Deoghar Raid: जंगल की झाड़ियों में छिपकर ‘डिजिटल ठगी’ चला रहे थे, 10 गिरफ्तार!

देवघर के देवीपुर थाना क्षेत्र में साइबर पुलिस ने जंगल के बीच छापेमारी कर 10 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये लोग गूगल पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर डालकर लोगों से ठगी कर रहे थे।

Apr 8, 2025 - 09:59
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Deoghar Raid: जंगल की झाड़ियों में छिपकर ‘डिजिटल ठगी’ चला रहे थे, 10 गिरफ्तार!
Deoghar Raid: जंगल की झाड़ियों में छिपकर ‘डिजिटल ठगी’ चला रहे थे, 10 गिरफ्तार!

देवघर/देवीपुर – झारखंड में साइबर क्राइम का जाल दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है, लेकिन इस बार देवघर पुलिस ने एक ऐसा गढ़ तोड़ा, जहां से देशभर के लोग ठगी का शिकार हो रहे थे।

देवीपुर थाना क्षेत्र के पसारपुर गांव के पास जंगल और झाड़ियों के बीच चल रही साइबर फ्रॉड की यूनिट पर साइबर थाने की विशेष टीम ने छापा मारा और 10 शातिर साइबर अपराधियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

गूगल पर फर्जी नंबर डालकर करते थे लोगों को शिकार

जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वे गूगल सर्च में फर्जी कस्टमर केयर नंबर डालकर आम लोगों को झांसा देते थे।
कोई भी जब PM Kisan Yojana, PhonePe या Paytm जैसी सर्विस का कस्टमर केयर नंबर गूगल पर खोजता, तो इनके द्वारा डाला गया फर्जी नंबर सबसे पहले दिखता था।

जैसे ही कोई व्यक्ति कॉल करता, ये उसे स्कीम, कैशबैक या इनाम के बहाने फर्जी लिंक भेजकर उसके बैंक खाते से पैसा उड़ा लेते।
इनका तरीका सुनकर आप भी चौंक जाएंगे — पूरी स्क्रिप्टिंग के साथ ये खुद को असली एजेंट की तरह पेश करते थे।

PM किसान योजना के नाम पर भी ठगी

गिरफ्तार अपराधियों ने पूछताछ में बताया कि वे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों को फोन कर कहते कि उनका पैसा अटक गया है या अगली किस्त के लिए KYC जरूरी है।
फिर भेजते थे एक लिंक, जिसमें क्लिक करते ही मोबाइल से बैंक अकाउंट जुड़ जाता और शुरू हो जाती ठगी।

गिरफ्तार आरोपियों में कौन-कौन शामिल हैं?

साइबर पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों में अलग-अलग इलाकों के निवासी शामिल हैं:

  • विजय कुमार मंडल – बुढ़ीसारे, गिरिडीह

  • बासुकी कुमार पंडित – बिराजपुर, पथरड्डा

  • सिकंदर दास, जितेंद्र दास, अनुज दास, विशाल दास, संदीप दास, बिरेंद्र दास – लखनुआं, मधुपुर क्षेत्र

इन सबका नेटवर्क इंटर-डिस्ट्रिक्ट था और इनकी चालाकी का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि हर बार अलग-अलग सिम कार्ड और मोबाइल का इस्तेमाल करते थे।

बरामद हुए मोबाइल और सिम कार्ड, पहले से दर्ज थीं शिकायतें

छापेमारी के दौरान पुलिस ने 10 मोबाइल फोन और 15 सिम कार्ड जब्त किए हैं।
जांच में यह भी सामने आया कि इन मोबाइल नंबरों के खिलाफ पहले से कई ऑनलाइन शिकायतें दर्ज थीं।

इनमें से कई नंबर ऐसे थे जिन्हें यूज़ करके देश के अलग-अलग राज्यों में साइबर ठगी की गई थी।

इतिहास की एक झलक: झारखंड और साइबर क्राइम का कनेक्शन

अगर इतिहास पर नजर डालें तो झारखंड का जामताड़ा पहले से ही साइबर ठगी के लिए बदनाम रहा है।
अब लगता है कि देवघर, गिरिडीह और मधुपुर जैसे इलाके भी उसी रास्ते पर चल पड़े हैं।

इन गिरोहों का तरीका एक जैसा है — कम पढ़े-लिखे युवकों को मोबाइल ऑपरेट करना सिखाओ, फर्जी कस्टमर केयर बनाओ और पूरे देश से पैसा लूटो।

पुलिस की तेज़ कार्रवाई और कोर्ट का फैसला

सभी 10 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
साइबर थाने के इंस्पेक्टर नागेंद्र प्रसाद सिन्हा, देवीपुर थाना प्रभारी संदीप कृष्णा और अन्य सशस्त्र बलों की टीम इस कार्रवाई में शामिल रही।

अब सवाल ये उठते हैं…

  • क्या झारखंड के अलग-अलग जिलों में ऐसे और ठगी सेंटर चल रहे हैं?

  • क्या गूगल जैसे प्लेटफॉर्म्स को इन फर्जी नंबरों को रोकने के लिए जवाबदेह बनाया जाएगा?

  • क्या अब भी कोई मास्टरमाइंड पुलिस की पकड़ से बाहर है?

 आपकी राय क्या है? क्या गूगल को ऐसे फर्जी नंबरों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए? क्या ऐसे साइबर ठगों को उम्रकैद होनी चाहिए? कमेंट कर के ज़रूर बताएं।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।