नवरात्रि के दूसरे दिन करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और विधि!
शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, पसंदीदा रंग और भोग की जानकारी। जानें कैसे पाएं सुख, समृद्धि और ज्ञान।
3 अक्टूबर 2024: शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। मां ब्रह्मचारिणी को ध्यान, ज्ञान और वैराग्य की देवी के रूप में पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूरे विधि-विधान से मां की पूजा करने से परिवार में सुख और समृद्धि का वास होता है। मां ब्रह्मचारिणी का उद्भव ब्रह्मा जी के कमंडल से हुआ था, इसलिए उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व:
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से भक्तों को ज्ञान और ध्यान की प्राप्ति होती है। उनकी पूजा से न केवल परिवार में सुख-समृद्धि आती है, बल्कि मनुष्य को वैराग्य और आत्मसंयम का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। मां का स्वभाव सरल है, और वे दुष्टों को सही मार्ग दिखाती हैं। मान्यताओं के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा करते हैं।
मां ब्रह्मचारिणी का पसंदीदा भोग, रंग और फूल:
- पसंदीदा रंग: सफेद
- पसंदीदा फूल: सफेद फूल
- पसंदीदा भोग: फल, सफेद मिठाई, मिश्री और खीर
इन चीजों को पूजा के दौरान अर्पित करने से माता प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-विधि:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- घर के मंदिर की सफाई करें और गंगाजल से माता दुर्गा का अभिषेक करें।
- मां ब्रह्मचारिणी को अक्षत, लाल चंदन, चुनरी और लाल पुष्प अर्पित करें।
- देवी-देवताओं का जलाभिषेक कर उन्हें फल और मिठाई का भोग लगाएं।
- घर के मंदिर में धूपबत्ती और घी का दीपक जलाएं।
- दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- पान के पत्ते पर कपूर और लौंग रखकर मां ब्रह्मचारिणी की आरती करें।
- अंत में क्षमा प्रार्थना करें और मां से अपने जीवन में शांति और समृद्धि की कामना करें।
मां ब्रह्मचारिणी के हवन में उपयोगी सामग्री:
हवन के दौरान धूप, कपूर, लौंग, सूखे मेवे, मिश्री, मिष्ठान, और देसी घी का उपयोग करना चाहिए। हवन में इन सामग्रियों से आहुति देने से माता प्रसन्न होती हैं और घर-परिवार में सुख और शांति का वास होता है।
मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र:
- या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
- नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
यह मंत्र जपने से मानसिक शांति और ध्यान में वृद्धि होती है।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के शुभ मुहूर्त (4 अक्टूबर 2024):
- ब्रह्म मुहूर्त: 04:38 AM से 05:27 AM
- प्रातः सन्ध्या: 05:03 AM से 06:16 AM
- अभिजित मुहूर्त: 11:46 AM से 12:33 PM
- विजय मुहूर्त: 02:07 PM से 02:55 PM
- गोधूलि मुहूर्त: 06:03 PM से 06:28 PM
- सायाह्न सन्ध्या: 06:03 PM से 07:17 PM
- अमृत काल: 11:24 AM से 01:13 PM
- निशिता मुहूर्त: 11:45 PM से 00:34 AM (5 अक्टूबर)
शुभ चौघड़िया मुहूर्त:
- शुभ: 06:15 AM से 07:44 AM
- लाभ: 12:10 PM से 01:38 PM
- अमृत: 01:38 PM से 03:07 PM
- अमृत: 06:04 PM से 07:36 PM
इन शुभ मुहूर्तों में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा कर भक्तों को विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है। मां की कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।
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