देश को नशा मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को और मजबूत करते हुए भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित ड्रग्स विनष्टीकरण पखवाड़ा के तहत शनिवार को सरायकेला-खरसावां जिले में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम हुआ। इस पखवाड़े के अंतर्गत पूरे देश में ड्रग्स के नष्ट करने का अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें अब तक की सबसे बड़ी ड्रग्स विनष्टीकरण प्रक्रिया सरायकेला में संपन्न हुई।
गृह मंत्रालय के निर्देशों के तहत इस कार्यक्रम में झारखंड के विभिन्न थाना क्षेत्रों से प्राप्त 14962 टन ड्रग्स का नष्टकरण किया गया, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 30 करोड़ रुपये है। यह ड्रग्स डिस्पोजल सीनी मोड स्थित एमएस वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड में किया गया। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया गया कि देशभर के अन्य स्थानों पर भी ड्रग्स के नष्ट करने का यह अभियान 11 जनवरी से 25 जनवरी तक जारी रहेगा।
ऐतिहासिक ड्रग्स विनष्टीकरण का महत्व
इस विशेष आयोजन में, पूरे राज्य और देश के लिए एक सकारात्मक संदेश गया है। ड्रग्स के नष्ट होने से जहां एक ओर नशे के काले कारोबार को बड़ा झटका लगा है, वहीं दूसरी ओर यह समाज में नशे के प्रति जागरूकता फैलाने की दिशा में एक कदम और बढ़ाया गया है। अब तक इस प्रकार के ड्रग्स डिस्पोजल कार्यक्रम को लेकर कोई ऐतिहासिक कदम नहीं उठाया गया था, लेकिन इस पखवाड़े के आयोजन ने पूरे देश को ड्रग्स के खात्मे की दिशा में एक नई उम्मीद दी है।
भारत सरकार का ड्रग्स विनष्टीकरण अभियान
गृह मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए इस अभियान का उद्देश्य भारत को नशा मुक्त बनाना है। यह अभियान 11 जनवरी से 25 जनवरी तक पूरे देश में चलाया जा रहा है। ड्रग्स विनष्टीकरण पखवाड़े के तहत देश भर में 9 प्रमुख स्थानों पर ड्रग्स का नष्टकरण किया जाएगा, और सरायकेला इस प्रक्रिया का महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है। इस आयोजन में गृह मंत्री अमित शाह ने भी ऑनलाइन जुड़कर इस अभियान की सराहना की और इसे देश के लिए एक बड़ा कदम बताया।
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि झारखंड के विभिन्न थाना क्षेत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ये ड्रग्स पिछले छह महीनों के दौरान पकड़े गए थे। इसमें अधिकांश ड्रग्स अवैध नशे के रूप में थे, जिन्हें विभिन्न तस्करों के माध्यम से देशभर में तस्करी करने की कोशिश की जा रही थी।
नशे के खिलाफ लड़ाई में सक्रियता
सरायकेला में हुए ड्रग्स डिस्पोजल कार्यक्रम ने नशे के खिलाफ लड़ाई को और तेज कर दिया है। प्रशासन ने इस कार्यक्रम के दौरान नशे के खिलाफ कठोर कदम उठाने का संदेश दिया। यह कदम भारत में नशे के बढ़ते कारोबार पर काबू पाने के लिए जरूरी है, और इससे न केवल तस्करी में कमी आएगी, बल्कि देशभर में नशे के खिलाफ एक नई चेतना भी पैदा होगी।
समारोह में क्या हुआ?
इस कार्यक्रम के दौरान कई प्रमुख अधिकारी और प्रशासन के सदस्य मौजूद रहे, जिन्होंने इस ऐतिहासिक कदम की सराहना की और इसे पूरी दुनिया के लिए एक संदेश बताया। खासकर युवाओं को इस अभियान के माध्यम से नशे से दूर रहने की प्रेरणा दी गई। इस दौरान, लोगों से यह अपील की गई कि वे नशे से दूर रहें और इस अभियान में भाग लें ताकि भारत को नशा मुक्त बनाया जा सके।