India's DIR-V Program: कैसे सी-डैक ने भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया!

DIR-V प्रोग्राम ने भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। जानिए कैसे सी-डैक की VEGA माइक्रोप्रोसेसर श्रृंखला और नवीनतम विकास बोर्डों ने देश में तकनीकी क्रांति की शुरुआत की।

Jan 11, 2025 - 18:02
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India's DIR-V Program: कैसे सी-डैक ने भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया!
India's DIR-V Program: कैसे सी-डैक ने भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया!

भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में एक नई क्रांति का सूत्रपात हो चुका है। DIR-V (डीआईआर-V) कार्यक्रम के तहत, भारत सरकार ने देश के सबसे बड़े तकनीकी लक्ष्यों में से एक को पूरा किया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से सी-डैक (Centre for Development of Advanced Computing) ने भारत के पहले स्वदेशी 64-बिट मल्टी-कोर RISC-V आधारित माइक्रोप्रोसेसरों की VEGA श्रृंखला का डिजाइन और विकास किया है। यह भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में एक ऐतिहासिक कदम है, जो दुनिया भर में भारत की तकनीकी ताकत को साबित करता है।

VEGA प्रोसेसरों का डिज़ाइन: एक नई दिशा

भारत का स्वदेशी VEGA प्रोसेसर एक शक्तिशाली और उच्च प्रदर्शन वाला प्रोसेसर है, जो RISC-V इंस्ट्रक्शन सेट आर्किटेक्चर (ISA) पर आधारित है। VEGA श्रृंखला में 32-बिट और 64-बिट सिंगल, डुअल और क्वाड-कोर सुपरस्केलर प्रोसेसर कोर शामिल हैं, जो विभिन्न उद्योगों और उपयोगकर्ताओं की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इस प्रोसेसर की विशेषता है कि यह 'आउट-ऑफ-ऑर्डर' प्रोसेसिंग तकनीक का समर्थन करता है, जिससे कंप्यूटर सिस्टम की गति और क्षमता में काफी वृद्धि होती है।

भारत की तकनीकी स्वतंत्रता की ओर एक कदम

DIR-V कार्यक्रम के तहत इस सफलता ने भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। RISC-V जैसे खुले मानक आर्किटेक्चर का उपयोग भारत को अपनी तकनीकी जरूरतों के लिए विदेशी आपूर्ति पर निर्भरता कम करने में मदद करता है। सी-डैक ने इस प्रोग्राम के तहत कई प्रौद्योगिकियों को विकसित किया है, जो अब देश की रक्षा, औद्योगिक, और शैक्षिक प्रणालियों में उपयोगी साबित हो रही हैं।

एक ऐतिहासिक उपलब्धि: THEJAS64 SoC ASIC

सी-डैक ने हाल ही में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जब उन्होंने SCL 180nm में सिंगल कोर VEGA प्रोसेसर आधारित THEJAS64 SoC (System on Chip) का सफल निर्माण किया। यह भारत में माइक्रोप्रोसेसर तकनीक की एक बड़ी उपलब्धि है, जो पूरी तरह से स्वदेशी है। THEJAS64 SoC चिप विभिन्न एम्बेडेड और औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त है, और इससे भारत की तकनीकी स्वतंत्रता को नया आयाम मिला है।

ARIES NOVA और ECO: नई विकास बोर्डों की शुरुआत

सी-डैक ने हाल ही में ARIES NOVA और ECO विकास बोर्डों का शुभारंभ किया है, जो एम्बेडेड सिस्टम विकास के लिए एक नया और उन्नत हार्डवेयर प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करते हैं। ARIES NOVA विशेष रूप से IoT (Internet of Things) और किफायती रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जबकि ARIES ECO बोर्ड में बहु-संचार इंटरफेस और GPIO सपोर्ट है, जो इसे विभिन्न प्रकार के पावर विकल्पों के साथ स्टैंडअलोन ऑपरेशन के लिए उपयुक्त बनाता है।

सरकार का समर्थन और सी-डैक की भूमिका

इस कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान, माननीय रेल, सूचना और प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, श्री अश्विनी वैष्णव ने VEGA विकास बोर्डों और स्वदेशी प्रोसेसर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने भारत के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सी-डैक के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के नवाचार से भारत की तकनीकी स्वतंत्रता में वृद्धि होगी और आयातित प्रौद्योगिकियों पर निर्भरता कम होगी।

सी-डैक का योगदान

सी-डैक ने तीन दशकों से अधिक समय से भारत के तकनीकी परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके निरंतर प्रयासों और शोध से आज DIR-V कार्यक्रम का यह ऐतिहासिक परिणाम सामने आया है, जो न केवल भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत के स्थान को भी मजबूत करता है।

DIR-V कार्यक्रम के माध्यम से स्वदेशी VEGA प्रोसेसर का विकास भारत की तकनीकी यात्रा को एक नई दिशा देता है। इस सफलता ने न केवल भारत को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि वैश्विक तकनीकी मानकों के मुकाबले एक नई पहचान दी है। सी-डैक के इस प्रयास से भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में एक नई क्रांति का सूत्रपात हुआ है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।