देवघर का मुस्लिम बाहुल्य गांव बना शत-प्रतिशत परिवार नियोजित, डॉ. एन. डी. मिश्रा की पहल से हुआ संभव
देवघर जिले के मुस्लिम बाहुल्य गांव मगडीहा ने डॉ. एन. डी. मिश्रा की पहल से शत-प्रतिशत परिवार नियोजित गांव का दर्जा हासिल किया।
देवघर: देश में जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर जहां बड़े स्तर पर चर्चा होती है, वहीं देवघर जिले के सोनारायठाडी प्रखंड के मुस्लिम बाहुल्य गांव मगडीहा ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए शत-प्रतिशत परिवार नियोजित गांव का दर्जा प्राप्त कर लिया है। वर्ल्ड रिस्पांसिबल सिटीजन ऑर्गेनाइजेशन के नेतृत्व में, डॉ. एन. डी. मिश्रा की मेहनत और समर्पण ने इस गांव को एक नई पहचान दी है।
कैसे हुआ ये संभव?
डॉ. एन. डी. मिश्रा ने जब इस गांव में जनसंख्या नियंत्रण अभियान शुरू किया था, तब यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। मगर उनके द्वारा की गई जागरूकता पहल, सहिया बहनों और स्थानीय नेताओं के सहयोग से यह संभव हो पाया। उनके प्रयासों से गांव की महिलाएं परिवार नियोजन के महत्व को समझने लगीं और इसे अपनाने के लिए प्रेरित हुईं। इस सफलता से प्रेरित होकर, अब सोनारायठाडी प्रखंड के अन्य गांवों में भी इस मॉडल को अपनाने की दिशा में काम शुरू हो चुका है।
बिंझा पंचायत में हुआ सम्मान समारोह
इस सफलता के उपलक्ष्य में, बिंझा पंचायत में एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें परिवार नियोजन अभियान में योगदान देने वाली महिलाओं, सहिया बहनों और मोटिवेटर्स को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पाकुड़ के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुमार क्रांति प्रसाद, विशिष्ट अतिथि प्रो. राजीव रंजन, और वर्ल्ड रिस्पांसिबल सिटीजन ऑर्गेनाइजेशन के संस्थापक डॉ. एन. डी. मिश्रा ने शिरकत की।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, और इसके बाद डॉ. एन. डी. मिश्रा ने अतिथियों का शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। अपने संबोधन में, प्रो. राजीव रंजन ने डॉ. मिश्रा की सराहना करते हुए कहा, "वह इंसान सर्वश्रेष्ठ है जिसमें मानवता का भाव हो, और डॉ. मिश्रा की मानवता काबिले तारीफ है।"
परिवार नियोजन अभियान का महत्व
मुखिया कलीम ने डॉ. मिश्रा के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें 'गरीबों का मसीहा' कहा। उन्होंने बताया कि "डॉ. साहब के 'हम दो हमारे दो' मिशन को अपनाकर गांव के लोगों का जीवन स्तर बेहतर हुआ है।" जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुमार क्रांति प्रसाद ने भी डॉ. मिश्रा के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि "उनकी जितनी प्रशंसा की जाए, कम है।"
इस अवसर पर, 21 महिलाओं जिन्होंने परिवार नियोजन के लिए ऑपरेशन करवाया था, को सम्मानित किया गया। साथ ही, 19 सहिया बहनों को भी उनके प्रेरणादायक कार्यों के लिए पुरस्कृत किया गया। इन महिलाओं और बच्चों के बीच बर्तन सेट, पैंट और टी-शर्ट का वितरण किया गया।
डॉ. एन. डी. मिश्रा की सामाजिक पहल
डॉ. एन. डी. मिश्रा, जिन्होंने इस अभियान की अगुवाई की, ने सुलतली मिया के योगदान को सराहते हुए कहा कि "मुखिया कलीम जी के सहयोग से आने वाले समय में बिंझा पंचायत भी शत-प्रतिशत जनसंख्या नियंत्रित गांव बन सकता है।"
कार्यक्रम के दौरान, डॉ. मिश्रा द्वारा लगभग दो लाख रुपये का वितरण किया गया, जिससे यह साफ है कि इस अभियान को और आगे बढ़ाने के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। धन्यवाद ज्ञापन धर्मेंद्र राय द्वारा किया गया।
समर्पण और सहयोग का नतीजा
देवघर के इस छोटे से गांव ने एक बड़ा संदेश दिया है कि सही दिशा में किए गए प्रयास और समर्पण से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। इस अभियान की सफलता न केवल देवघर जिले बल्कि पूरे राज्य और देश के लिए एक मिसाल बनेगी, जहां जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में ऐसे ठोस कदमों की बेहद जरूरत है।
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