Bahargoda Loot: स्वर्णरेखा नदी घाटों पर बालू चोरी का बड़ा खेल, प्रशासन क्यों कर रहा नज़रअंदाज़?
बहरागोड़ा में स्वर्णरेखा नदी घाटों पर बालू चोरी का खुलासा, हर रात 50 हाइवा से अवैध बालू जमशेदपुर पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन की लापरवाही पर सवाल।
बहरागोड़ा: उपायुक्त अनन्य मित्तल के कड़े निर्देशों के बावजूद स्वर्णरेखा नदी घाटों पर बालू चोरी का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। प्रशासन ने मामूली कार्रवाइयों के जरिए खानापूर्ति की है, जबकि बड़े माफिया खुलेआम बालू चोरी कर रहे हैं।
बालू माफियाओं का बेखौफ खेल
रात होते ही स्वर्णरेखा नदी के बर्णीपाल घाट (ओडिशा की ओर) पर 50 से अधिक ट्रैक्टरों की आवाजाही शुरू हो जाती है। जेसीबी मशीनों की मदद से बालू ट्रैक्टरों में लोड किया जाता है और ओडिशा से बहरागोड़ा के रास्ते जमशेदपुर पहुंचाया जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार, प्रत्येक रात लगभग 50 हाइवा बालू लेकर जमशेदपुर जाते हैं। इसका अंदाजा लगाएं तो लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की अवैध कमाई हर रात हो रही है।
प्रशासन की लापरवाही
हालांकि प्रशासन ने कुछ ट्रैक्टरों को पकड़कर कार्रवाई की है, लेकिन हाइवा ट्रकों पर कोई सख्ती नहीं दिखाई गई है। जामशोला के पास एनएच 49 पर अवैध बालू से लदे हाइवा ट्रकों का खुलेआम खड़ा रहना प्रशासन की निष्क्रियता को दर्शाता है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि जामशोला के पास एनएच 49 पर बैरियर लगाया जाए ताकि बालू चोरी पर रोक लग सके।
प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि बालू चोरी रोकने में प्रशासन पूरी तरह विफल रहा है। गुड़ाबांदा थाना क्षेत्र में भी स्वर्णरेखा नदी के भाखर घाट पर बालू का अवैध उत्खनन जोरों पर है। यहां से भी हाइवा में लोड होकर बालू जमशेदपुर भेजा जाता है।
इतिहास और पृष्ठभूमि
स्वर्णरेखा नदी झारखंड और ओडिशा के लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण रही है। वर्षों से यहां अवैध बालू उत्खनन की खबरें आती रही हैं। बालू माफिया स्थानीय राजनीति और प्रशासनिक ढांचे का फायदा उठाकर इस अवैध कारोबार को बढ़ावा देते रहे हैं।
बहरागोड़ा और आसपास के क्षेत्रों में बालू चोरी एक गंभीर समस्या बन चुकी है। प्रशासन को चाहिए कि वह सख्ती से नियमों को लागू करे और जामशोला जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में बैरियर लगाए। इससे अवैध बालू परिवहन को रोका जा सकता है।
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