Bahargoda Danger Alert: राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाशिंग सेंटर बने खतरे का कारण, प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
बहरागोड़ा में राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाशिंग सेंटरों के कारण बढ़ रही सड़क सुरक्षा और पर्यावरणीय समस्याओं ने स्थानीय निवासियों और यात्रियों को परेशान कर दिया है। जानिए ज्योतिर्मय दास का क्या है प्रशासन से आग्रह।
बहरागोड़ा, पूर्वी सिंहभूम: बरशोल से बहरागोड़ा होते हुए ओडिशा और जमशेदपुर को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क किनारे स्थित वाशिंग सेंटरों ने सुरक्षा और पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है। ट्रकों के धोने से सड़कों पर ग्रीस, तेल और गंदे पानी का बहाव हो रहा है, जिससे फिसलन बढ़ रही है और दुर्घटनाओं का खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय नागरिक और यात्री रोजाना इस समस्या से जूझ रहे हैं।
क्यों है ये मुद्दा गंभीर?
सड़क किनारे वाशिंग सेंटरों के कारण सड़क पर बहने वाला गंदा पानी बारिश और नमी के मौसम में स्थिति और भी बदतर बना देता है। कई बार वाहन फिसलने के कारण दुर्घटनाएं हुई हैं। खासतौर पर बुजुर्गों, बच्चों और स्कूली विद्यार्थियों के लिए यह समस्या बड़ी चुनौती बन गई है। गंदगी और फिसलन के कारण पैदल चलना मुश्किल हो गया है।
इतना ही नहीं, ट्रकों की लंबी कतारें भी यातायात अवरुद्ध कर देती हैं, जिससे आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं। यह न केवल आम जनता के लिए बल्कि सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के लिए भी गंभीर समस्या बन चुका है।
ज्योतिर्मय दास का प्रशासन से आग्रह
स्थानीय अधिवक्ता ज्योतिर्मय दास ने इस समस्या पर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा, "वाशिंग सेंटरों का संचालन न केवल यातायात बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा और पर्यावरण के लिए खतरा बन चुका है।" उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने चाहिए।
दास ने जोर देकर कहा कि वाशिंग सेंटरों को सख्त पर्यावरणीय मानकों का पालन करना चाहिए। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि इन सेंटरों के संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएं, ताकि सड़क पर गंदगी फैलने से रोकी जा सके।
इतिहास में झांके तो...
झारखंड के इस क्षेत्र में लंबे समय से सड़क सुरक्षा एक प्रमुख मुद्दा रहा है। 1990 के दशक में भी जब यह राजमार्ग बना था, तब यातायात प्रबंधन को लेकर कई सवाल उठे थे। उस समय सड़क चौड़ीकरण और साफ-सफाई के लिए बड़े कदम उठाए गए थे। लेकिन वर्तमान में बढ़ते ट्रैफिक और वाशिंग सेंटरों की अनियमितता ने इन समस्याओं को और बढ़ा दिया है।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों ने वाशिंग सेंटरों के कारण बढ़ रही असुविधाओं पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि बारिश के मौसम में सड़कों पर गंदे पानी और तेल के कारण दुर्घटनाओं में वृद्धि हो जाती है।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, "प्रशासन को जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करना चाहिए। हम अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।"
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
प्रशासन की निष्क्रियता ने लोगों के मन में सवाल खड़े कर दिए हैं। ज्योतिर्मय दास ने कहा, "यह समय है कि प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से ले और ठोस समाधान निकाले।" उन्होंने इस समस्या के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से जवाबदेही सुनिश्चित करने की भी मांग की।
क्या हो सकता है समाधान?
विशेषज्ञों का मानना है कि सड़क किनारे वाशिंग सेंटरों के संचालन के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- सख्त पर्यावरणीय मानक लागू करना।
- सड़क पर गंदे पानी और तेल के बहाव को रोकने के लिए बेहतर जल निकासी व्यवस्था।
- वाशिंग सेंटरों को सड़क से दूर स्थानांतरित करना।
- यातायात प्रबंधन के लिए विशेष नियम लागू करना।
जनता की अपील
नागरिकों ने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो यह समस्या और गंभीर रूप ले सकती है।
"हमारी सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को प्राथमिकता दी जानी चाहिए," ज्योतिर्मय दास ने कहा।
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