कुंडली में खराब राहु के लक्षण और लाल किताब के उपाय | Kharab Rahu ki lakshan and Samadhan Lala kitab
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु एक छाया ग्रह है राहु स्वर भानु नामक दानव के सिर है यह एक विषम परिस्थिति का उत्तर है जब समुद्र मंथन के समय मोहिनी अवतार डूबी भगवान विष्णु के स्वभाव अनु का सर धड़ से अलग कर दिया था तो सर राहु तथा केतु कहलाया यह जातक के जीवन एवं पूरी सृष्टि पर अत्यधिक प्रभाव डालता है|
ज्योतिष के अनुसार राहु एक छाया ग्रह है जो स्थान व साथी ग्रह के अनुसार जातक के जीवन में परिणाम देता है खगोलीय दृष्टि से राहु का कोई अस्तित्व नहीं है परंतु राहु का वैदिक ज्योतिष में काफी महत्व माना जाता है राहु को ज्योतिष के अनुसार अशुभ माना गया है राहु और केतु मिलकर सूर्य व चंद्र ग्रहण लगाने का कारक बनते हैं अगर किसी कुंडली में राहु खराब स्थान पर बैठ जाता है तो वह जातक के जीवन को किस तरह विपत्ति की ओर ले जाता है इस लेख में हम राहु के कारण उपाय व परिणाम जानेंगे
राहु की दशा
- राहु की दशा 18 साल की होती है|.
- राहु के आने पर चातक आडंबर पिए हो जाता है |
- राहु के कारण जातक प्रदर्शनकारी हो जाता है वह अपने आप को अभिमानी महसूस करता है परंतु उसके अंदर खालीपन रहता है
- राहु असुर है और असुर का अर्थ सुर में ना होना
- राहु को राजनीति, नशा ,छल ,प्रचंड , लॉटरी ,अपराधिक प्रवृत्ति, गुप्त विद्या ,जादू ,झूठ, दम्मा ,वायु संबंधित रोग, इंफेक्शन संक्रमण और सभी प्रकार के अचानक होने वाली घटना दुर्घटना का कारण माना जाता है|
- राहु जातक को अत्यधिक उत्साही भी बनाता है जो बाद में समस्या का कारण बनता है |
- राहु की दशा वह अंतर्दशा में साफ सफाई का ज्यादा ध्यान होता है क्योंकि राहु एक शर्त है
- राहु जिस किसी राशि के ऊपर संचरण करता है उस राशि में विश्व का भय बना रहता है विषाक्त की क्षमता कम या ज्यादा हो सकती है
- राहु विश्व कारक होता है इसलिए जंगल या झाड़ी में नहीं जाना चाहिए
- कीड़े मकोड़ों और मथुरा आदि से बचना चाहिए अपितु राहु अशुभ प्रभाव के साथ-साथ राजयोग का कारक भी होता है
- कुंडली में राहु केतु और युद्ध के आधार पर फल घटित होता है राहु हेल्थ के लिए अच्छा नहीं माना जाता है क्योंकि राहु विश है
- राहु का प्रभाव होने पर फूड पॉइजनिंग का खतरा मंडराता रहेगा।
- राहु की वजह से किसी प्रकार की एलर्जी का भी सामना करना पड़ सकता है।
- इन दिनों यूरीन इंफेक्शन होने की आशंका भी बहुत बढ़ जाती हैं।
- राहु गुटका खाने के लिए प्रेरित करता है।
- राहु से मलेरिया भी हो सकता है। ज्योतिष के अनुसार राहु जिस राशि से गुजरता है , वहां पर अपने विष का प्रभाव अवश्य छोड़ता है।
कैसे होता है राहु खराब :
- शौचालय का गंदा रहना
- पेट के बल ही सोना
- अतीत का रोना रोना और भविष्य की कल्पना करना
- घर की दहलीज का दब जाना
- सीढ़ी का वास्तु के अनुसार बनाना होना
- काला जादू तंत्र मंत्र टोना टोटका के चक्कर में पड़ना
- अनावश्यक कल्पना आसन का डर और बेचैनी का बना रहेगा
- रात को नींद ना आना रातों को सपने ही देखना
- दिमाग में विचार या निर्णय का बार-बार बदलते रहना
- पानी आग बुझाई से डरना
- किसी पर भी विश्वास नहीं करना
- दूसरों के खिलाफ षड्यंत्र की बातें सोचना
- भयभीत करने वाले स्वप्नाना
- अचानक शरीर अकड़ने लगना
- बेकार के दुश्मन पैदा करना
- बेईमान या धोखेबाज बन जाना
- मद्यपान करना
- अति संभोग करना
- सिर में चोट लग जाना घटना दुर्घटना का बढ़ जाना
- गिरीश कला करते रहना
- दिमाग में भ्रम पैदा करना
- राहु वाले स्थान जैसे कि मांस मटन बिकता है शराब बिक्री
राहु ग्रह के कारण कौन से रोग या बीमारियां होती हैं:
- अनिद्रा
- उदर रोग
- मस्तिष्क से संबंधी रोग
- मानसिक चिंताएं
- हड्डी
- चर्म रोग
राहु को अच्छा करने के उपाय:
- पीने के पानी की सफाई पर विषेश ध्यान देना चाहिए। पानी को फिल्टर करके या फिर उबाल कर पीएं। जब तक राहु से प्रभावित हों तब तक पानी में पनपने वाले बैक्टीरिया इन लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- बासी खाना इन्हें नहीं खाना चाहिए।
- राहु के कुप्रभावों से बचने के लिए बहुत कायदे से नहाना चाहिए।
- चंदन का परफ्यूम लगाना चाहिए, क्योंकि राहु सर्प है और चंदन के ऊपर सर्प के विष का प्रभाव नहीं पड़ता है, ‘चंदन विष व्यापत नहीं लिपटे रहत भुजंग’।
- हाथ-पैर के नाखून काट कर रखें, खाने से पहले हाथ धोएं।
- चंदन सोप और पाउडर का प्रयोग करना चाहिए, इससे राहु शांत होता है।
- मच्छरों और मक्खियों की रोक थाम के लिए कारगर कदम उठाएं।
- आवारा कुत्तों को ब्रेड या रोटी खिलाएं, न खाने पर भी प्रयास जारी रखें।
- गुटखा या तंबाकू आदि का सेवन करते हों तो तुरंत बंद कर दें, क्योंकि राहु कैंसर का भी कारक होता है।
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