Bagbera Cleanliness Drive: डॉ. कविता परमार का बड़ा कदम, जलापूर्ति योजना पर भी चर्चा
बागबेड़ा में कचरा प्रबंधन और जलापूर्ति योजना को लेकर जिला पार्षद डॉ. कविता परमार का बड़ा कदम। उपायुक्त अनन्य मित्तल और सांसद विद्युत वरण महतो ने समाधान का दिया आश्वासन।
बागबेड़ा, झारखंड – सालों से कचरे के अंबार में घिरे बागबेड़ा की जनता को राहत दिलाने के लिए जिला पार्षद डॉ. कविता परमार ने बड़ा कदम उठाया है। कचरा प्रबंधन और जलापूर्ति योजना को लेकर उनकी सक्रियता क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।
डॉ. परमार ने सोमवार को उपायुक्त अनन्य मित्तल से मुलाकात कर बागबेड़ा में कचरा प्रबंधन व्यवस्था लागू कराने को लेकर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जब तक क्षेत्र को कचरा मुक्त नहीं किया जाता, तब तक वे और उनके सहयोगी इस मुद्दे पर संघर्ष जारी रखेंगे।
कचरा प्रबंधन की भयावह स्थिति
बागबेड़ा में वर्षों से कचरा प्रबंधन की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। जगह-जगह लगे कचरे के ढेरों से स्थानीय लोग परेशान हैं। साल में एक या दो बार ही कचरे का उठाव किया जाता है, जो इस समस्या का अस्थायी समाधान है।
डॉ. परमार ने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलकर इस मुद्दे को प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) के समक्ष उठाया था। उन्होंने संकल्प लिया कि जब तक समुचित कचरा प्रबंधन लागू नहीं होता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
उपायुक्त से मुलाकात में क्या हुआ?
उपायुक्त अनन्य मित्तल से वार्ता के दौरान सांसद विद्युत वरण महतो भी उपस्थित रहे।
डॉ. परमार ने उपायुक्त से आग्रह किया कि बागबेड़ा में कचरा प्रबंधन के लिए स्थायी समाधान निकाला जाए। उपायुक्त ने गंभीरता को समझते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी और बाजार समिति के सचिव को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
जलापूर्ति योजना पर भी चर्चा
बैठक के दौरान बागबेड़ा वृहद जलापूर्ति योजना को लेकर भी चर्चा हुई। जलापूर्ति योजना लंबे समय से अधर में लटकी हुई है, जिससे क्षेत्र की जनता को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। सांसद विद्युत वरण महतो ने भरोसा दिलाया कि वे इस समस्या के समाधान के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।
कौन थे मौजूद?
इस बैठक में पंचायत समिति सदस्य झरना मिश्रा, किशोर सिंह समेत अन्य प्रमुख लोग भी उपस्थित रहे। सभी ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए सहयोग का वादा किया।
डॉ. परमार का संकल्प
डॉ. परमार ने स्पष्ट किया कि यह लड़ाई केवल कचरा प्रबंधन तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि क्षेत्र की अन्य आधारभूत समस्याओं के समाधान के लिए भी वे संघर्षरत रहेंगी।
What's Your Reaction?