Saraikela Mob Lynching: मॉबलिंचिंग हत्याकांड पर अब झारखंड आयोग ने लिया एक्शन! क्या मिलेगा ताजुद्दीन को न्याय?
सरायकेला के कपाली निवासी ताजुद्दीन की मॉबलिंचिंग हत्याकांड पर झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने सरायकेला पुलिस से रिपोर्ट तलब की। जानें इस हत्याकांड में क्या हुई कार्रवाई और क्या मिलेगा पीड़ित परिवार को न्याय।
सरायकेला, 04 जनवरी 2025: सरायकेला जिले में मॉबलिंचिंग हत्याकांड ने फिर से पूरे राज्य को झकझोर दिया है। कपाली निवासी ताजुद्दीन की हत्याकांड पर अब तक की कोई ठोस कार्रवाई न होने से न केवल पीड़ित परिवार बल्कि पूरे राज्य में आक्रोश है। इस मुद्दे को उठाते हुए, ऑल इंडिया माइनारिटी सोशल वेलफेयर फ्रंट के प्रवक्ता और झामुमो नेता सरफराज हुसैन ने झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायत उल्लाल खान को पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी दी।
इस पत्र के बाद झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने मामले का संज्ञान लेते हुए सरायकेला पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया और अब तक की कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है। यह कदम राज्य में बढ़ती मॉबलिंचिंग की घटनाओं के बीच एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या अब ताजुद्दीन के परिवार को न्याय मिलेगा?
क्या था मॉबलिंचिंग हत्याकांड का कारण?
8 दिसंबर 2024, का दिन कपाली निवासी ताजुद्दीन के लिए एक भयावह और काले दिन के रूप में सामने आया। ताजुद्दीन को आदित्यपुर थाना अंतर्गत सपड़ा गांव में एक भीड़ ने बिना किसी ठोस कारण के बुरी तरह से पीट डाला। भीड़ ने ताजुद्दीन पर आरोप लगाए थे, जिनका कोई ठोस प्रमाण नहीं था। ताजुद्दीन को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उपचार के बावजूद उसकी मौत हो गई।
यह मॉबलिंचिंग हत्याकांड न केवल ताजुद्दीन के परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति है, बल्कि पूरे इलाके और राज्य में इस घटना ने बड़ी बहस छेड़ दी है। यह सवाल उठता है कि आखिरकार भीड़तंत्र की इस बढ़ती प्रवृत्ति को कैसे रोका जाए?
झारखंड अल्पसंख्यक आयोग का कदम और सरफराज हुसैन की मांग
सरफराज हुसैन, जो कि इस मुद्दे पर बहुत सक्रिय हैं, ने कहा कि यह घटना पूरी तरह से निंदनीय है। उन्होंने झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग से न्याय की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि ताजुद्दीन के परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
हुसैन ने अपनी पत्र में मांग की है कि न्यायिक जांच की जानी चाहिए, ताकि यह साफ हो सके कि इस हत्या के पीछे किस तरह का षड्यंत्र था और कैसे कानून की अवहेलना की गई। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और दोषियों को सजा दिलानी चाहिए।
क्या हैं मॉबलिंचिंग के प्रभाव और राज्य में बढ़ती घटनाएँ?
यह घटना झारखंड राज्य में मॉबलिंचिंग के बढ़ते मामलों का एक हिस्सा है। हाल के वर्षों में राज्य में ऐसी घटनाएँ तेजी से बढ़ी हैं, जहां भीड़ ने अपने मनमाने तरीके से किसी पर आरोप लगा कर उसे मार डाला। इस तरह की घटनाओं ने न केवल राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और भीड़तंत्र की बढ़ती प्रवृत्ति को भी उजागर किया है।
सरायकेला पुलिस का रिपोर्ट: क्या हुआ अब तक?
सरायकेला पुलिस के पास इस मामले की जांच अभी चल रही है, लेकिन यह साफ है कि झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग द्वारा आदेश दिए जाने के बाद अब इस मामले की दिशा कुछ बदल सकती है। आयोग ने पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए हैं कि वह इस पूरे मामले में अब तक की कार्रवाई की रिपोर्ट तलब करें, जिससे यह पता चले कि प्रशासन ने अब तक क्या कदम उठाए हैं।
ताजुद्दीन का हत्याकांड एक दुखद घटना है, जिसे केवल सरफराज हुसैन जैसे लोग ही नहीं, बल्कि राज्य के तमाम नागरिक भी पूरी मजबूती से उठा रहे हैं। अब देखना यह है कि झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग और सरायकेला पुलिस किस तरह से इस मामले में आगे बढ़ते हैं। क्या ताजुद्दीन के परिवार को न्याय मिलेगा और क्या इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे? यह सवाल पूरे राज्य के सामने है।
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