Sariya Collision: शादी की खरीदारी से लौट रहे दंपति की सड़क पर मौत, जानिए कैसे हुई टक्कर!
सरिया-राजधनवार सड़क पर शादी की खरीदारी से लौट रहे पति-पत्नी की बाइक को सामने से आ रही दूसरी बाइक ने टक्कर मार दी। हादसे में पति की मौत हो गई और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

गिरिडीह जिले की सरिया-राजधनवार मुख्य सड़क पर मंगलवार की रात एक ऐसा हादसा हुआ जिसने एक परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया। एक तरफ जहां एक साढ़ू की बेटी की शादी की तैयारी चल रही थी, वहीं दूसरी तरफ उसी घर में मातम छा गया।
बिरनी थाना क्षेत्र के पंदानाखुर्द के पास रात करीब नौ बजे दो बाइकों की सीधी टक्कर में 30 वर्षीय विजय साव की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। विजय अपनी पत्नी बिमला देवी के साथ सरिया बाजार से शादी की खरीदारी कर लौट रहा था।
कैसे हुआ हादसा?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मंगलवार रात विजय साव अपनी पत्नी के साथ सरिया से लौट रहे थे। उनकी बाइक जैसे ही पंदानाखुर्द के पास पहुँची, सामने से आ रही एक दूसरी बाइक से जोरदार टक्कर हो गई। पलौंजिया की ओर से आ रही बाइक में सवार थे साजिद अंसारी और जमरुद्दीन अंसारी।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि विजय साव ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि उसकी पत्नी बिमला देवी और दोनों अन्य बाइक सवार बुरी तरह घायल हो गए।
इलाज और स्थिति
घायल बिमला देवी को स्थानीय सीएचसी में भर्ती कराया गया है, वहीं साजिद और जमरुद्दीन को सरिया के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। डॉक्टरों के मुताबिक तीनों की हालत नाजुक बनी हुई है।
बिरनी थाना प्रभारी आकाश भारद्वाज अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और घायलों के बयान के बाद स्पष्ट जानकारी सामने आएगी।
परिवार की खुशियाँ बनी मातम
विजय साव के परिवार में इस हादसे ने भयंकर तूफान ला दिया है। उनके साढ़ू की बेटी की शादी कुछ ही दिनों में होनी थी। विजय और उनकी पत्नी उसी की खरीदारी करने सरिया बाजार गए थे। लेकिन किसी को क्या पता था कि यह सफर हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा।
गांव के लोगों के मुताबिक विजय एक मेहनती और शांत स्वभाव का इंसान था। उसकी मौत से पूरे तेतरिया सलयडीह गांव में मातम पसरा हुआ है।
सड़क पर खून की दास्तान: गिरिडीह की सड़कों पर खतरा
गिरिडीह जिले की सड़कों पर ऐसे हादसे अब आम बात हो गई है। सड़क सुरक्षा के प्रति लापरवाही, अंधाधुंध रफ्तार और रोशनी की कमी इन घटनाओं का बड़ा कारण बन चुकी है। खासकर सरिया-राजधनवार सड़क, जो पहले भी कई जानलेवा दुर्घटनाओं का गवाह बन चुकी है, एक बार फिर सवालों के घेरे में है।
इतिहास बताता है कि झारखंड में हर साल सैकड़ों सड़क हादसे होते हैं जिनमें सबसे ज्यादा शिकार होते हैं दुपहिया वाहन चालक। हेलमेट की अनदेखी, ओवरलोडिंग और सड़क किनारे सुरक्षा उपायों की कमी इन हादसों को और घातक बना देती है।
कब मिलेगा समाधान?
प्रशासन की ओर से समय-समय पर जागरूकता अभियान तो चलाए जाते हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत यही है कि इनका असर नगण्य है। क्या हर हादसे के बाद सिर्फ एफआईआर और पोस्टमार्टम ही रह जाएगा, या कुछ ठोस कदम उठाए जाएंगे?
सड़क नहीं, मौत का सफर!
विजय साव और उनके परिवार की यह दर्दनाक कहानी सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि एक चेतावनी है। एक साधारण-सी रात, एक सामान्य सफर, और एक टक्कर ने सब कुछ खत्म कर दिया।
जब तक ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं होगा, और प्रशासन सुरक्षा उपायों को लेकर गंभीर नहीं होगा, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी।
हम इस मामले की हर अपडेट आपके लिए लाते रहेंगे—जुड़े रहें।
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