Giridih Mining: अवैध खनन पर बड़ा एक्शन, रद्द होगा खदान पट्टा!
गिरिडीह में अवैध खनन जारी! सरकार ने खनन पट्टा रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की। जानिए क्यों नहीं रुक रहा पत्थर उत्खनन और क्या होगा आगे?
गिरिडीह : झारखंड सरकार द्वारा अवैध खनन पर रोक के बावजूद गिरिडीह जिले में पत्थरों का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से जारी है। खास बात यह है कि प्रशासनिक आदेशों को नजरअंदाज कर खदान संचालक रात-दिन पत्थर निकाल रहे हैं और भारी वाहनों से इसकी सप्लाई की जा रही है। अब सरकार ने इस पर बड़ा एक्शन लेने की तैयारी कर ली है और खनन पट्टे को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
कैसे उजागर हुआ मामला?
गिरिडीह के तेलोडीह के गादी टोला में स्थित एक खदान का खनन पट्टा रद्द होने की कगार पर है। राज्य स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण (सिया) ने इस खदान को लेकर आदेश जारी किया था, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि अगर निर्धारित समय सीमा के अंदर स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, तो खनन पट्टा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया जाएगा।
वन विभाग की सिफारिश के बाद आया एक्शन
- वन विभाग ने इस खनन पट्टे को रद्द करने की सिफारिश की थी, क्योंकि खदान अधिसूचित वन क्षेत्र से बेहद कम दूरी पर स्थित थी।
- नियमों के अनुसार खनन क्षेत्र और वन भूमि के बीच कम से कम 250 मीटर की दूरी होनी चाहिए, लेकिन इस खदान की दूरी शून्य मीटर बताई गई।
- गलत जानकारी के आधार पर 2015 में खनन पट्टा जारी किया गया था, जिसका अब खुलासा हो चुका है।
खनन रुकने के बजाय और तेज हुआ!
राज्य सरकार और प्रशासन ने खनन कार्य पर रोक लगा दी थी, लेकिन हैरानी की बात यह है कि खनन की प्रक्रिया और तेज कर दी गई।
- दिन-रात पत्थर निकाला जा रहा है और हाइवा ट्रकों से अन्य राज्यों में भेजा जा रहा है।
- स्थानीय लोग इस अवैध खनन से परेशान हैं, क्योंकि विस्फोट के दौरान उनका घर हिलने लगता है और आसपास के स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र भी प्रभावित हो रहे हैं।
प्रशासन ने कसा शिकंजा, खदान बंद होगी?
- गिरिडीह के जिला खनन पदाधिकारी सत्यजीत कुमार ने कहा कि खदान संचालक को पहले ही नोटिस भेजा जा चुका है।
- अगर खनन जारी रहा, तो संबंधित खदान संचालक पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- सिया के आदेश के अनुसार, खदान की पर्यावरणीय स्वीकृति वापस लेने और पट्टा रद्द करने की प्रक्रिया तेज हो गई है।
अवैध खनन से क्यों हो रही दिक्कतें?
- वन क्षेत्र को नुकसान – अधिसूचित वन भूमि के करीब खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान हो सकता है।
- स्थानीय लोगों की परेशानी – लगातार हो रहे ब्लास्टिंग से लोग डरे हुए हैं और कई गांवों में मकानों को नुकसान हो रहा है।
- सुरक्षा नियमों की अनदेखी – खनन क्षेत्र के पास ही स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र और रिहायशी इलाके हैं, जिससे लोगों की जान को खतरा है।
क्या होगा आगे?
- अगर खदान संचालक ने जल्द ही स्पष्टीकरण नहीं दिया, तो खदान का पट्टा रद्द हो जाएगा।
- जांच पूरी होते ही प्रशासन खनन पर पूरी तरह से रोक लगा सकता है।
- अगर अवैध खनन जारी रहा, तो कानूनी कार्रवाई होगी और दोषियों को दंडित किया जाएगा।
गिरिडीह में अवैध खनन पर सरकार सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रही है। प्रशासन के आदेशों के बावजूद खनन जारी रहना गंभीर चिंता का विषय है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या प्रशासन इस अवैध खनन को रोक पाएगा या फिर खदान संचालकों का खेल जारी रहेगा?
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