गुरु ( बृहस्पति ग्रह )खराब होने के लक्षण (9 संकेत ) | guru kharab hone ke lachhan in hindi
गुरु ( बृहस्पति ग्रह )खराब होने के लक्षण (9 संकेत ) | guru kharab hone ke lachhan in hindi
गुरु खराब होने के लक्षण
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार वृहस्पति देवताओं के गुरु जिस कारण उन्हें गुरु बृहस्पति सम्मान रूप में कहा जाता था वह किसी भी औपचारिक और अनौपचारिक घटना में देवी देवताओं का मार्गदर्शन करते थे गुरु एक ऐसा ग्रह है जो आम जीवन में हमारे ऊपर बहुत प्रभाव डालता है |
हमारे कुंडली में गुरु किस घर में है और उसे कौन कौन ग्रह देख रहा है इससे हमारे जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है अगर हमारे कुंडली में कोई ग्रह कमजोर है या पीड़ित है तो अवश्य ही उसके शुभ प्रभाव कम जाते हैं और कमजोर ग्रह हमारे कुंडली के किसी भी भाव में नकारात्मक फल देता है या फल में कमी लाता है|
आज इस लेख के माध्यम से गुरु खराब होने के लक्षण क्या क्या होते हैं उसके बारे में हम प्रकाश डालेंगे
गुरु खराब होने के लक्षण
हिंदू ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से बृहस्पति हमारे जीवन में सुख सुविधा और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करते हैं देव गुरु बृहस्पति अत्यंत शुभ फलदायक होते हैं जिसके प्रभाव से हमारे सुख और ज्ञान का विधि होता है |
गुरु हमारे कुंडली में शिक्षा धर्म अध्यात्म लंबी दूरी की यात्रा हमारा भाग्य कर्ज से मुक्ति और मोक्ष का कारण बनते हैं अपितु अगर जरा हमारे कुंडली में कमजोर हुआ तो सबका बुरा प्रभाव पड़ता है
अभी भी हमारे समाज में बहुत सारे लोगों के पास कुंडली नहीं होती है परंतु कुछ ग्रह के प्रभाव हम स्वता ही देख सकते हैं कि ग्रह कमजोर है या हमें बुरा प्रभाव दे रहा है तो इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे |
- शिक्षा और ज्ञान प्राप्ति में बाधा
देव गुरु हमारे ज्ञान और शिक्षा का कारण होते हैं अगर हमारे कुंडली में गुरु खराब है तो हमें ज्ञान प्राप्त करने में बहुत सारे बाधाएं का सामना करना पड़ सकता है तथा हमारा शिक्षा रुक रुक कर भी आगे बढ़ सकता है अक्सर ऐसा देखा गया है कि जिन का गुरु कमजोर होता है उस व्यक्ति का स्मरण शक्ति भी कमजोर हो जाता है|
शिक्षा में होगा कि अच्छा नहीं कर सकता कुंडली में गुरु खराब होने से व्यक्ति की पढ़ाई में रुचि नहीं रहती है तथा उसका मन शिक्षा के प्रति द्वार की भावना से देखता है |
अभी भी हमारे समाज में बहुत सारे लोगों के पास कुंडली नहीं होती है परंतु कुछ ग्रह के प्रभाव हम स्वता ही देख सकते हैं कि वगैरह कमजोर है या हमें बुरा प्रभाव दे रहा है तो इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे
- काल्पनिक दुनिया में खोए रहना
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में देवकी खराब हो तो व्यक्ति अपने द्वारा बनाए गए कल्पना की दुनिया में अक्सर ही खोए रहता है और कल्पना की दुनिया से ही वह अपने आप जो अच्छी अनुभूति करता है और खुश रहता है वह अपनी कल्पना की दुनिया से बाहर आना नहीं चाहता है उसे अपनी कल्पना की दुनिया में वह अपने आप को श्रेष्ठ देखता है |
गुरु खराब होने के लक्षण में अक्सर ऐसा देखा गया है कि कल्पना की दुनिया में कोई रहने वाला व्यक्ति अगर कुंडली में चंद्रमा की अच्छी ना हो तो इसका दुष्परिणाम देखने का अवसर मिलता है ऐसा व्यक्ति को डिप्रेशन तक की बीमारी हो जाती है तथा उन्हें सारी चीजों की मदद लेनी पड़ती है वह अपनी कल्पना की दुनिया के माध्यम से बनाते हैं |
- शिक्षक या गुरु अच्छे नहीं मिलते
