Delhi Election 2025 Latest News: नेता नहीं दिल्ली की जनता बना रही त्रिकोणीय मुकाबला, कौन किस पर भरी यहां जानिए

दिल्ली विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियों के नेता ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे है। और जीत का दम भर रहे हैं। लेकिन दिल्ली की जनता ने इसे त्रिकोणीय मुकाबला बना दिया है।

Jan 24, 2025 - 16:54
Jan 24, 2025 - 17:54
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Delhi Election 2025 Latest News: नेता नहीं दिल्ली की जनता बना रही त्रिकोणीय मुकाबला, कौन किस पर भरी यहां जानिए
Delhi Election 2025 Latest News: नेता नहीं दिल्ली की जनता बना रही त्रिकोणीय मुकाबला, कौन किस पर भरी यहां जानिए

Delhi Election 2025 Latest News : आगामी 5 फरवरी को दिल्ली की 70 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव दिन पे दिन दिलचस्प मोड़ ले रहा है। नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव प्रचार से लेकर रैलियों में तेजी आई है। विरोधी नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाकर जनता का दिल जीतने में लगे हुए है। और जीत की हुंकार भर रहे हैं। पिछले दो विधानसभा चुनावों में मुकाबला बीजेपी और सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी के बीच था। लेकिन इस बार कांग्रेस की एंट्री से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। वहीं तीनों पार्टियों ने अपने - अपने घोषणा पत्र में जनता के लिए लोक लुभावने वायदे कर उन्हे अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। लेकिन दिल्ली की  जनता ने भी इस त्रिकोणीय मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है।

आप को चुनौती दे रही बीजेपी :


भारतीय जनता पार्टी इस बार आम आदमी पार्टी को किसी भी कीमत में मात देने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। यही वजह है कि बीजेपी हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे ग्रामीण इलाकों में अपना वोट बैंक बढ़ा रही है। इन दोनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार है। और समर्थन भी खूब मिल रहा है। क्योंकि पिछली बार इन्ही क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी ने बाजी मारी थी। और बीजेपी हाथ मलते रह गई थी। उधर कांग्रेस समूचे दिल्ली के वोट बैंक को अपनी गिरफ्त में लेना चाहती है। क्योंकि कांग्रेस के बड़े से बड़े लीडर अपनी रैलियों में शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल के कसीदे पढ़ रहे हैं। 

जनता के समीकरण से घबरा रही पार्टियां :


दिल्ली विधानसभा चुनावों में तीनों ही पार्टियों के शीर्ष नेताओं की रैलियों में दिए गए भाषण बता रहे हैं। कि इस बार किसी भी पार्टी के लिए दिल्ली की जंग को जीतना आसान नहीं होगा। कांग्रेस की बात करें  राहुल गांधी से लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे, अजय माकन, जैसे नेता रैलियां कर रहे है। वहीं बीजेपी ने जेपी नड्डा, योगी आदित्यनाथ और अमित शाह जानता का समर्थन पाने के लिए मैदान में उतारा है। सत्ताधारी पार्टी आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल, आतिशी सिंह, भगवंत मान जैसे नेता हुंकार भर रहे है। लेकिन दिल्ली की जनता ने से जब कई यू ट्यूबर्स और टीवी चैनल के सर्वे हुए तो पता चला। जनता खुद त्रिकोणीय मुकाबले में फंस गई है। इस बार जनता किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं देना चाहती है। बिजली पानी और सड़क की समस्याओं से दिल्ली की जनता अभी भी खुद को परेशान देख रही है। पहले के मुकाबले जनता का केजरीवाल के प्रति मन बदला है। महिलाएं भी वर्तमान सत्ता से खुश नहीं है। इससे पहले भी वो कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकाल को देख चुकी है। 


क्या कहता है दिल्ली का चुनावी इतिहास :

अगर पिछले चार बार के दिल्ली विधानसभा चुनाव के इतिहास को देखें तो मामला दिलचस्प रहा है। साल 2008 में कांग्रेस और बीजेपी में सीधी लड़ाई थी। जहां शीला दीक्षित के नेतृत्व में जीत मिली। साल 2013 में आम आदमी पार्टी पहली बार सामने आई। और उसने अपने पहले ही चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया। उसे जीत तो नहीं मिली। लेकिन कांग्रेस के समर्थन से उसने सरकार बना ली। तब अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने और 49 दिनों में इस्तीफा दे दिया। इसके बाद आप पार्टी 2015 में 67 और 2020 में 62 पार्टी जीतने में सफल रही। बता दें कि बीजेपी 1998 से दिल्ली की सत्ता से दूर है। तो वहीं कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार वो अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने में कामयाब हो सकती है। फिर भी दिल्ली की जनता किसे दिल्ली की गद्दी में बैठाएगी। ये तो 8 फरवरी को पता चलेगा।

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Brajesh Saini ब्रजेश सैनी इंडिया इंडियन न्यूज में बतौर न्यूज राइटर और रिपोर्टर मैनेजर के रूप में काम कर रहे है। उन्होंने अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई JIMMC कानपुर से पूरी की है। लगभग 6 वर्षो से मीडिया इंडस्ट्री में कार्यरत है। पॉलिटिकल , स्पोर्ट्स और इंटरनेशनल खबरों में अच्छी पकड़ है। इससे पहले वो कई संस्थान में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।