Ranchi में Students Protest: जेएसएससी घेराव के दौरान लाठीचार्ज, सड़कों पर छात्रों का प्रदर्शन

झारखंड के रांची में सीजीएल परीक्षा के चयनित छात्रों का विरोध, जेएसएससी बिल्डिंग घेराव के दौरान लाठीचार्ज। जानिए आंदोलन की वजह और प्रशासन के कदम।

Dec 16, 2024 - 14:53
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Ranchi में Students Protest: जेएसएससी घेराव के दौरान लाठीचार्ज, सड़कों पर छात्रों का प्रदर्शन
Ranchi में Students Protest: जेएसएससी घेराव के दौरान लाठीचार्ज, सड़कों पर छात्रों का प्रदर्शन

Ranchi :झारखंड की राजधानी रांची में छात्र आंदोलन ने गंभीर रूप ले लिया है। सीजीएल परीक्षा 2023 में चयनित छात्रों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन चल रहा है, लेकिन इसके बीच हजारों छात्र रांची के झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) कार्यालय का घेराव करने पहुंचे।

छात्रों का आरोप है कि वेरिफिकेशन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है, और उनके भविष्य को खतरा हो सकता है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बावजूद छात्रों का गुस्सा प्रशासन पर भारी पड़ रहा है।

लाठीचार्ज के बाद सड़क पर बैठे छात्र

प्रदर्शनकारी छात्र जेएलकेएम नेता देवेंद्र महतो के नेतृत्व में जेएसएससी कार्यालय पहुंचे, लेकिन डीएसपी अमर पांडेय के नेतृत्व में पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया। नामकुम के सदाबहार चौक के पास जब छात्रों को आगे बढ़ने से रोका गया, तो पुलिस और छात्रों के बीच हल्की झड़प हो गई।

स्थिति बिगड़ती देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इससे आक्रोशित छात्र सड़क पर ही बैठकर प्रदर्शन करने लगे। नामकुम बाजार मैदान में भी बड़ी संख्या में छात्र जमा थे, जिन्हें पुलिस ने तितर-बितर कर दिया।

जेएसएससी कार्यालय के आसपास हाई सिक्योरिटी जोन घोषित

प्रदर्शन को देखते हुए जेएसएससी कार्यालय के आसपास के 500 मीटर क्षेत्र को हाई सिक्योरिटी जोन घोषित कर दिया गया है। इस क्षेत्र में धारा 144 लागू है, और सभी वाहनों व व्यक्तियों की सघन जांच की जा रही है।

पुलिस और प्रशासन संदिग्ध लोगों से पूछताछ कर रहे हैं और उनके पहचान पत्रों की जांच की जा रही है। इसके अलावा, हर गतिविधि की रिकॉर्डिंग के लिए वीडियोग्राफी और ड्रोन निगरानी का सहारा लिया जा रहा है।

आंदोलन की पृष्ठभूमि: झारखंड में छात्र आंदोलनों का इतिहास

झारखंड में छात्र आंदोलनों का लंबा इतिहास रहा है। 2018 में भी जेएसएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं में गड़बड़ियों को लेकर छात्रों ने बड़े स्तर पर आंदोलन किया था।

इसके बाद, 2021 में पंचायत सहायक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में भी पारदर्शिता की कमी को लेकर प्रदर्शन हुआ। हर बार छात्रों का एक ही सवाल होता है—क्या सरकारी चयन प्रक्रियाएं वाकई निष्पक्ष हैं?

इस बार भी छात्रों का विरोध इसी मुद्दे पर केंद्रित है। वे चाहते हैं कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाया जाए।

स्थानीय जनजीवन पर असर

जेएसएससी कार्यालय के आसपास की सुरक्षा व्यवस्था ने स्थानीय लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। हर आने-जाने वाले से आईडी कार्ड मांगा जा रहा है और कई बार पूछताछ की जा रही है।

हालांकि, स्थानीय लोग इसे विधि-व्यवस्था बनाए रखने का सही कदम मानते हैं। एक स्थानीय निवासी मनोज कुमार ने कहा, "छात्रों को अपनी बात रखने का हक है, लेकिन प्रशासन को भी कानून-व्यवस्था बनाए रखने का अधिकार है।"

प्रशासन ने छात्रों को दी चेतावनी

रांची जिला प्रशासन ने छात्रों को चेतावनी दी है कि हिंसक प्रदर्शन से उनका भविष्य खराब हो सकता है। प्रशासन ने यह भी कहा कि हिंसा करने पर उनकी शैक्षणिक रिकॉर्ड पर बुरा असर पड़ेगा, जिससे उन्हें सरकारी और निजी नौकरियों में दिक्कत हो सकती है।

प्रशासन ने छात्रों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की है और कहा है कि उनकी मांगों पर उचित विचार किया जाएगा।

छात्रों का क्या कहना है?

प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि जेएसएससी द्वारा आयोजित इस प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है, और उन्हें चयन प्रक्रिया पर भरोसा नहीं है।
छात्र नेता देवेंद्र महतो ने कहा, "हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। जब तक हमें न्याय नहीं मिलेगा, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।"

क्या होगा आगे?

यह आंदोलन झारखंड सरकार और जेएसएससी के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है।
क्या प्रशासन छात्रों को संतुष्ट कर पाएगा, या यह आंदोलन और बड़ा रूप लेगा?
फिलहाल, रांची की सड़कों पर छात्रों और पुलिस के बीच टकराव जारी है।
स्थिति पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।