुश्किल में डाल दिया।
कैसे शुरू हुई यह प्रेम कहानी?
यह कहानी मंझिलाडीह, धनबाद से शुरू होती है, जहां प्रियालता के घर में नए मकान के गृह प्रवेश के दौरान राहुल नामक युवक चालक के रूप में आया। पहली मुलाकात के बाद दोनों के बीच दोस्ती हुई, जो जल्द ही गहरे प्यार में बदल गई।
हालांकि, प्रियालता के घरवाले इस रिश्ते के खिलाफ थे। उन्होंने उसे घर में कैद कर दिया और मोबाइल फोन छीन लिया। लेकिन प्रियालता ने घर में काम कर रहे एक मजदूर के फोन से राहुल को अपनी परेशानी बताई। यहीं से उनके भागने की योजना बनी।
भागकर रचाई शादी
28 नवंबर को दोनों ने बाइक से पारसनाथ स्टेशन का रुख किया और ट्रेन पकड़कर दिल्ली पहुंच गए। वहां, गाजियाबाद के वैदिक आर्या मेडिकल ट्रस्ट में उन्होंने शादी रचाई। शादी के बाद पांच दिन तक गाजियाबाद के एक होटल में रुके।
थाने में भिड़ंत का नज़ारा
शादी के बाद दोनों धनबाद लौटे और महिला थाना पहुंचे। यहां से पुलिस ने उन्हें बरवाअड्डा थाना भेज दिया। जैसे ही परिवारों को सूचना मिली, दोनों पक्ष थाने पहुंच गए।
थाने में दोनों पक्षों के बीच पहले कहासुनी हुई, जो बाद में हाथापाई में बदल गई। लड़की की मां दिनभर अपनी बेटी को वापस लाने के लिए रोती-बिलखती रही। लेकिन प्रियालता ने साफ कह दिया, "मैं बालिग हूं और अपने पति राहुल के साथ रहूंगी।"
पुलिस ने सुलझाया मामला
पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत किया। राहुल ने लिखित में कहा कि वह प्रियालता को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करता है। इसके बाद प्रियालता अपने ससुराल नुतनडीह, सरायढेला चली गई।
लड़की के परिवार ने राहुल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कानूनी रूप से प्रियालता ने अपने बालिग होने का हवाला देकर स्थिति को संभाल लिया।
ऐसे मामले समाज को क्या संदेश देते हैं?
यह घटना एक बार फिर प्रेम विवाह को लेकर समाज में मौजूद विरोधाभासों को सामने लाती है। जहां कानूनी रूप से बालिग व्यक्ति को अपनी पसंद के अनुसार शादी करने का अधिकार है, वहीं सामाजिक दबाव और पारिवारिक विरोध इसे जटिल बना देते हैं।
भारत में, विशेषकर छोटे शहरों में, परिवार और समाज की स्वीकृति के बिना शादी करना आज भी एक चुनौती है।
प्रियालता और राहुल की यह कहानी एक ओर प्यार और साहस का प्रतीक है, तो दूसरी ओर समाज और परिवारों के बीच बदलाव की आवश्यकता को भी दर्शाती है।
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