Good Friday 2025: क्रूस पर चढ़े यीशु की याद में क्यों रोता है पूरा ईसाई जगत? जानिए Good Friday 2025 का इतिहास और महत्व

गुड फ्राइडे 2025 को लेकर दुनियाभर के ईसाई समुदाय में खास श्रद्धा है। जानिए ईसा मसीह की सूली पर चढ़ने की कहानी, इसका इतिहास, धार्मिक महत्व और इस दिन को मनाने की परंपरा।

Apr 16, 2025 - 17:05
 0
Good Friday 2025: क्रूस पर चढ़े यीशु की याद में क्यों रोता है पूरा ईसाई जगत? जानिए Good Friday 2025 का इतिहास और महत्व
Good Friday 2025: क्रूस पर चढ़े यीशु की याद में क्यों रोता है पूरा ईसाई जगत? जानिए Good Friday 2025 का इतिहास और महत्व

क्या आप जानते हैं कि एक दिन ऐसा भी आता है जिसे 'ब्लैक फ्राइडे', 'ग्रेट फ्राइडे' और 'हॉली फ्राइडे' जैसे कई नामों से जाना जाता है? यह दिन सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि एक ऐसी भावना है जो इंसानियत, बलिदान और उद्धार की मिसाल बन चुकी है।

हर साल अप्रैल के महीने में ईसाई समुदाय एक ऐसा दिन मनाता है, जो न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि ऐतिहासिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है—गुड फ्राइडे। वर्ष 2025 में यह दिन 18 अप्रैल को मनाया जाएगा, यानी ईस्टर संडे (20 अप्रैल) से दो दिन पहले।

क्या है गुड फ्राइडे की कहानी?

गुड फ्राइडे को लेकर लोगों के मन में हमेशा एक सवाल होता है—“जिस दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया, वह ‘गुड’ कैसे हो सकता है?” इसका जवाब छिपा है उस त्याग और प्रेम में जो ईसा ने मानवता के लिए दिखाया।

इतिहास में झाँकें तो न्यू टेस्टामेंट के अनुसार, यह वही दिन था जब ईसा मसीह को रोम के गवर्नर पॉन्तियस पिलातुस के आदेश पर सूली पर चढ़ा दिया गया था। यहूदी धार्मिक नेताओं ने उन पर ईश्वर का पुत्र होने का दावा करने का आरोप लगाया, जिसे ईशनिंदा (ब्लैस्पैमी) माना गया।

बिना किसी पुख्ता सबूत के, एक भीड़ भरे ट्रायल में ईसा को मृत्यु दंड दिया गया। उन्हें अपने कंधों पर लकड़ी का भारी क्रॉस उठाकर उस जगह तक ले जाया गया जहां उन्हें क्रूस पर चढ़ाया गया।

क्यों मनाया जाता है यह दिन?

गुड फ्राइडे एक ऐसा दिन है जो शोक, चिंतन और आत्ममंथन के लिए जाना जाता है। यह दिन न सिर्फ ईसा के बलिदान की याद दिलाता है, बल्कि यह भी सिखाता है कि प्रेम और क्षमा में कितनी शक्ति होती है।

ईसाई समुदाय इस दिन विशेष प्रार्थना सभाओं, व्रत, बाइबिल पठन और मौन जुलूसों के माध्यम से ईसा के अंतिम क्षणों को याद करता है। चर्चों में घंटियां नहीं बजतीं, मूर्तियों को ढक दिया जाता है, और रोशनी कम कर दी जाती है—ताकि माहौल पूरी तरह से गंभीर और भावुक बना रहे।

क्यों कहा जाता है इसे "गुड" फ्राइडे?

अब सवाल यह उठता है — इतने दर्दनाक दिन को "गुड" यानी अच्छा क्यों कहा जाता है?

दरअसल, पुरानी अंग्रेज़ी में "गुड" का अर्थ "होली" यानी "पवित्र" भी होता है। Slate वेबसाइट और ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी के अनुसार, पहले ईस्टर से पहले बुधवार को "गुड वेडनेसडे" कहा जाता था, जिसे अब "होली वेडनेसडे" कहा जाता है। ठीक उसी तरह, गुड फ्राइडे को भी "होली फ्राइडे" के रूप में माना जाता था।

हालांकि, इसे कुछ जगहों पर "ब्लैक फ्राइडे" या "ग्रेट फ्राइडे" के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन मान्यता है कि यीशु के बलिदान से ही ईस्टर का प्रकाश फूटता है, इसलिए यह दिन अंधकार से प्रकाश की ओर यात्रा का प्रतीक बन जाता है।

गुड फ्राइडे का इतिहास और महत्व

गुड फ्राइडे का इतिहास ईसाई धर्म के मूल सिद्धांतों से जुड़ा हुआ है। ईसा मसीह की मृत्यु को मानवता के पापों का प्रायश्चित माना जाता है। यह विश्वास है कि उन्होंने अपनी जान देकर सभी इंसानों के पाप धो दिए और पुनर्जन्म के द्वार खोल दिए।

यह दिन ‘पुनरुत्थान’ यानी रेजरेक्शन की शुरुआत का प्रतीक है, जो ईस्टर संडे पर पूरा होता है—जब यह विश्वास किया जाता है कि ईसा मसीह फिर से जीवित हो उठे थे।

क्या होती हैं इस दिन की प्रमुख परंपराएं?

  • ईसाई इस दिन व्रत रखते हैं और मांसाहार से परहेज़ करते हैं।

  • चर्चों में तीन घंटे की विशेष आराधना की जाती है, जो दोपहर 12 से 3 बजे तक होती है—यह वही समय माना जाता है जब ईसा ने क्रूस पर अपने प्राण त्यागे थे।

  • कई जगह साइलेंट प्रोसेशन्स निकाले जाते हैं, जिसमें ईसा के अंतिम सफर को दर्शाया जाता है।

गुड फ्राइडे 2025: क्या रहेगा खास?

2025 में गुड फ्राइडे 18 अप्रैल को पड़ेगा, जो शुक्रवार है। भारत समेत दुनियाभर में इस दिन को लेकर सार्वजनिक अवकाश होता है। स्कूल, बैंक, और सरकारी दफ्तरों में छुट्टी रहती है। इसके अलावा कई जगह शराब की दुकानों और बारों को भी बंद रखने के आदेश दिए जाते हैं ताकि वातावरण धार्मिक और शांतिपूर्ण बना रहे।


गुड फ्राइडे केवल एक धर्म विशेष का दिन नहीं है, बल्कि यह हर इंसान के भीतर मौजूद करुणा, क्षमा और प्रेम की भावना को पुनर्जीवित करने का अवसर है। ईसा मसीह की सूली पर चढ़ने की यह गाथा आज भी इंसान को उसकी गलतियों, पश्चाताप और नई शुरुआत की प्रेरणा देती है।

तो इस गुड फ्राइडे पर, आइए कुछ पल रुककर विचार करें—कि क्या हम भी किसी के लिए अपनी ‘छोटी-छोटी कुर्बानियां’ देकर किसी की जिंदगी बेहतर बना सकते हैं?


What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।