Ranchi Solar Initiative: सौर ऊर्जा से सिंचाई में बड़ी पहल, किसानों के लिए नई उम्मीद!
झारखंड में सौर ऊर्जा से सिंचाई की नई शुरुआत! पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने किया सोलर पंप का प्रदर्शन। जानिए कैसे सौर ऊर्जा से खेती में क्रांति आएगी।
रांची: झारखंड के मांडर प्रखंड में एक नई तकनीकी क्रांति की शुरुआत हुई है, जहां पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने सौर ऊर्जा से सिंचाई के अभिनव प्रयोग का अवलोकन किया। सोंसई आश्रम में आयोजित इस कार्यक्रम में सोलर पंप और ट्रॉली बेस जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन किया गया, जो राज्य के किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है।
क्या है यह सौर ऊर्जा सिंचाई पहल?
इस कार्यक्रम के तहत, 2 एचपी सोलर वाटर पंप और ट्रॉली बेस का उपयोग किया जा रहा है। यह उपकरण सोलर पैनल की मदद से सूरज की रोशनी को ऊर्जा में बदलकर पानी खींचने का कार्य करते हैं। इससे तालाब, नदी, कुएं और डैम जैसे जल स्रोतों से सिंचाई करना संभव हो जाता है।
बंधु तिर्की ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे किसानों को महंगे डीजल और बिजली पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। कम लागत में अधिक उत्पादन की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
इतिहास में पहली बार झारखंड में ऐसी पहल!
झारखंड में इससे पहले सिंचाई मुख्य रूप से डीजल पंप और बिजली आधारित मोटरों पर निर्भर थी। लेकिन सौर ऊर्जा से सिंचाई की यह पहल एक हरित क्रांति लाने की क्षमता रखती है। सौर ऊर्जा को अपनाने से पर्यावरण संरक्षण और लागत में कमी जैसे दोहरे लाभ मिलेंगे।
किसानों को क्या मिलेगा?
पहले चरण में:
- सोंसई, बुढ़ाखुखरा और बिसहाखटंगा गांवों में चार-चार सोलर पंप सेट वितरित किए जाएंगे।
- प्रत्येक सेट को 10 किसानों की समिति को सौंपा जाएगा।
- किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि वे इस तकनीक का पूर्ण लाभ उठा सकें।
सौर ऊर्जा से किसानों को कैसे मिलेगा फायदा?
- लागत में कमी: डीजल और बिजली के खर्चों की जरूरत नहीं।
- पर्यावरण अनुकूल: स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग।
- आसान संचालन: कम तकनीकी ज्ञान में भी संचालन संभव।
- संपूर्ण सिंचाई सुविधा: तालाब, नदी, डैम जैसे जल स्रोतों से सीधे सिंचाई।
पूर्व मंत्री बंधु तिर्की का बयान:
**"हमारा लक्ष्य है कि किसान आत्मनिर्भर बनें और आधुनिक तकनीकों का लाभ उठाकर अपनी खेती को बेहतर बना सकें। यह सौर ऊर्जा पहल किसानों की लागत घटाएगी और उत्पादन बढ़ाएगी।"
ग्रामीणों में उत्साह!
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण और जनप्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें विधायक प्रतिनिधि जमील आरीफ, सरीता तिग्गा, रसीद अंसारी, मेरी उरांव और रिना उरांव भी मौजूद थे। उन्होंने किसानों से इस तकनीक को अपनाने की अपील की।
क्या है भविष्य की योजना?
- अगले चरण में पूरे झारखंड में 500 सोलर पंप वितरित किए जाएंगे।
- किसान समितियों के माध्यम से ग्रामीणों को मुफ्त तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- राज्य सरकार सब्सिडी योजना लाने की योजना बना रही है।
झारखंड में सौर ऊर्जा से सिंचाई की यह पहल किसानों के लिए क्रांतिकारी परिवर्तन साबित हो सकती है। इससे ना सिर्फ उनकी उत्पादकता बढ़ेगी बल्कि लागत घटने से उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। उम्मीद है कि यह मॉडल पूरे राज्य में हरित क्रांति लाने का काम करेगा।
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