Dhanbad Kinnar Sammelan: धनबाद में किन्नर समाज का भव्य अधिवेशन, 5000 किन्नरों ने निकाली सांस्कृतिक शोभायात्रा!
धनबाद में अखिल भारतीय किन्नर समाज का भव्य अधिवेशन आयोजित हुआ, जिसमें 5000 किन्नरों ने भाग लिया। शक्ति मंदिर तक शोभायात्रा निकाली गई और सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन किया गया।
धनबाद: झारखंड के धनबाद में अखिल भारतीय किन्नर समाज का भव्य अधिवेशन आयोजित किया गया, जिसमें देश-विदेश से लगभग 5000 किन्नरों ने भाग लिया। यह अधिवेशन सांस्कृतिक समृद्धि और सामाजिक एकता का प्रतीक बना।
भव्य शोभायात्रा ने मोहा मन
मंगलवार को मटकुरिया से जोड़ाफाटक रोड स्थित शक्ति मंदिर तक किन्नरों ने एक रंग-बिरंगी सांस्कृतिक शोभायात्रा निकाली। इस दौरान पूरे शहर में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला। पारंपरिक नृत्य और भव्य वेशभूषा के साथ किन्नरों ने अपनी सांस्कृतिक पहचान को प्रस्तुत किया।
शोभायात्रा के मुख्य आकर्षण:
- रंग-बिरंगी पारंपरिक पोशाकें
- लोकगीतों पर आधारित नृत्य
- ढोल-नगाड़ों की धुन
- सांस्कृतिक झांकियां
मंदिर दर्शन और पूजा
शक्ति मंदिर पहुंचकर किन्नर समाज ने माता रानी के दर्शन किए और सुख-समृद्धि की कामना की। इस धार्मिक आयोजन में श्रद्धालुओं ने भी भक्ति भाव के साथ भाग लिया।
कोरोना काल के बाद पहला महाअधिवेशन
यह अधिवेशन विशेष रूप से कोरोना महामारी के बाद आयोजित किया गया। महामारी के दौरान किन्नर समाज ने संकल्प लिया था कि जब स्थिति सामान्य होगी, तब वे एक विशाल अधिवेशन का आयोजन करेंगे। यह आयोजन उसी संकल्प का परिणाम है।
झारखंड प्रदेश अध्यक्ष का भव्य स्वागत
कार्यक्रम के पहले दिन झारखंड प्रदेश अध्यक्ष छमछम देवी का भव्य स्वागत किया गया। जैसे ही वह मंडप में पहुंची, हजारों किन्नरों ने नाच-गाकर और पारंपरिक गीतों के साथ उनका स्वागत किया।
प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भागीदारी
अधिवेशन में देश के कई राज्यों से आए प्रतिष्ठित किन्नरों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन में शामिल प्रमुख हस्तियां:
- अलाव्य नायक (सिलीगुड़ी)
- बबीता नायक (बोकारो)
- अरुणा नायक (रामगढ़)
- सीमा नायक (इंदौर)
- ललन नायक (पटना)
- मुन्नी नायक (बेरमो)
- ज्योति नायक और गीता नायक (कोलकाता)
किन्नर समाज की एकता और अधिकारों पर बल
इस अधिवेशन का उद्देश्य किन्नर समाज की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के साथ-साथ उनके सामाजिक अधिकारों के लिए आवाज उठाना भी था। कार्यक्रम में वक्ताओं ने किन्नर समाज के:
- शिक्षा के अधिकार
- स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार
- रोजगार के अवसरों
- सम्मानपूर्ण जीवन जीने के अधिकार
जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम
अधिवेशन में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रमुख आकर्षण थे:
- राजस्थानी लोक नृत्य
- बंगाली धुन पर पारंपरिक नाच
- फोक म्यूजिक पर प्रस्तुति
समापन और संदेश
यह भव्य आयोजन किन्नर समाज की एकता, संस्कृति और अधिकारों का प्रतीक बना। अधिवेशन के अंत में समाज के प्रमुख सदस्यों ने समानता और सम्मान की मांग करते हुए सरकार से सामाजिक कल्याण योजनाओं में अधिक समावेशिता की मांग की।
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