Tata Steel Layoff: 8500 कर्मचारियों तक सिमटेगी टाटा स्टील, जानिए क्यों हो रही है बड़ी छंटनी!
टाटा स्टील में 3000 से अधिक कर्मचारियों की कटौती की तैयारी! जानिए क्यों हो रही है छंटनी और 2030 के बाद टाटा स्टील को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
जमशेदपुर। टाटा स्टील ने अपने कर्मचारियों की संख्या घटाने का बड़ा फैसला लिया है। कंपनी ने घोषणा की है कि अब स्थायी कर्मचारियों की संख्या घटाकर 8500 तक लाई जाएगी, जबकि वर्तमान में जमशेदपुर प्लांट में करीब 11,500 कर्मचारी कार्यरत हैं। इसका मतलब है कि 3000 से अधिक कर्मचारियों को धीरे-धीरे हटाया जाएगा। हालांकि, यह प्रक्रिया एक बार में नहीं होगी, बल्कि रिटायर होने वाले कर्मचारियों की जगह पर नई भर्ती नहीं की जाएगी।
टाटा स्टील में छंटनी क्यों हो रही है?
टाटा स्टील के इस फैसले के पीछे वित्तीय रणनीति और भविष्य की चुनौतियाँ मुख्य कारण हैं:
- मौजूदा कर्मचारियों की ऊँची लागत – कंपनी अब कम लागत पर अधिक उत्पादन की नीति अपना रही है।
- चीन से बढ़ती प्रतिस्पर्धा – सस्ते चीनी स्टील के कारण भारतीय स्टील सेक्टर पर दबाव बढ़ रहा है।
- 2030 में खनन नियमों में बदलाव – टाटा स्टील को अब अपने माइंस को नए नियमों के तहत फिर से हासिल करना होगा, जिससे लागत बढ़ेगी।
कैसे घटेगी कर्मचारियों की संख्या?
- रिटायर होने वाले कर्मचारियों की जगह पर नई भर्ती नहीं होगी।
- टाटा स्टील टेक्निकल सर्विसेज और यूटिलिटी सर्विसेज के जरिए आउटसोर्सिंग बढ़ाई जाएगी।
- एफटीसी और इंटर्नशिप के जरिए अस्थायी कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा।
- कंपनी पहले ही 400 अधिकारियों की संख्या कम कर चुकी है।
यूनियन को दी गई जानकारी
कंपनी ने इस बदलाव को "राइटसाइजिंग" का नाम दिया है और यूनियन को भी इससे अवगत करा दिया गया है। टाटा स्टील की कई सहायक कंपनियों को समायोजित किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों की संख्या में कमी आई है।
2030 की चुनौती: माइंस नीलामी से टाटा स्टील की बढ़ेगी लागत
वर्ष 2030 के बाद भारत सरकार सभी मेजर मिनरल माइंस की नीलामी करेगी, जिससे टाटा स्टील को अपने ही माइंस को फिर से हासिल करने के लिए बड़ी बोली लगानी होगी। अभी तक कंपनी अपनी खुद की माइंस से सस्ता स्टील बना रही थी, लेकिन नीलामी के बाद इसकी लागत बढ़ सकती है।
क्या होगा आगे?
- टाटा स्टील धीरे-धीरे अपने खर्चों में कटौती कर रही है।
- नई भर्ती केवल आउटसोर्सिंग और अस्थायी कर्मचारियों के जरिए होगी।
- वेज कॉस्ट को कम करने और उत्पादन लागत घटाने के लिए नई रणनीति बनाई जा रही है।
टाटा स्टील का यह फैसला कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है, जिससे लागत कम करने और बढ़ती प्रतिस्पर्धा से निपटने की योजना बनाई जा रही है। हालांकि, यह छंटनी कई कर्मचारियों के लिए चिंता का विषय बन सकती है।
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