Deoghar Fraud: बेटे पर झूठे रेप केस का डर दिखाकर महिला से 30 हजार की ठगी
देवघर में साइबर ठगों ने महिला को बेटे के रेप केस में फंसने का झांसा देकर 30,000 रुपये ठग लिए। जानें कैसे हुआ यह हादसा और इससे बचाव के तरीके।
1 दिसंबर 2024: देवघर के रिखिया थाना क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। साइबर ठगों ने रामपुर इलाके की रहने वाली पुतूल देवी नामक महिला को बेटे के रेप केस में फंसने का झांसा देकर 30,000 रुपये ठग लिए।
कैसे रची गई ठगी की साजिश?
ठगी की शुरुआत एक अंजान नंबर से आए फोन कॉल से हुई। कॉल पर महिला को बताया गया कि उसका बेटा एक रेप केस में फंसा हुआ है।
- ठग ने 1.50 लाख रुपये की मांग की और कहा कि यह रकम देने पर ही उसका बेटा रिहा होगा।
- महिला ने मिन्नतें कीं, तो ठग ने रकम घटाकर 60 हजार रुपये कर दी।
- घबराई हुई पुतूल देवी ने अपने बैंक खाते से तुरंत 30,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए।
सच सामने आया जब बेटे ने की फोन पर बात
रकम ट्रांसफर करने के बाद ठग ने महिला का फोन उठाना बंद कर दिया।
- कुछ समय बाद, पुतूल देवी ने खुद अपने बेटे से संपर्क किया।
- बेटे ने बताया कि वह पूरी तरह सुरक्षित है और अपने काम पर है।
- यह सुनकर महिला को समझ आया कि वह साइबर ठगी का शिकार हो चुकी है।
साइबर थाना में की शिकायत
अपनी ठगी की जानकारी होते ही पुतूल देवी ने साइबर थाना में आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई।
- पुलिस ने आश्वासन दिया कि मामले की जांच की जाएगी और साइबर ठगों को जल्द पकड़ा जाएगा।
साइबर ठगी का बढ़ता जाल
झारखंड के कई जिलों में साइबर ठगी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। देवघर, गिरिडीह, और दुमका जैसे इलाकों को साइबर अपराध का गढ़ माना जाता है।
- ठग भावनात्मक कमजोरियों का फायदा उठाकर लोगों से पैसा ऐंठते हैं।
- पिछले कुछ वर्षों में फर्जी फोन कॉल, ईमेल फ्रॉड, और UPI स्कैम के मामलों में तेजी आई है।
कैसे पहचानें ठगों के झांसे?
- अनजान कॉलर्स से सतर्क रहें:
- कोई भी ऐसा कॉल, जो अचानक डराने या पैसे की मांग करता हो, उसे तुरंत जांचें।
- पारिवारिक सदस्यों से संपर्क करें:
- किसी आपात स्थिति की खबर सुनते ही सीधे संबंधित व्यक्ति से संपर्क करें।
- पुलिस को जानकारी दें:
- ठगी की आशंका होने पर तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल को सूचित करें।
देवघर में साइबर ठगी का इतिहास
देवघर और इसके आस-पास के इलाकों में साइबर अपराध की घटनाएं नई नहीं हैं।
- साइबर ठगों की ट्रेनिंग:
इन अपराधियों को आमतौर पर तकनीक का अच्छा ज्ञान होता है, और वे लोगों को आसानी से भ्रमित कर लेते हैं। - आर्थिक दबाव का फायदा:
ग्रामीण और छोटे कस्बों में लोग भावनात्मक और आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं, जिसका ठग फायदा उठाते हैं।
सरकार और पुलिस की पहल
झारखंड सरकार और पुलिस ने हाल के वर्षों में साइबर अपराधों को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं:
- साइबर क्राइम सेल की स्थापना:
- प्रत्येक जिले में साइबर अपराध की जांच के लिए अलग सेल बनाई गई है।
- जागरूकता अभियान:
- लोगों को फोन कॉल, एसएमएस, और डिजिटल लेन-देन में सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है।
- तकनीकी समाधान:
- ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को सुरक्षित बनाने के लिए बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ समन्वय किया जा रहा है।
देवघर में हुई यह घटना साइबर ठगी के बढ़ते खतरे को दर्शाती है।
- साइबर अपराधी भावनाओं को भुनाने में माहिर होते हैं।
- सावधानी और सतर्कता ही ऐसे मामलों से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है।
क्या करें?
- अपने व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित रखें।
- किसी भी अनजान कॉल या संदेश पर तुरंत भरोसा न करें।
- ठगी का शिकार होने पर बिना झिझक पुलिस को सूचित करें।
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