Potka Crime: दो साल की मासूम संग हैरान करने वाली घटना, आरोपी किशोर सुधार गृह भेजा गया!
झारखंड के पोटका में दो साल की मासूम के साथ दर्दनाक घटना! आरोपी 14 वर्षीय किशोर को पुलिस ने बाल सुधार गृह भेजा। जानें पूरी खबर।

पोटका: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका थाना क्षेत्र के तिरिंग गांव से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। यहाँ एक दो साल की मासूम बच्ची के साथ ऐसी वारदात हुई, जिसने सभी को झकझोर दिया। इस मामले में पुलिस ने एक 14 वर्षीय किशोर को हिरासत में लेकर बाल सुधार गृह भेज दिया है।
कैसे हुआ पूरा घटनाक्रम?
5 मार्च की दोपहर मासूम बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी। उसी दौरान पास में ही रहने वाले किशोर ने उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि आरोपी ने बच्ची को खाने का लालच दिया और फिर अपने घर के पीछे ले जाकर उसके साथ घिनौनी हरकत की।
लेकिन, तभी एक पड़ोसी युवक की नज़र इस पर पड़ गई। जैसे ही उसने यह सब देखा, उसने तुरंत शोर मचाया। आवाज़ सुनकर बच्ची के परिजन वहां पहुंच गए और मामला खुलकर सामने आ गया।
मामला पुलिस तक कैसे पहुंचा?
परिजनों ने तुरंत पोटका थाना को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी किशोर को पकड़ लिया और थाने ले गई। जब पुलिस ने उससे पूछताछ की, तो उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। इसके बाद उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया।
पोटका थाना प्रभारी रवि होनहागा ने बताया कि मासूम बच्ची की मेडिकल जांच कराई गई है और आगे की जांच जारी है। पुलिस पूरे मामले की गहराई से छानबीन कर रही है ताकि न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
क्या कहती है कानून व्यवस्था?
भारत में नाबालिगों द्वारा किए गए अपराध के लिए जुवेनाइल जस्टिस एक्ट (Juvenile Justice Act) के तहत कार्रवाई की जाती है। यदि अपराध गंभीर होता है, तो 16 से 18 वर्ष के किशोरों को भी वयस्क अपराधी की तरह दंडित किया जा सकता है।
झारखंड में ऐसे मामलों का बढ़ता ग्राफ
झारखंड में पिछले कुछ सालों में इस तरह के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। सरकार और पुलिस प्रशासन लगातार जागरूकता अभियानों और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था पर ज़ोर दे रहे हैं, लेकिन ऐसे मामलों को रोकने के लिए समाज की सतर्कता भी ज़रूरी है।
क्या करें ताकि मासूम सुरक्षित रहें?
बच्चों को अकेले बाहर न खेलने दें।
किसी अनजान व्यक्ति से बातचीत करने से बचने की सलाह दें।
अगर कोई संदिग्ध हरकत दिखे, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
पड़ोसियों और स्थानीय समुदाय के साथ अच्छा तालमेल बनाकर रखें।
यह घटना एक चेतावनी है कि हमें बच्चों की सुरक्षा को लेकर पहले से अधिक सतर्क रहना होगा। कानून अपना काम कर रहा है, लेकिन ऐसे अपराधों को रोकने की ज़िम्मेदारी समाज की भी बनती है। पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है और जल्द ही न्याय की उम्मीद की जा रही है।
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