मनुष्य को आगे बढ़ना है तो उसे किसी अच्छे गुरु अच्छे शिक्षक की जरूरत पड़ती है अगर आपकी कुंडली में आपका गुरु खराब है या कमजोर स्थिति में है तो आपको अच्छे गुरु मिलना मुश्किल हो जाएगा और जैसा कि आप जानते हैं अच्छे गुरू और अच्छे शिक्षक हमारे विघ्न बाधा को दूर करते हैं और हमारा मार्ग प्रशस्त करते हैं और हमें मानसिक शांति प्रदान करते हैं जिसके माध्यम से हम अपनी बाधाओं को दूर करते हैं |
- सही गलत चुनने की क्षमता घट जाती है
हमारे जीवन में आने वाले बहुत से पढ़ाओ जहां हमें दो रास्ते दिखते हैं और हमारी ज्ञानेंद्रियां हमें मदद करती है कि हम अपने लिए उत्तम रास्ता चुन सकते हैं परंतु अगर गुरु ग्रह आपकी कुंडली में खराब भाव में है या किसी खराब करा के प्रकोप में हैं तो आपके द्वारा चुना गया रास्ता गलत ही होता है अक्सर आप देखे होंगे कि आप निर्णय लेने की क्षमता घट जाती है और आपके जीवन में सुख सुविधा की रास्ता आप नहीं सुन पाते हैं जिससे आपके जीवन की प्रगति थम जाती है
- नैतिकता में कमी आ जाती है
कुंडली में गुरु करा की खराब स्थिति के कारण व्यक्ति के जीवन में नैतिकता काम कोई महत्व नहीं बचता ऐसे व्यक्ति बड़ों का आदर भी नहीं करते गुरु का सम्मान भी नहीं करते और अनैतिक कार्यों में लीन हो जाते हैं |
अपने संस्कारों को भूल जाते हैं ऐसे व्यक्ति को बचपन में उसका कार्य का संस्कार नहीं मिल पाता जो उन्हें आदर्श व्यक्ति बनने में मदद करती है |
- ज्ञान का अहंकार हो जाना
जिन व्यक्तियों के कुंडली में वृहस्पति करा पीड़ित हो उनके अंदर एक अहंकार भर जाता है वह अपने विनम्रता को त्याग कर देते हैं और खराब व्यक्ति की तरह सब पर अनावश्यक अहंकार करते हैं |
जिस व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति मजबूत हो वह कभी अपने ज्ञान का हंकार नहीं करते हुए अपने ज्ञान को बढ़ाते हैं और अपने ज्ञान को सुचारू रूप से जहां उपयोगी हो वहां बांटते हैं जिनसे उनका ज्ञान और बढ़ता है और वह दूसरे मनुष्यों के भी काम आते हैं जिससे उनकी विवेक की पहचान होती है |
- पाचन ठीक से नहीं होता
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर हो जो अक्सर वह व्यक्ति पाचन क्रिया की समस्या से परेशान रहता है तथा उसके पैरों में दर्द होती है आते कमजोर होती है और बहुत सारे लोग जो पेट से संबंधित होते हैं वह नहीं होती है गुरु ग्रह का ठीक ना होना पाचन क्रिया में बाधित होता है |
- नास्तिक हो जाना
ग्रुप स्थिति है हमारे कुंडली में खराब होने से व्यक्ति सामान्यता नास्तिक बन जाता है वह किसी भी देवी-देवताओं पर विश्वास नहीं रखता उसकी आस्था खत्म हो जाती है वह धर्म-कर्म के कार्यों को अंधविश्वास समझता है और काला जादू पर विश्वास करने लगता है|
अगर वह देवी देवताओं की पूजा करता तो उसके मन में कुछ ना कुछ पाने की लालसा होती परंतु वह पूजा में विश्वास नहीं करता और अपने मन का करता है जो कि अनैतिक कार्य होता है
- गलत काम करने में पछतावा ना होना
जिस किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु होता है वह व्यक्ति अनायास ही गलत काम करता है जो चोरी करना उस लेना आदि जैसे कार्य करता है और उसका गलत कामों में झुकाव ज्यादा हो जाता है अगर वह उचित तक पहुंच जाए तो गरीबों का शोषण करने में कोई पछतावा नहीं करता उसके अंदर दया खत्म हो जाती है वह गरीबों को आ कर पाता है |
दोस्तों यह मेरा लेख आपको कैसा लगा गुरु ( बृहस्पति ग्रह )खराब होने के लक्षण (9 संकेत ), आशा है या लिखा को पसंद आई होगी अगर आप ध्यान दें तो ग्रुप खराब होने के लक्षण किसी व्यक्ति में झलक ही जाते हैं अगर आप कुंडली देख नहीं पा रहे हैं तो उसके लक्षण उसे आप पहचान सकते हैं कि उस व्यक्ति का ग्रुप खराब है आप इस लेख को अपने दोस्तों के साथ साझा करें अपने परिवारों के साथ शेयर करें और अगर कुछ आपके मन में कुछ सवाल है तो हमें जरूर कमेंट करें उसका जवाब देने की कोशिश करेंगे|
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