नवरात्रि का शुभारंभ: माता वैष्णो देवी धाम में धूमधाम से विशेष पूजा
नवरात्रि की शुरुआत पर माता वैष्णो देवी धाम में विशेष पूजा अर्चना हुई। जानें पहले दिन की पूजा और उसका महत्व।
गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024 को, नवरात्रि की शुरुआत हुई। इस अवसर पर उलदा में स्थित माता वैष्णो देवी धाम मंदिर में सुबह विशेष पूजा का आयोजन किया गया। मंदिर के मुख्य पुजारी राहुल शास्त्री ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश स्थापित किया। इस पूजा के दौरान, 501 श्रद्धालुओं के कलश को भी पूजा अर्चना कर स्थापित कराया गया।
पुजारी राहुल शास्त्री ने बताया कि नवरात्रि के दौरान मंदिर में नौ दिनों तक विशेष पूजा अर्चना का आयोजन होगा। हर दिन देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी। पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्मांडा, पांचवे दिन स्कंध माता, छठे दिन कात्यायिनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी, और नौवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा होगी।
नवरात्रि का यह पर्व भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। भक्तगण इन नौ दिनों में व्रत रखते हैं और मां की पूजा करते हैं। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दिन सफेद रंग का विशेष महत्व होता है। माता को प्रसन्न करने के लिए सफेद फूल, वस्त्र और मिठाई चढ़ाना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि मां शैलपुत्री की पूजा करने से कुंवारी कन्याओं को अच्छे वर की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही, घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती। यह पूजा परिवार में सुख-शांति और समृद्धि लाने के लिए भी की जाती है।
नवरात्रि के पहले दिन की पूजा में भक्तों का उत्साह देखने लायक था। भक्तगण पारंपरिक वस्त्र पहनकर मंदिर पहुंचे। उन्होंने माता की भक्ति में गीत गाए और भजन किए। मंदिर परिसर में भक्ति का माहौल छाया रहा। श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे के साथ मिलकर माता की स्तुति की और उनकी कृपा के लिए प्रार्थना की।
पुजारी ने बताया कि नवरात्रि का यह पर्व न केवल पूजा का समय है, बल्कि आत्मिक उन्नति का भी है। भक्तगण इन दिनों में ध्यान और साधना करते हैं। मंदिर में हर रोज विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इनमें भक्तों के लिए भजन संध्या, कथाएँ और कीर्तन भी शामिल होंगे।
नवरात्रि का यह पर्व सभी के लिए सुख, शांति, और समृद्धि लेकर आए। भक्तों ने इस अवसर का भरपूर आनंद लिया और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए मां से आशीर्वाद मांगा। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी हर वर्ष की तरह इस बार भी बहुत अधिक है।
इस तरह, नवरात्रि का यह पर्व न केवल धार्मिकता का प्रतीक है, बल्कि समाज में एकता और भक्ति की भावना को भी जागृत करता है। माता वैष्णो देवी धाम में इस नवरात्रि के पर्व का आयोजन भक्तों के लिए एक अद्भुत अनुभव साबित होगा।
What's Your Reaction?