Seraikela Help: पहाड़िया जनजाति के बच्चों को स्वास्थ्य और योजनाओं का सहारा
सरायकेला DLSA की पहल से पहाड़िया जनजाति के बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएं और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। जानें कैसे यह पहल बदलाव ला रही है।
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Seraikela Help: सरायकेला जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) ने पहाड़िया जनजाति के बच्चों की मदद के लिए एक विशेष पहल की है। 20 जनवरी 2024 को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष DLSA, श्री रामाशंकर सिंह के मार्गदर्शन में एक टीम को आसनबनी पंचायत, चांडिल के बाँसरखा गांव भेजा गया। इस पहल का उद्देश्य वहां की जनजातियों को स्वास्थ्य सेवाएं और सरकारी कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ना है।
जनजाति के बच्चों की हालत चिंताजनक
मेडिकल टीम की जांच में पाया गया कि पहाड़िया जनजाति के अधिकांश बच्चे लंबे समय से चर्म रोग (फंगल इंफेक्शन) से जूझ रहे हैं। मेडिकल अफसर डॉ. शेखर हांसदा ने बताया कि यह बीमारी साफ-सफाई की कमी और दूषित पानी के उपयोग के कारण हो रही है। टीम ने बच्चों की जांच कर उन्हें जरूरी दवाइयां वितरित कीं और उनके अभिभावकों को बीमारी के कारण और बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी दी।
DLSA की टीम ने क्या किया?
DLSA सरायकेला के सचिव तौसीफ मेराज के नेतृत्व में गई टीम में मेडिकल अफसर, पीएलवी (पैरा लीगल वॉलंटियर), और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के सदस्य शामिल थे।
- स्वास्थ्य सेवाएं: बच्चों के लिए मेडिकल कैंप आयोजित किया गया।
- योजनाओं से जुड़ाव: सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से बच्चों और उनके परिवारों को जोड़ने की पहल की गई।
- पानी की जांच: गांव में उपयोग किए जा रहे पानी की गुणवत्ता की जांच की जाएगी।
इतिहास में पहाड़िया जनजाति का संघर्ष
झारखंड की पहाड़िया जनजाति राज्य की प्राचीन जनजातियों में से एक है। यह समुदाय मुख्य रूप से जंगलों पर निर्भर है और अपनी पारंपरिक जीवनशैली के लिए जाना जाता है। लेकिन आधुनिक विकास से कटे होने के कारण ये स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। सरकार और सामाजिक संस्थाओं ने समय-समय पर इनके लिए योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन उनके प्रभाव सीमित रहे हैं।
टीम में कौन-कौन शामिल था?
इस अभियान में मेडिकल टीम के साथ DLSA के प्रतिनिधि और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्य शामिल थे। प्रमुख नामों में डॉ. शेखर हांसदा, उज्ज्वल चक्रवर्ती, रमजान अंसारी, नेहा कुमारी, और CWC अध्यक्ष रोहित महतो शामिल हैं। CHC चांडिल के उज्ज्वल चक्रवर्ती, आशा होरो, सहिया, और एएनएम ने भी अपनी सेवाएं दीं।
भविष्य की योजनाएं
- पानी की गुणवत्ता में सुधार: दूषित पानी को शुद्ध करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
- शिक्षा और कल्याण: बच्चों को सरकारी योजनाओं जैसे छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य बीमा और पोषण कार्यक्रमों से जोड़ा जाएगा।
- स्वास्थ्य शिविर: गांव में नियमित स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे।
क्या है असर?
यह पहल जनजाति के बच्चों के स्वास्थ्य और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल जनजाति समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद करेगा, बल्कि उनके जीवन में स्थायी बदलाव भी लाएगा।
सरायकेला जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की यह पहल एक उदाहरण है कि कैसे सरकारी और सामाजिक संगठन मिलकर वंचित समुदायों की मदद कर सकते हैं। पहाड़िया जनजाति के बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएं और योजनाओं से जोड़कर उनके भविष्य को बेहतर बनाया जा सकता है।
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