Dhanbad Fraud: एक करोड़ से ज्यादा की साइबर ठगी, 'पप्पू' की गिरफ्तारी से हड़कंप!
धनबाद के नावाडीह से साइबर ठग पप्पू साव को उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पप्पू पर एक करोड़ से ज्यादा की ऑनलाइन ठगी का आरोप है। उसकी पत्नी पर भी शक की सुई घूम रही है।

धनबाद/तेहरी गढ़वाल – साइबर अपराध की दुनिया में एक और चौंकाने वाला नाम सामने आया है — पप्पू साव।
धनबाद के नावाडीह का यह युवक महज़ कंप्यूटर और मोबाइल की मदद से एक करोड़ से ज्यादा की ठगी कर चुका है।
अब उत्तराखंड पुलिस ने धनबाद पुलिस की मदद से उसे गिरफ्तार कर लिया है।
साइबर क्राइम की यह कहानी सिर्फ एक गिरफ्तारी की नहीं, बल्कि सिस्टम, तकनीक और अपराध की खतरनाक तिकड़ी की असली तस्वीर पेश करती है।
1 करोड़ से ज्यादा की ठगी, हर दिन 4-5 लाख का ट्रांजेक्शन!
धनबाद पुलिस की माने तो पप्पू साव और उसकी पत्नी अनिता कुमारी एक टीम की तरह मिलकर साइबर क्राइम के जाल को फैलाते थे।
जांच में सामने आया कि दोनों के खातों से रोजाना 4-5 लाख रुपये तक के ट्रांजेक्शन होते थे।
अब तक की जानकारी के मुताबिक दोनों मिलकर एक करोड़ से ज्यादा की ठगी कर चुके हैं।
उत्तराखंड के तेहरी गढ़वाल के एक बिजनेसमैन से इन दोनों ने 18.50 लाख रुपये की ठगी की थी।
ठगी के बाद उन्होंने अपना सिम कार्ड तोड़कर फेंक दिया, ताकि पुलिस उनका पता न लगा सके। लेकिन आइएमईआई नंबर की ट्रैकिंग ने उनकी लोकेशन बता दी — धनबाद के नावाडीह में।
गिरफ्तारी का ऑपरेशन: पुलिस को भी लगानी पड़ी चार राज्यों की दौड़
उत्तराखंड पुलिस की कंप्टी थाना टीम ने पप्पू को पकड़ने के लिए डिजिटल तकनीक और स्थानीय खुफिया इनपुट का सहारा लिया।
तेज कार्रवाई में धनबाद कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड लिया गया और फिर पप्पू को उत्तराखंड ले जाया गया।
वहीं उसकी पत्नी अनिता कुमारी को BNS की धारा 35(3) के तहत नोटिस जारी किया गया है।
अब उससे पूछताछ कर पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने की तैयारी है।
इतिहास भी गवाह है: पहले भी जेल जा चुका है पप्पू
यह पहला मौका नहीं है जब पप्पू साइबर क्राइम में पकड़ा गया हो।
वर्ष 2016 में धनबाद थाना की पुलिस ने उसे साइबर ठगी के मामले में जेल भेजा था।
लेकिन जेल से छूटने के बाद भी उसने अपना ‘काम’ नहीं छोड़ा, बल्कि और बड़े स्केल पर अपराध को अंजाम देना शुरू किया।
पत्नी अनिता: मासूम या मास्टरमाइंड?
जांच एजेंसियों के लिए अब सबसे बड़ा सवाल है —
क्या अनिता सिर्फ पप्पू के साथ रहने वाली पत्नी थी, या इस पूरे साइबर फ्रॉड में उसकी भी गहरी भूमिका है?
उसके बैंक खातों और मोबाइल ट्रांजेक्शन पर जांच जारी है।
पुलिस का कहना है कि यदि अनिता दोषी पाई गई, तो जल्द ही उसकी भी गिरफ्तारी संभव है।
कानून की पकड़ या सिस्टम की ढिलाई?
पप्पू जैसे ठगों की कहानियाँ इस बात की गवाही देती हैं कि डिजिटल क्रांति के साथ-साथ साइबर क्राइम भी देशभर में बढ़ता जा रहा है।
BNS की धारा 318(4) और IT Act की धारा 66 जैसे सख्त कानूनों के बावजूद ये अपराधी बार-बार सिस्टम को चकमा देने में कामयाब हो जाते हैं।
अब सवाल ये उठते हैं...
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क्या पप्पू के नेटवर्क में और लोग भी शामिल हैं?
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क्या अनिता सिर्फ एक सहायक थी या पूरा गिरोह चला रही थी?
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क्या पप्पू के पुराने केसों की दोबारा जांच होगी?
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और सबसे बड़ा सवाल — क्या हम तकनीक से सुरक्षित हैं या खतरे में?
आपकी राय क्या है? क्या ऐसे साइबर अपराधियों को आजीवन कैद की सजा मिलनी चाहिए? या हमारी साइबर सुरक्षा प्रणाली को और मज़बूत करने की ज़रूरत है? कमेंट में अपनी राय ज़रूर साझा करें।
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