बोकारो (गांधीनगर): कुरपनिया बस्ती के ग्रामीणों ने शुक्रवार की सुबह कुरपनिया-बोकारो थर्मल मुख्य मार्ग पर कोयला और छाई की ट्रांसपोर्टिंग को रोक दिया। उनका आरोप था कि सीसीएल (Central Coalfields Limited) बीएंडके एरिया की खासमहल कोनार परियोजना में हो रही ब्लास्टिंग के कारण उनके घरों में दरारें आ गई हैं। पंचायत समिति सदस्य नारायण महतो और वार्ड सदस्य मालती देवी ने बताया कि बस्ती के 30-40 घरों में भयंकर दरारें आ गई हैं और इसकी वजह सीसीएल की चल रही ब्लास्टिंग है। मालती देवी ने बताया कि 14 दिसंबर को उनके घर की छत का प्लास्टर अचानक गिर गया, लेकिन सौभाग्य से उस समय कमरे में कोई मौजूद नहीं था। हालांकि, कमरे में रखे कूलर, पलंग और अन्य सामान बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए।
ग्रामीणों का विरोध और सीसीएल से उठाए गए सवाल
गांववालों ने कहा कि सीसीएल से मांग की जा रही थी कि घरों की मरम्मत की जाए और विस्थापितों को उचित सुविधाएं प्रदान की जाएं, लेकिन अब तक सीसीएल प्रबंधन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इसके साथ ही, सीसीएल द्वारा उनकी जमीन को अधिग्रहित कर लिया गया है, जिसके कारण अबुआ आवास योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। इस स्थिति में ग्रामीणों के सामने गंभीर समस्याएं खड़ी हो गई हैं।
सीसीएल से ग्रामीणों की बैठक और समाधान की दिशा में पहल
गांधीनगर में हुई एक बैठक में जिप सदस्य टीनू सिंह ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया। उन्होंने कहा कि सीसीएल प्रबंधन को इस मामले में शीघ्र पहल करनी चाहिए। बाद में, सीसीएल अधिकारी एबी सिंह, सेल अधिकारी बीसी शुक्ला और गांधीनगर थाना के अधिकारी मौके पर पहुंचे और जिप सदस्य की उपस्थिति में ग्रामीणों से वार्ता की। इस वार्ता में सीसीएल प्रबंधन की ओर से ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया गया। इस बातचीत के बाद, ग्रामीणों ने अपनी ट्रांसपोर्टिंग रोकने की योजना को वापस लिया और सीसीएल से ठोस कदम उठाने की उम्मीद जताई।
शिफ्टिंग और सुविधाओं की मांग
वहीं, बेरमो दक्षिणी पंचायत सचिवालय में बोकारो कोलियरी चार नंबर शिफ्टिंग एरिया के लोगों और विभिन्न श्रमिक संगठनों ने बैठक की। इस बैठक की अध्यक्षता मुखिया पुष्पा देवी ने की। वक्ताओं ने बताया कि सीसीएल प्रबंधन ने बोकारो कोलियरी के डीडी माइंस के विस्तार के लिए चार नंबर क्षेत्र में रहने वाले लोगों को हटाने का आदेश दिया है। इस पर ग्रामीणों ने कहा कि वे यहां वर्षों से रहते आ रहे हैं और अगर प्रबंधन उन्हें एक ही स्थान पर बुनियादी सुविधाओं के साथ बसाए, तो वे अपने घरों से हटने के लिए तैयार हैं।
ग्रामीणों का शिफ्टिंग के एवज में राशि बढ़ाने की मांग
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि शिफ्टिंग के एवज में दी जा रही राशि को बढ़ाया जाना चाहिए। उनका प्रस्ताव था कि बेरमो रेलवे गेट के पास खाली पड़ी जगह में उन्हें बसाया जाए, जिससे उन्हें उचित सुविधाएं मिल सकें और उनका जीवन बेहतर हो सके। इस पर जनप्रतिनिधियों ने कहा कि वे एक संयुक्त मांग पत्र तैयार कर प्रबंधन को सौंपेंगे।