Tirupati Convention: क्वालिटी सर्किल में भिलाई की बड़ी जीत, जानें ‘गोल्ड अवार्ड’ विजेता टीमों के नाम

तिरुपति में क्वालिटी सर्किल चैप्टर कन्वेंशन 2024 में भिलाई इस्पात संयंत्र की 6 टीमों ने ‘गोल्ड अवार्ड’ जीतकर गौरव बढ़ाया। जानें इस बड़ी उपलब्धि की पूरी कहानी और टीमों की सफलता का राज।

Dec 14, 2024 - 20:01
 0
Tirupati Convention: क्वालिटी सर्किल में भिलाई की बड़ी जीत, जानें ‘गोल्ड अवार्ड’ विजेता टीमों के नाम
Tirupati Convention: क्वालिटी सर्किल में भिलाई की बड़ी जीत, जानें ‘गोल्ड अवार्ड’ विजेता टीमों के नाम

तिरुपति, 14 दिसंबर 2024: क्वालिटी सर्किल फोरम ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित चैप्टर कन्वेंशन 2024 में भिलाई इस्पात संयंत्र ने अपना लोहा मनवाते हुए शानदार प्रदर्शन किया। यह कन्वेंशन 7 और 8 दिसंबर को तमिलनाडु के तिरुपति में हुआ, जिसमें देश भर से 57 औद्योगिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की 300 से अधिक टीमों ने भाग लिया। भिलाई इस्पात संयंत्र की 6 टीमों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से ‘गोल्ड अवार्ड’ जीते और संयंत्र का नाम रोशन किया।

भिलाई को मिले विशेष सम्मान

इस कार्यक्रम में भिलाई इस्पात संयंत्र के महाप्रबंधक (व्यावसायिक उत्कृष्टता विभाग) श्री मनोज दुबे को ‘चैम्पियन ऑफ एक्सीलेंस’ अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह अवार्ड संयंत्र के क्वालिटी सर्किल मूवमेंट में उनके विशेष योगदान के लिए दिया गया। इसके अलावा, वरिष्ठ एनालिस्ट श्री सुनील देशमुख को ‘बेस्ट कोऑर्डिनेटर’ का अवार्ड प्रदान किया गया। उन्होंने इन टीमों का समन्वय करते हुए उनके प्रदर्शन को उत्कृष्ट बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

क्वालिटी सर्किल का महत्व और भिलाई का योगदान

भिलाई इस्पात संयंत्र में क्वालिटी सर्किल मूवमेंट पिछले कई वर्षों से संयंत्र के प्रदर्शन और तकनीकी गुणवत्ता को सुधारने का महत्वपूर्ण माध्यम रहा है। यह आंदोलन संयंत्र में कार्यक्षेत्र में आने वाली समस्याओं को टूल्स एंड टेक्निक्स के जरिए हल करने पर केंद्रित है।

क्वालिटी सर्किल के माध्यम से कर्मचारियों को अपने सुझाव प्रस्तुत करने और नवाचार को बढ़ावा देने का मौका मिलता है। इस बार भिलाई इस्पात संयंत्र की 6 क्वालिटी सर्किल टीमों और एक लीन क्वालिटी सर्किल टीम ने तिरुपति कन्वेंशन में भाग लिया और सभी ने ‘गोल्ड अवार्ड’ जीतकर संयंत्र की प्रतिष्ठा को और बढ़ाया।

गोल्ड अवार्ड विजेता टीमों की सूची

  • लक्ष्य और उज्जवल (एसएमएस-3)
  • अभ्युदय और प्रयास (ब्लास्ट फर्नेस-8)
  • अनवरत (प्लांट गैरेज)
  • परिवर्तन (लीन क्वालिटी सर्किल टीम, एसएमएस-3)

इन टीमों ने क्वालिटी सर्किल के टूल्स का उपयोग कर कार्यक्षेत्र की समस्याओं का प्रभावी समाधान प्रस्तुत किया।

प्रबंधन की प्रतिक्रिया और भविष्य की उम्मीदें

भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) श्री पवन कुमार ने इस सफलता पर सभी विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि क्वालिटी सर्किल टीमों द्वारा किए गए छोटे-छोटे मॉडिफिकेशन्स संयंत्र को न केवल आर्थिक बल्कि तकनीकी लाभ भी प्रदान करते हैं।

उन्होंने भरोसा जताया कि संयंत्र की टीमें भविष्य में भी नवाचार और उत्कृष्टता के नए आयाम स्थापित करेंगी।

क्वालिटी सर्किल का इतिहास

क्वालिटी सर्किल मूवमेंट की शुरुआत 1960 के दशक में जापान से हुई थी। इसे कार्यस्थल पर गुणवत्ता सुधार और उत्पादकता बढ़ाने के लिए अपनाया गया। भारत में इस आंदोलन को 1980 के दशक में व्यापक पहचान मिली और अब यह देश के प्रमुख औद्योगिक इकाइयों का हिस्सा बन चुका है।

अगुआई कर रहा भिलाई

भिलाई इस्पात संयंत्र का व्यावसायिक उत्कृष्टता विभाग, श्रीमती निशा सोनी के नेतृत्व में, संयंत्र की गुणवत्ता प्रणालियों को विश्वस्तरीय स्तर पर ले जाने के लिए सतत प्रयासरत है। संयंत्र में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों को ऐसे मंच प्रदान किए जाते हैं, जहाँ वे अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन कर सकते हैं।

तिरुपति कन्वेंशन 2024 में भिलाई की सफलता न केवल संयंत्र के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह देश की उद्योग जगत में भिलाई की प्रमुखता को भी दर्शाती है। ऐसी उपलब्धियां यह साबित करती हैं कि गुणवत्ता और नवाचार के क्षेत्र में भिलाई हमेशा अग्रणी रहेगा।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।