Dhanbad Arrest: रेलवे इंजीनियर से लूट करने वाले तीन गिरफ्तार, मोबाइल और बाइक बरामद!
धनबाद के पाथरडीह में रेलवे सेक्शन इंजीनियर से लूट मामले में तीन अपराधी गिरफ्तार। पुलिस ने लूटा गया मोबाइल और घटना में प्रयुक्त बाइक भी बरामद की। जानें, कैसे पुलिस ने किया खुलासा!

धनबाद (Dhanbad Arrest) में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पाथरडीह में रेलवे के कैरेज एंड वेगन विभाग के सेक्शन इंजीनियर मो मिन्हाज के साथ हुई लूट और मारपीट के मामले में पुलिस ने तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना का खुलासा करते हुए सुदामडीह पुलिस ने बताया कि लूटा गया मोबाइल और वारदात में प्रयुक्त बाइक भी बरामद कर ली गई है।
कैसे हुआ था अपराध?
यह घटना 13 जनवरी को पाथरडीह में हुई थी, जब रेलवे सेक्शन इंजीनियर मो मिन्हाज 7 डेज होटल के पास से गुजर रहे थे। तभी कुछ अपराधियों ने अचानक उन पर हमला कर दिया, उनके साथ मारपीट की और मोबाइल, पर्स और नकदी लूट ली। इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया था और पुलिस ने इसकी गहन जांच शुरू की।
कैसे खुला मामला?
जोड़ापोखर इंस्पेक्टर पंकज भूषण ने प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि सिंदरी डीएसपी के नेतृत्व में इस मामले की जांच की गई। पुलिस ने लूटे गए मोबाइल के सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) के आधार पर आरोपियों की पहचान की और फिर छापेमारी कर तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए अपराधी हैं –
- रोहन विश्वकर्मा (21) – निवासी: नुनूडीह काली मंदिर
- सुजल गुप्ता (23) – निवासी: नुनूडीह
- ऋषि मोहन सिंह – निवासी: कतरास, झारखोर
इन तीनों आरोपियों के पास से लूटा गया मोबाइल और घटना में प्रयुक्त बाइक बरामद कर ली गई है।
रेल कर्मी से विवाद बना अपराध की वजह!
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि यह घटना अचानक हुई वारदात नहीं थी, बल्कि इसके पीछे बदले की भावना काम कर रही थी। रेलवे में कार्यरत ऋषि मोहन सिंह का सेक्शन इंजीनियर मो मिन्हाज के साथ चादरा कटिंग को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद, ऋषि मोहन ने मोहन बाजार के अमन रवानी से संपर्क किया और बदला लेने की साजिश रची।
अपराधी कैसे आए पकड़ में?
अमन रवानी ने अपने साथियों रोहन विश्वकर्मा, सुजल गुप्ता, सन्नी पासवान और सूरज पाठा को इस योजना में शामिल किया। 13 जनवरी की रात इन अपराधियों ने 7 डेज होटल के पास सेक्शन इंजीनियर मो मिन्हाज को घेर लिया और उन पर हमला कर दिया। मारपीट के बाद उन्होंने उनका मोबाइल, पर्स और रुपये छीन लिए।
लेकिन, पुलिस की तेज़ कार्रवाई ने इन अपराधियों की चालाकी को नाकाम कर दिया। मोबाइल के सीडीआर से अपराधियों का सुराग मिला और पुलिस ने तेजी से छापेमारी करते हुए तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
पुलिस इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है और फरार अन्य अपराधियों की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए इलाके में गश्त और सख्त की जाएगी।
इस पूरे अभियान में सुदामडीह थाना प्रभारी सूरज कुमार रजक, पुअनि मो. अफरोज, पुअनि जगमोहन बानरा, सअनि उमेश लाल राय सहित अन्य अधिकारी शामिल थे। इस संबंध में सुदामडीह थाना में कांड संख्या 04/25 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले ने साफ कर दिया है कि कैसे व्यक्तिगत विवाद कभी-कभी गंभीर अपराध का रूप ले लेते हैं। लेकिन धनबाद पुलिस की मुस्तैदी और तेज़ कार्रवाई ने इस मामले को जल्द ही सुलझा लिया। अपराधी चाहे जितने भी चालाक हों, लेकिन पुलिस की तकनीकी जांच और कड़ी निगरानी से बच नहीं सकते। अब देखना होगा कि फरार अन्य अपराधी कब तक पुलिस के शिकंजे में आते हैं!
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