Neemdih Celebration: जयपाल सिंह मुंडा की 121वीं जयंती पर श्रद्धांजलि, फूटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन

नीमडीह में जयपाल सिंह मुंडा की 121वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर उनके योगदानों और आदिवासी अधिकारों की लड़ाई को याद किया गया। जानें इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के बारे में।

Jan 3, 2025 - 16:34
Jan 3, 2025 - 16:35
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Neemdih Celebration: जयपाल सिंह मुंडा की 121वीं जयंती पर श्रद्धांजलि, फूटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन
Neemdih Celebration: जयपाल सिंह मुंडा की 121वीं जयंती पर श्रद्धांजलि, फूटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन

नीमडीह: ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण दिन, जब भारतीय आदिवासी आंदोलन के महान नेता, शिक्षाविद और अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी, मारांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की 121वीं जयंती मनाई गई। यह कार्यक्रम नीमडीह प्रखंड के सिरका स्थित नारगाटांड फुटबॉल मैदान में आयोजित हुआ, जहाँ आदिवासी भूमिज मुंडा कल्याण समिति और आदिवासी भूमिज मुंडा सरना समिति द्वारा उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

जयपाल सिंह मुंडा का योगदान:

जयपाल सिंह मुंडा की जयंती पर आयोजकों ने न केवल उनके योगदान को याद किया, बल्कि उनकी बहुआयामी व्यक्तित्व को भी सम्मानित किया। मुंडा साहब, जिनकी पहचान झारखंड आंदोलन के महान नेता के रूप में हुई, ने 1938 में आदिवासी महासभा की अध्यक्षता करते हुए बिहार से अलग झारखंड राज्य की स्थापना की मांग उठाई थी। इसके बाद से वे आदिवासी समुदाय के अधिकारों की आवाज बने और देशभर में आदिवासी समाज के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया।

विधायक श्रीमती सविता महतो ने इस अवसर पर कहा, “जयपाल सिंह मुंडा ने अपने जीवन में जो कार्य किए, वह प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने संविधान सभा में देश के आदिवासियों के अधिकारों के पक्ष में जोरदार तरीके से अपनी बात रखी। उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।”

पारंपरिक पूजा और खेलकूद का आयोजन:

इस खास दिन की शुरुआत जाहेर थान में पूजा अर्चना से हुई, जहाँ समाज का झंडात्तोलन भी किया गया। इस आयोजन के माध्यम से यह दिखाया गया कि आदिवासी संस्कृति और उनके अधिकारों की रक्षा के प्रति समाज की प्रतिबद्धता मजबूत है।

कार्यक्रम में एक बड़ा आकर्षण फुटबॉल प्रतियोगिता थी, जिसमें महिला और पुरुष दोनों वर्गों की टीमें भागी। इस प्रतियोगिता में विजेता टीमों को नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। यह आयोजन जयपाल सिंह मुंडा के जीवन के आदर्शों को जीवित रखने का एक अच्छा तरीका था, जिसमें खेल और संस्कृति को जोड़ा गया।

जयपाल सिंह मुंडा का आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष:

जयपाल सिंह मुंडा का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। उनका आदिवासी समुदाय के लिए योगदान सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने समाज में शिक्षा, खेल और संस्कृति के माध्यम से बदलाव लाने का प्रयास किया। उन्होंने खेलों में भी आदिवासी युवाओं को प्रेरित किया, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हॉकी खेलकर आदिवासी समाज का मान बढ़ाया।

उनका यह संदेश आज भी जीवित है कि शिक्षा, समाज सेवा और दृढ़ संकल्प से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। जयपाल सिंह मुंडा की जयंती को इस प्रकार से मनाना उनके आदर्शों को जीवित रखने का एक उत्कृष्ट तरीका है।

यह आयोजन नीमडीह में न केवल जयपाल सिंह मुंडा की जयंती को समर्पित था, बल्कि यह आदिवासी समाज के अधिकारों और उनके इतिहास को भी सम्मानित करने का अवसर था। जयपाल सिंह मुंडा के योगदानों को याद करते हुए, यह कार्यक्रम यह संदेश देता है कि हम सभी को उनके मार्ग पर चलने की आवश्यकता है। इस तरह के आयोजन समाज में जागरूकता फैलाने और आदिवासी समुदाय के अधिकारों को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।