09 दिसम्बर, 2024: जमशेदपुर के उल्दा पंचायत स्थित पुतड़ू गांव में रविवार को एक दुखद खबर सामने आई। 29 वर्षीय युवक संदीप कुंडू, जो स्थानीय ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करता था, सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस घटना से गांव में शोक की लहर फैल गई है और परिजनों के बीच गम का माहौल है।
घटना का विवरण
रिपोर्ट्स के मुताबिक, संदीप कुंडू 2 दिसंबर की रात एक शादी समारोह में शामिल होने जमशेदपुर आया था। शादी के बाद जब वह अपनी बाइक से घर लौट रहा था, तो गोलमुरी इलाके के पास एक अज्ञात वाहन ने उसे जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी, जिन्होंने उसे एमजीएम अस्पताल पहुंचाया।
एमजीएम अस्पताल में डॉक्टरों ने संदीप की स्थिति को गंभीर बताते हुए प्राथमिक उपचार के बाद उसे रांची रिम्स रेफर कर दिया। परिजनों को सूचना मिलते ही वे अस्पताल पहुंच गए, लेकिन दुर्भाग्यवश रविवार को संदीप ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
परिजनों का दुःख और गांव की स्थिति
संदीप की मौत से पूरे पुतड़ू गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। संदीप के परिवार में उसकी मां, पिता और दो छोटे भाई-बहन शामिल हैं। उसके परिवारवालों का कहना है कि संदीप बहुत ही मिलनसार और मददगार था। उसकी अचानक मौत ने उनके पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वह इस गांव का होनहार युवक था, जिसने कई बार अपने गांव का नाम रोशन किया था।
इतिहास और सड़क सुरक्षा की यादें
जमशेदपुर में सड़क दुर्घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। इस शहर की सड़कें कई बार नाकामी और हादसों का गवाह बन चुकी हैं। 90 के दशक से लेकर अब तक, इस शहर में सड़क सुरक्षा की समस्या ने कई परिवारों को चुपके से दुख पहुंचाया है। सड़क पर खतरनाक और तेज गति से चलने वाले वाहन, खराब सड़कें, और ट्रैफिक नियमों की अवहेलना इस समस्या को और बढ़ाती है। अधिकारियों की ओर से सड़क सुरक्षा के उपायों का पालन न होने से ऐसी घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है।
परिवार और स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी
इस हादसे ने यह सवाल भी खड़ा किया है कि क्या प्रशासन इस दिशा में सक्रिय है या नहीं। कई नागरिकों का मानना है कि सड़क सुरक्षा के लिए सुधारात्मक कदम और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए। इसके लिए सड़क पर सुरक्षा उपायों को लागू करने, जैसे कि सड़क पर गति सीमा और सीसीटीवी कैमरे की निगरानी, को और सख्त किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, ट्रांसपोर्ट कंपनियों को भी अपने कर्मचारियों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना चाहिए।
अंतिम संस्कार और गांव का शोक
रविवार शाम, संदीप के परिजनों ने घाटशिला मऊभंडार में उसका अंतिम संस्कार किया। इस दौरान पूरे गांव में दुख और गम का माहौल था। संदीप के दोस्तों और ग्रामीणों ने उसके लिए श्रद्धांजलि अर्पित की और उसकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की।
सड़क दुर्घटनाओं से बचाव के लिए जागरूकता और सख्त नियमों की आवश्यकता है। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि यह समस्या कितनी गंभीर है और हमें इसके प्रति गंभीर कदम उठाने होंगे। संदीप कुंडू की मौत ने एक बार फिर यह याद दिलाया कि सड़क सुरक्षा हमारे जीवन की सबसे प्राथमिक जरूरतों में से एक है।