Ranchi Arrest: चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार निकला हथियार तस्कर, जानें पूरी कहानी

रांची में हटिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके ओमप्रकाश गुप्ता को हथियार सप्लाई के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया। जानें कैसे डीएसपी ने मुस्लिम वेश में किया बड़ा खुलासा।

Dec 21, 2024 - 10:10
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Ranchi Arrest: चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार निकला हथियार तस्कर, जानें पूरी कहानी
Ranchi Arrest: चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार निकला हथियार तस्कर, जानें पूरी कहानी

रांची के हटिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके ओमप्रकाश गुप्ता का नाम एक बड़े अपराध से जुड़ गया है। कोतवाली पुलिस ने हथियार सप्लाई के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। ओमप्रकाश, जो कभी राजनीति में अपने सपने को साकार करने की कोशिश कर रहे थे, अब अपराध के कारण सुर्खियों में हैं।

चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार बना अपराधी

ओमप्रकाश गुप्ता, जो रांची के रातू चट्टी इलाके के निवासी हैं, ने कभी राजनीति में बड़ा नाम बनाने का सपना देखा था। 2020 में उन्होंने हटिया विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था। लेकिन उनकी राजनीति की यह यात्रा अब अपराध के कारण थम गई है।

कैसे हुआ खुलासा?

यह मामला उस समय सामने आया जब 6 नवंबर को कोतवाली डीएसपी प्रकाश सोय ने एक साहसिक योजना बनाई। डीएसपी सोय मुस्लिम वेशभूषा में हथियार खरीदने के बहाने तस्करों से संपर्क में आए। इस ऑपरेशन में उन्होंने एक तस्कर, मो. राजन को रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

मो. राजन के पास से दो देसी पिस्टल बरामद की गईं, और पूछताछ के दौरान उसने बताया कि यह हथियार ओमप्रकाश गुप्ता की सप्लाई का हिस्सा थे। यह खुलासा रांची के अपराध जगत में हलचल मचा गया।

पूर्व रिकॉर्ड और अपराध का इतिहास

ओमप्रकाश का आपराधिक इतिहास भी कम नहीं है। इससे पहले भी उनके खिलाफ कोतवाली थाने में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज हो चुका है। हालांकि, राजनीतिक पृष्ठभूमि के कारण वह कई बार बचते रहे, लेकिन इस बार पुलिस ने उन्हें बख्शा नहीं।

कैसे हथियारों का नेटवर्क चलता था?

पुलिस की शुरुआती जांच के अनुसार, ओमप्रकाश गुप्ता एक बड़े हथियार सप्लाई नेटवर्क का हिस्सा हैं।

  1. सप्लाई चैन: ओमप्रकाश स्थानीय तस्करों के जरिए हथियार बेचते थे।
  2. कनेक्शन: उनके झारखंड और बिहार में कई संपर्क हैं, जो अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त करते हैं।
  3. निशाना: उनका मुख्य फोकस चुनावी हिंसा और छोटे अपराधों के लिए हथियार सप्लाई करना था।

राजनीति और अपराध का काला खेल

यह पहली बार नहीं है जब झारखंड की राजनीति में अपराध का चेहरा सामने आया है।

  • 2019: पलामू जिले में एक स्थानीय नेता को अवैध कोयला खनन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
  • 2022: एक और चुनाव उम्मीदवार पर जमीन कब्जाने का मामला दर्ज हुआ था।

ओमप्रकाश का मामला भी इसी कड़ी में जुड़ गया है।

पुलिस का बयान और आगे की कार्रवाई

कोतवाली थाना प्रभारी ने कहा, “यह गिरफ्तारी सिर्फ शुरुआत है। हमें विश्वास है कि जांच के बाद पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश होगा।” पुलिस अब ओमप्रकाश के सहयोगियों और संपर्कों की तलाश कर रही है।

झारखंड में बढ़ते अपराध

झारखंड, जो खनिज संसाधनों और हरित परिदृश्यों के लिए जाना जाता है, अब बढ़ते अपराध के कारण चर्चा में है।

  • अवैध हथियारों की मांग: झारखंड और बिहार में बढ़ते राजनीतिक और व्यक्तिगत विवादों के कारण अवैध हथियारों की मांग बढ़ी है।
  • पुलिस की भूमिका: स्थानीय पुलिस को अब स्मार्ट टेक्नोलॉजी और कड़े कानूनों का सहारा लेना होगा।

क्या हैं जनता की प्रतिक्रियाएं?

इस खबर के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।

  • कुछ लोगों का कहना है कि राजनीति में ऐसे अपराधियों का प्रवेश ही बड़ी समस्या है।
  • वहीं, कुछ लोगों ने पुलिस की तारीफ की, जिन्होंने साहसिक कदम उठाकर यह गिरफ्तारी की।

रांची में हुए इस खुलासे ने एक बार फिर साबित कर दिया कि राजनीति और अपराध का गठजोड़ समाज के लिए खतरनाक है। ओमप्रकाश गुप्ता की गिरफ्तारी से जहां पुलिस ने एक बड़ा अपराधी पकड़ा है, वहीं यह घटना झारखंड की राजनीति को एक नया आइना दिखाती है।

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