Bagbeda Waste Management: बागबेड़ा कचरा को लेकर संकट: पंचायत प्रतिनिधियों ने खत्म करने का लिया संकल्प!
बागबेड़ा में कचरा प्रबंधन की समस्या को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों ने गंभीरता दिखाई, जिला पार्षद डॉ. कविता परमार ने इस मुद्दे को उठाते हुए प्रशासन से कचरा प्रबंधन व्यवस्था लागू कराने की मांग की।
बागबेड़ा, एक ऐसा क्षेत्र जहाँ वर्षों से कचरे का अंबार लगा हुआ है, यहाँ की जनता को हर रोज़ कचरे से जूझते हुए जीवन व्यतीत करना पड़ता है। क्षेत्र में कचरा प्रबंधन की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है, और यही कारण है कि लोग हमेशा गंदगी से घिरे रहते हैं। कोई विशेष सफाई व्यवस्था नहीं होने के कारण यहाँ साल में एक-दो बार ही कचरे का उठाव होता है। लेकिन अब बागबेड़ा के लोग इस समस्या का समाधान चाहते हैं, और इसके लिए पंचायत प्रतिनिधियों ने एक साथ कदम उठाया है।
समाधान के लिए पंचायत प्रतिनिधियों का संकल्प
बागबेड़ा क्षेत्र में कचरे के संकट का हल ढूंढने के लिए जिला पार्षद डॉ. कविता परमार ने हाल ही में पंचायत प्रतिनिधियों के साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी श्री सुमित प्रकाश से मुलाकात की। इस बैठक में, डॉ. परमार ने कचरा प्रबंधन की ठोस व्यवस्था लागू कराने की अपील की। उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया और यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया कि जब तक कचरा प्रबंधन की प्रणाली क्षेत्र में लागू नहीं हो जाती, वे चुप नहीं बैठेंगे।
डॉ. कविता परमार ने कहा, “हम सभी पंचायत प्रतिनिधि इस अभियान को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। हमारी प्राथमिकता यह होगी कि हम प्रशासन से इसे लागू कराने के लिए लगातार दबाव बनाए रखें।”
पंचायत प्रतिनिधियों का दृढ़ संकल्प
बैठक के दौरान पंचायत प्रतिनिधियों ने कचरा प्रबंधन के विषय को एक सामाजिक आंदोलन के रूप में स्वीकार किया। उन्होंने संकल्प लिया कि जब तक इस मुद्दे पर उचित समाधान नहीं मिलता, तब तक वे चुप नहीं बैठेंगे। उनके मुताबिक, कचरा प्रबंधन की समस्या न केवल स्वास्थ्य संकट उत्पन्न कर रही है, बल्कि यह क्षेत्र की सुंदरता और पर्यावरण को भी प्रभावित कर रही है।
इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख लोग जैसे मुखिया राजकुमार गौड़, जमुना हांसदा, धनमुनि मारडी, पंचायत समिति सदस्य राजू सिंह, किशोर सिंह, सुशील कुमार, केडी मुंडा और वार्ड सदस्य रूपा कुमारी ने अपनी आवाज़ उठाई और प्रशासन से शीघ्र समाधान की मांग की।
इतिहास की परिप्रेक्ष्य में कचरा प्रबंधन
कचरा प्रबंधन एक ऐसा मुद्दा है जो समय-समय पर हमारे समाज में उठता रहा है। पुराने समय में, जब जनसंख्या कम थी और उद्योगों का फैलाव नहीं था, तब कचरे की समस्या इतनी गंभीर नहीं थी। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, और विशेषकर शहरीकरण के बढ़ने के साथ यह समस्या विकराल होती गई। बागबेड़ा जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी कचरा प्रबंधन की कमी ने सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को जन्म दिया है।
समाज की भागीदारी: क्यों महत्वपूर्ण है यह संकल्प
कचरे का सही तरीके से प्रबंधन केवल प्रशासन का ही काम नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक और पंचायत प्रतिनिधि का भी दायित्व बनता है। यदि हम अपनी पृथ्वी और पर्यावरण के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं, तो यह अत्यंत जरूरी है कि हम कचरा प्रबंधन की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें। बागबेड़ा में जो पंचायत प्रतिनिधि यह कदम उठा रहे हैं, वह इस दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
अब यह देखने वाली बात होगी कि क्या इन प्रतिनिधियों का यह संकल्प कचरा प्रबंधन की समस्या का स्थायी समाधान लेकर आएगा या फिर यह भी सिर्फ एक अस्थायी उपाय बनकर रह जाएगा।
कचरे की समस्या का समाधान बागबेड़ा के लिए महत्वपूर्ण है, और इसके लिए डॉ. कविता परमार और अन्य पंचायत प्रतिनिधियों की पहल एक सकारात्मक कदम है। जब तक कचरे की समस्या हल नहीं होती, तब तक इन प्रतिनिधियों का संघर्ष जारी रहेगा। यह एक उदाहरण है कि कैसे एक छोटी सी पहल बड़ी समस्याओं का समाधान कर सकती है।
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