Delhi Airport Chaos: IGI टर्मिनल-1 का पहला दिन हुआ बवाल, यात्रियों ने झेला बैगेज और सिक्योरिटी का नर्क!
दिल्ली एयरपोर्ट के नए टर्मिनल-1 के पहले दिन ही सिस्टम फेल, यात्रियों को झेलनी पड़ी भारी दिक्कतें। जानें कैसे बैगेज और सिक्योरिटी चेक में जाम ने बिगाड़ा सफर का मूड।

15 अप्रैल की आधी रात को जब दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (IGI) एयरपोर्ट का नवीनीकृत टर्मिनल1 चालू हुआ, तो सब कुछ सामान्य लग रहा था। लेकिन सुबह होते ही यह टर्मिनल यात्रियों के लिए "कहर" बन गया। बैगेज सिस्टम फेल, सिक्योरिटी चेक में भीड़, और घंटों लंबी लाइनें—यही था इस नए टर्मिनल का पहला दिन!
क्या हुआ था टर्मिनल1 में?
बैगेज चेकइन सिस्टम फेल: डिपार्चर एरिया में काउंटर्स पर लंबी कतारें, कई यात्रियों को 23 घंटे इंतजार करना पड़ा।
सिक्योरिटी चेक में अराजकता: प्रीइंबार्केशन जोन में सिर्फ कुछ ही काउंटर खुले, जिससे यात्रियों को 40 मिनट से ज्यादा समय लगा।
एराइवल में बैगेज डिले: लैंड करने के बाद यात्रियों को अपना सामान लेने में घंटों का इंतजार करना पड़ा।
"मानसिक रूप से तैयार रहें!" – DIAL का सोशल मीडिया अपडेट
जब हालात बेकाबू हो गए, तो दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर यात्रियों से "धैर्य रखने" की अपील की। उन्होंने लिखा:
"टर्मिनल1 में बैगेज चेकइन सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ी हो रही है। हमारी टीम और स्टेकहोल्डर्स इसे ठीक करने में जुटे हैं। किसी भी असुविधा के लिए हम माफी चाहते हैं।"
क्यों हुआ यह हंगामा?
यह सवाल हर किसी के मन में था: "क्या टर्मिनल शुरू करने से पहले परीक्षण नहीं हुआ?"
डमी टेस्टिंग का सवाल: हर नए टर्मिनल को लॉन्च करने से पहले ऑपरेशनल रेडीनेस एंड एयरपोर्ट ट्रांजिशन (ORAT) टेस्ट होता है, जिसमें सभी सिस्टम्स की जांच की जाती है।
DGCA और CISF की भूमिका: सिक्योरिटी चेक के लिए सीआईएसएफ जिम्मेदार है, जबकि DGCA लाइसेंसिंग देता है। क्या इन एजेंसियों ने ठीक से जांच नहीं की?
यात्रियों का गुस्सा फूटा
सोशल मीडिया पर यात्रियों ने अपने कड़वे अनुभव साझा किए:
"मेरी फ्लाइट 6:30 AM की थी, लेकिन बैगेज चेक करने में 2 घंटे लग गए!"
"सिक्योरिटी लाइन में इतनी भीड़ थी कि मैंने अपनी फ्लाइट मिस कर दी!"
"एयरपोर्ट स्टाफ को खुद नहीं पता था कि क्या करना है!"
क्या अब सुधरेगा हाल?
DIAL ने दावा किया कि वे 24 घंटे के अंदर सिस्टम को सुधार लेंगे। लेकिन सवाल यह है:
क्या यह सिर्फ तकनीकी गड़बड़ी थी, या तैयारियों में कोताही?
क्या DGCA और CISF ने टर्मिनल को गंभीरता से जांचा था?
पाठकों से सवाल:
क्या आपने भी IGI के टर्मिनल1 में कोई दिक्कत झेली है? हमें कमेंट में बताएं!
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