Ranchi Accident: तेज़ रफ्तार में अनियंत्रित हुई कार, शिक्षिका इकबाल कौर की दर्दनाक मौत!
रांची के बुंडू में तेज़ रफ्तार कार डिवाइडर से टकराकर पलटी, जिससे शिक्षिका इकबाल कौर की दर्दनाक मौत हो गई। जानिए कैसे एयरबैग नहीं खुलने से गई उनकी जान और क्या कह रहा है सिख समाज?

रांची: राजधानी रांची के बुंडू के पास एक भीषण सड़क दुर्घटना में जमशेदपुर की प्रतिष्ठित शिक्षिका इकबाल कौर डॉली की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के बाद पूरे परिवार में मातम पसर गया, वहीं सिख समाज और शिक्षा जगत ने इसे अपूरणीय क्षति बताया है।
रविवार को रांची में शिक्षिका इकबाल कौर का अंतिम संस्कार किया गया, जहां सिख समुदाय के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और परिजनों को ढांढस बंधाया। इस दौरान, सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह की अगुवाई में कई वरिष्ठ नेता अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
कैसे हुआ हादसा? जानिए पूरी घटना
यह भयावह हादसा शनिवार को रांची एयरपोर्ट से जमशेदपुर लौटते समय बुंडू के पास हुआ। कार में इकबाल कौर डॉली, उनके पति मनमोहन सिंह, परमजीत कौर और सुखदीप सिंह सवार थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, तेज़ रफ्तार में कार अचानक डिवाइडर से टकरा गई और अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसा इतना भयानक था कि कार पूरी तरह पिचक गई और सभी लोग उसमें बुरी तरह फंस गए।
एयरबैग नहीं खुलने से गई जान?
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने कड़ी मशक्कत कर घायलों को गाड़ी से बाहर निकाला और उन्हें रांची के अस्पताल पहुंचाया।
अस्पताल में डॉक्टरों ने इकबाल कौर को मृत घोषित कर दिया, जबकि उनके पति मनमोहन सिंह की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
हैरानी की बात यह है कि हादसे के वक्त मनमोहन सिंह के सिर पर पगड़ी थी और उनकी सीट का एयरबैग खुल गया था, जिससे उनकी जान बच गई। लेकिन इकबाल कौर के सामने वाला एयरबैग नहीं खुला और सिर पर गहरी चोट लगने से उनकी मौत हो गई।
घायलों की हालत कैसी?
परमजीत कौर और सुखदीप सिंह को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के बाद सुखदीप को छुट्टी दे दी गई, जबकि मनमोहन सिंह अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं।
रविवार को सिख नेताओं ने देवानिका अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल जाना और परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
"शिक्षा जगत की अपूरणीय क्षति" – सिख समाज
सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह और चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह ने कहा कि इकबाल कौर का निधन सिर्फ उनके परिवार ही नहीं, बल्कि पूरे सिख समाज और शिक्षा जगत के लिए एक बड़ी क्षति है।
इकबाल कौर जमशेदपुर के प्रतिष्ठित डीबीएमएस स्कूल में शिक्षिका थीं। उनकी दो बेटियां – सवनीत कौर और गुरनीत कौर अंतिम संस्कार के लिए रांची पहुंची थीं।
रफ्तार बनी मौत की वजह, कब रुकेगा ये सिलसिला?
इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारे हाईवे सुरक्षित हैं? क्या तेज़ रफ्तार गाड़ियों पर कोई लगाम लगेगी?
हर साल हजारों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं। इस हादसे ने फिर से दिखा दिया कि लापरवाही और रफ्तार की सनक कितनी जानलेवा हो सकती है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन सड़क सुरक्षा नियमों को और सख्त करेगा? या फिर ऐसे ही हादसे होते रहेंगे और लोग अपनों को खोते रहेंगे?
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