JAMSHEDPUR SCHOOL : बहरागोड़ा टीपीएस डीएवी स्कूल की छात्रा ने राष्ट्रीय खेल में झलका हरियाली, कांस्य पदक से बढ़ाया गर्व
टीपीएस डीएवी पब्लिक स्कूल बहरागोड़ा की छात्रा मेघा साव ने दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय डीएवी कराटे प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर स्कूल का नाम रोशन किया। जानें इस उपलब्धि की पूरी कहानी।
टीपीएस डीएवी पब्लिक स्कूल बहरागोड़ा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रतिभा की कोई कमी नहीं होती। हाल ही में दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय डीएवी खेल प्रतियोगिता एवं शैक्षणिक निरीक्षण में स्कूल की छात्रा मेघा साव ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से स्कूल का नाम रोशन किया।
राष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में कांस्य पदक की शानदार जीत
कक्षा बारहवीं की छात्रा मेघा साव ने दिल्ली में आयोजित कराटे प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता, जो एक बड़ी उपलब्धि है। यह जीत न केवल मेघा के लिए बल्कि पूरी टीपीएस डीएवी स्कूल और बहरागोड़ा के लिए गर्व की बात है। इस तरह की सफलता, विशेषकर एक छोटे से ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली छात्रा के लिए, दुर्लभ और प्रेरणादायक है।
सम्मान और सराहना: डीएवी अधिकारियों ने मेघा को किया सम्मानित
इस विशेष अवसर पर, डीएवी गुवा की प्राचार्या श्रीमती उषा रानी और दुग्धा डीएवी के प्राचार्य पी.के. पॉल ने स्कूल का निरीक्षण किया और मेघा साव को उनके इस शानदार प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया। उन्होंने कहा, "बहरागोड़ा जैसे छोटे और ग्रामीण क्षेत्र से दिल्ली तक का सफर करना और राष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रदर्शन से स्कूल का नाम रोशन करना, यह बहुत ही असामान्य और प्रेरणादायक है।"
प्राचार्य ने मेघा को बताया स्कूल का मजबूत स्तंभ
टीपीएस डीएवी स्कूल के प्राचार्य ने मेघा को स्कूल का एक मजबूत स्तंभ बताते हुए कहा कि वह हर क्षेत्र में अपनी मेहनत और प्रतिबद्धता से डीएवी का नाम ऊंचा करती आई हैं। उनके प्रयास और सफलता से न केवल स्कूल बल्कि पूरे क्षेत्र को प्रेरणा मिलती है।
इतिहास की यादें और प्रेरणा
टीपीएस डीएवी पब्लिक स्कूल का इतिहास भी प्रेरणादायक है। यह स्कूल ना केवल अकादमिक दृष्टिकोण से बल्कि खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी अपनी पहचान बना चुका है। यहां के छात्रों ने कई बार राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। इस बार भी मेघा साव ने अपनी मेहनत से यह साबित कर दिया कि बहरागोड़ा जैसे स्थान से भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं।
विद्यालय का समर्थन और प्रेरणा का स्रोत
इस उपलब्धि के पीछे स्कूल का समर्थन और प्रशिक्षकों की मेहनत भी शामिल है। स्कूल ने मेघा को हर कदम पर प्रोत्साहित किया, उनके प्रशिक्षण और तैयारी में योगदान दिया। यह सफलता यह भी दर्शाती है कि जब छात्र और शिक्षक मिलकर काम करते हैं, तो कुछ भी संभव है।
एक नई ऊंचाई की ओर
मेघा साव की यह उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि पूरे बहरागोड़ा क्षेत्र के लिए गर्व की बात है। उनकी कहानी यह दिखाती है कि प्रतिभा और मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। इस सफलता से प्रेरित होकर, अन्य छात्रों को भी अपनी क्षमताओं पर विश्वास करने और अपनी प्रतिभा को दुनिया के सामने लाने की प्रेरणा मिलेगी।
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