Palamu Encounter: पुलिस मुठभेड़ में कुख्यात गैंगस्टर अमन साव ढेर!
झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साव का पुलिस एनकाउंटर! जानिए कैसे हुआ यह सनसनीखेज एनकाउंटर और क्या था पूरा मामला?

रांची: झारखंड का कुख्यात अपराधी और गैंगस्टर अमन साव मंगलवार सुबह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। पुलिस उसे रायपुर जेल से रांची ला रही थी, लेकिन पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र में अचानक ऐसा कुछ हुआ कि अमन साव की कहानी हमेशा के लिए खत्म हो गई।
पलामू में हुई इस सनसनीखेज मुठभेड़ ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी। सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह सिर्फ एक भागने की कोशिश थी या पुलिस ने किसी बड़े प्लान के तहत इस अपराधी को खत्म किया?
कैसे हुई अमन साव की मौत? पूरी घटना सिलसिलेवार
रायपुर जेल से रांची लाया जा रहा था अमन सावचैनपुर के अंधारी ढोड़ा के पास पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई
मौका पाकर अमन साव पुलिस की राइफल छीनकर भागने लगा
पुलिस ने पीछा किया, लेकिन गैंगस्टर ने फायरिंग की कोशिश की
जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने अमन साव को गोली मार दी, मौके पर ही मौत
कौन था अमन साव? क्यों था यह पुलिस की हिट लिस्ट में?
अमन साव सिर्फ एक आम अपराधी नहीं था, बल्कि झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर था, जिसके नाम कई संगीन अपराध दर्ज थे। हत्या, रंगदारी, अपहरण और लूट जैसे मामलों में वह लंबे समय से फरार था।
झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में अमन साव का आतंक था।
पुलिस पर भी हमले के कई मामलों में इसका नाम सामने आया था।
सुपारी लेकर हत्या करने में माहिर था, बड़े अपराधी गिरोहों से संबंध थे।
इतिहास गवाह है – अपराधियों का अंत हमेशा ऐसा ही होता है!
अगर झारखंड के इतिहास पर नजर डालें, तो अमन साव जैसे अपराधियों का अंत हमेशा पुलिस मुठभेड़ में ही हुआ है।
2016 में गैंगस्टर अजीत सिंह को पटना पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था।
2020 में कुख्यात विकास दुबे को उज्जैन से पकड़ने के बाद पुलिस एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था।
2023 में झारखंड पुलिस ने अपराधी अशोक महतो को इसी तरह खत्म किया था।
क्या यह सच में एनकाउंटर था या कोई प्लानिंग?
अब सवाल उठता है कि क्या अमन साव की मौत महज एक संयोग था या पुलिस की सोची-समझी रणनीति?
गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई, तभी उसने भागने की कोशिश क्यों की?
क्या यह पहले से प्लान किया गया था कि अमन साव को रास्ते में ही खत्म करना है?
अगर वह भाग ही रहा था, तो पुलिस ने उसे जिंदा पकड़ने की कोशिश क्यों नहीं की?
पुलिस का बयान – एनकाउंटर पूरी तरह सही
पुलिस अधिकारियों ने बयान जारी कर कहा कि "अमन साव एक खतरनाक अपराधी था। जब उसने पुलिसकर्मियों पर हमला करने की कोशिश की, तब हमें आत्मरक्षा में फायरिंग करनी पड़ी।"
अब इस एनकाउंटर की जांच होगी, लेकिन इतिहास गवाह है कि ऐसे अपराधियों का अंजाम हमेशा ऐसा ही होता है।
अब सवाल उठता है...
क्या झारखंड में अब भी ऐसे गैंगस्टर सक्रिय हैं?
पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होना महज इत्तेफाक था या कोई गहरी साजिश?
क्या यह एनकाउंटर सच में कानून के दायरे में हुआ?
भले ही अमन साव की कहानी खत्म हो गई हो, लेकिन झारखंड की अपराध दुनिया में अब भी कई ऐसे गैंगस्टर जिंदा हैं, जिनका सफाया होना बाकी है।
What's Your Reaction?






