Bihar Rajgir Ajatshatru Fort Excavation : राजगीर में अजातशत्रु किला की खुदाई में मिले ऐतिहासिक अवशेष, प्राचीन नगरी की कहानी सामने!
राजगीर के अजातशत्रु किला की खुदाई में लोहा गलाने का कारखाना, स्नानघर, और सुनियोजित सड़क प्रणाली जैसे अवशेष मिले। जानें मगध साम्राज्य की प्राचीन शहरी बसावट की कहानी।
राजगीर (नालंदा): बिहार के राजगीर में स्थित अजातशत्रु किला मैदान (Bihar Rajgir Ajatshatru Fort Excavation) एक बार फिर भारतीय इतिहास के प्राचीन गौरव की झलक दे रहा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) द्वारा यहां की गई नवीनतम खुदाई में कई ऐतिहासिक अवशेष सामने आए हैं।
खुदाई के दौरान मिले ऐतिहासिक अवशेष
19 दिसंबर 2024 से शुरू हुई खुदाई में अब तक दो फीट गहराई तक की खोज की जा चुकी है।
- लोहा गलाने का कारखाना:
खुदाई में लोहे को गलाने और ढालने का एक पुराना कारखाना मिला है, जो उस समय की उन्नत तकनीक को दर्शाता है। - सार्वजनिक स्नानघर:
प्राचीन समय में लोगों के लिए बनाए गए स्नानघर भी इस शहरी बसावट की उन्नत संरचना का संकेत देते हैं। - सुनियोजित सड़क प्रणाली:
25 मीटर चौड़ी सड़कों के अवशेष बताते हैं कि यह क्षेत्र एक सुविकसित शहरी केंद्र था। - मिट्टी की झिटकियां और अन्य अवशेष:
ये सामग्री किले की प्राचीनता और तत्कालीन शासकों की समृद्धि का प्रमाण है।
अजातशत्रु किला: भारत का सबसे प्राचीन किला
- इतिहास:
छठी शताब्दी ईसा पूर्व में यह किला मगध सम्राट बिंबिसार के पुत्र अजातशत्रु का था। यह किला मगध साम्राज्य के प्रशासन और सैनिक युद्धाभ्यास का केंद्र था। - किले की संरचना:
किले की चौड़ी दीवारें और सुरक्षा प्रहरियों के लिए बनाए गए स्थान, तत्कालीन शासकों की रणनीतिक योजना को दर्शाते हैं। - महत्व:
अजातशत्रु किला न केवल एक किला था, बल्कि पूरे मगध साम्राज्य की शक्ति और गौरव का प्रतीक भी था।
खुदाई में लगे विशेषज्ञ और मजदूर
- कर्मचारी:
लगभग 73 मजदूर और पुरातत्व विभाग के दर्जनों विशेषज्ञ इस परियोजना पर काम कर रहे हैं। - खुदाई का तरीका:
पुरातत्व विभाग अत्यंत सावधानी से मिट्टी हटाकर प्राचीन अवशेषों को संरक्षित कर रहा है।
राजगीर: प्राचीन भारत का समृद्ध केंद्र (Bihar Rajgir Ajatshatru Fort Excavation)
राजगीर, जिसे प्राचीन काल में गिरिव्रज कहा जाता था, मगध साम्राज्य की पहली राजधानी थी।
- धार्मिक महत्व:
यह स्थान बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध और जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर से जुड़ा हुआ है। - भौगोलिक स्थिति:
राजगीर चारों तरफ पहाड़ों से घिरा है, जो इसे प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करता था। - संपन्नता का केंद्र:
प्राचीन काल में यह व्यापार और संस्कृति का प्रमुख केंद्र था।
अजातशत्रु ( Bihar Rajgir Ajatshatru Fort Excavation ) और उनका योगदान
- सैनिक शक्ति:
अजातशत्रु ने मगध साम्राज्य को न केवल विस्तार दिया, बल्कि इसे एक सामरिक और आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित किया। - युद्ध कौशल:
उन्होंने राजगृह की पहाड़ियों का उपयोग सैनिक प्रशिक्षण और युद्धाभ्यास के लिए किया। - बौद्ध धर्म:
अजातशत्रु ने भगवान बुद्ध के समय में बौद्ध धर्म के प्रसार का समर्थन किया।
पुरातत्व विभाग की योजना और अगला कदम
- खुदाई का विस्तार:
विभाग खुदाई को और गहराई तक ले जाने की योजना बना रहा है, ताकि अधिक अवशेषों की खोज की जा सके। - संरक्षण:
मिले हुए अवशेषों को संरक्षित करने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। - पर्यटन:
खुदाई पूरी होने के बाद इसे एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
राजगीर और भारत का गौरव
अजातशत्रु किला की खुदाई न केवल प्राचीन भारत की उन्नत शहरी संरचना को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि भारत का इतिहास कितना समृद्ध और विविध है। यह स्थल इतिहास प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए एक खजाना साबित हो सकता है।
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