Pakur Action: बुलडोजर ने हटाया अतिक्रमण, हिरणपुर बाजार में मचा हड़कंप

पाकुड़ के हिरणपुर बाजार में प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर सड़क किनारे अतिक्रमण हटाया। जानें कैसे विरोध के बावजूद प्रशासन ने कार्रवाई पूरी की और लोगों पर इसका क्या असर पड़ा।

Dec 16, 2024 - 09:56
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Pakur Action: बुलडोजर ने हटाया अतिक्रमण, हिरणपुर बाजार में मचा हड़कंप
Pakur Action: बुलडोजर ने हटाया अतिक्रमण, हिरणपुर बाजार में मचा हड़कंप

झारखंड के पाकुड़ जिले के लिट्टीपाड़ा अंचल क्षेत्र के हिरणपुर बाजार में प्रशासन ने रविवार को अतिक्रमण पर बड़ी कार्रवाई की। मुख्य सड़क के दोनों ओर किए गए अवैध कब्जे को हटाने के लिए बुलडोजर चलाया गया। इस कार्रवाई के दौरान कच्चे और पक्के निर्माण को ध्वस्त कर सड़क को अतिक्रमण मुक्त किया गया।

कैसे शुरू हुआ यह अभियान?
प्रशासन ने इस अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरुआत हिरणपुर वन क्षेत्र कार्यालय परिसर से लेकर सुभाष चौक तक की मुख्य सड़क से की। यहां सड़क किनारे बनी दुकानों और घरों के आगे किए गए अवैध निर्माण को तोड़ा गया। इसी के साथ मवेशी हाट और डाकबंगला परिसर को भी खाली कराया गया।

इससे पहले, प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों को कई बार नोटिस जारी किया था। इसके अलावा माइकिंग के जरिए जमीन खाली करने की चेतावनी भी दी गई थी। लेकिन स्थानीय लोगों ने इसे हल्के में लिया। उन्हें लगा कि प्रशासन की यह कार्रवाई सिर्फ दिखावे तक सीमित रहेगी, लेकिन इस बार प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए बुलडोजर चलवा दिया।

विरोध और प्रशासन की सख्ती
अतिक्रमण हटाने के दौरान कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया। दुकानदारों ने अपनी रोजी-रोटी का हवाला देते हुए प्रशासन से निर्माण न तोड़ने की गुहार लगाई। लेकिन प्रशासन अपने फैसले पर अडिग रहा और विरोध के बावजूद कार्रवाई जारी रही।

लोगों का कहना है कि वन विभाग के कार्यालय की बाउंड्री भी कथित रूप से अतिक्रमित है। इस पर प्रशासन ने कहा कि वह सरकारी जमीन है और इसे बाद में देखा जाएगा। यह सुनकर स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया कि क्या सरकारी विभागों के लिए अलग नियम हैं?

इतिहास में प्रशासनिक कार्रवाई और अतिक्रमण की जंग
पाकुड़ जैसे क्षेत्र में अतिक्रमण और प्रशासन के बीच का संघर्ष नया नहीं है। 2015 में भी पाकुड़ के अमड़ापाड़ा में इसी तरह की बड़ी कार्रवाई हुई थी, जब सैकड़ों अवैध कब्जों को हटाया गया था। तब भी प्रशासन की सख्ती के कारण लोगों में आक्रोश देखा गया था।

लोगों पर क्या असर पड़ा?
इस बार की कार्रवाई ने अस्थायी दुकानदारों और छोटे व्यवसायियों पर सीधा असर डाला है। उनकी दुकानों के ध्वस्त होने से रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। कई लोग अपने घर और दुकान टूटते देख बेहद दुखी नजर आए।

प्रशासन का पक्ष
लिट्टीपाड़ा के बीडीओ और सीओ संजय कुमार ने कहा कि यह अभियान पूरी तरह से कानून के दायरे में रहकर किया गया है। आगे भी जहां-जहां अतिक्रमण हैं, उन्हें चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। हिरणपुर के सीओ मनोज कुमार ने कहा कि सरकारी जमीन पर किए गए अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

क्या है आगे की योजना?
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अतिक्रमण हटाने की यह कार्रवाई सिर्फ एक शुरुआत है। आने वाले दिनों में अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।

हिरणपुर बाजार में बुलडोजर एक्शन ने जहां प्रशासन की सख्ती को दिखाया, वहीं स्थानीय लोगों के लिए यह मुश्किलों का सबब बन गया। प्रशासन की इस कार्रवाई से एक संदेश तो साफ है—अवैध कब्जों को अब किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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