Nawada Weather: सुबह घना कोहरा, दोपहर की धूप और बढ़ती सर्दी से लोगों की मुश्किलें बढ़ीं
नवादा में बढ़ती ठंड ने सुबह घने कोहरे और सर्द हवाओं से जनजीवन प्रभावित किया। जानें क्यों साल के आखिरी दिनों में ठंड और बढ़ने की संभावना है।
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नवादा में ठंड का प्रकोप दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। घने कोहरे और सर्द हवाओं ने जहां सुबह-सवेरे लोगों को घरों में कैद रहने पर मजबूर कर दिया, वहीं दोपहर की धूप भी राहत देने में नाकाम दिखी। सर्दी का यह असर साल के आखिरी दिनों में और भी बढ़ने की संभावना जता रहा है।
सुबह-सवेरे का कोहरा और विजिबिलिटी की समस्या
सोमवार की सुबह नवादा के सदर प्रखंड क्षेत्र में घने कोहरे ने दृश्यता (विजिबिलिटी) को महज 20 मीटर तक सीमित कर दिया। बसें और वाहन पीली रोशनी के सहारे अपने गंतव्य की ओर बढ़ते नजर आए। यह दृश्य सर्दी के तीव्र प्रभाव और मौसम की कठिनाइयों को साफ दर्शाता है।
दिन में धूप, लेकिन शीतलहर का एहसास बरकरार
सूरज के उदय के साथ कोहरा धीरे-धीरे छंटने लगा। दिन के 9 बजे बाद धूप ने थोड़ी राहत जरूर दी, लेकिन सर्द हवाओं ने ठंड का एहसास बनाए रखा। दोपहर 3 बजे के बाद फिर से कनकनी का असर महसूस होने लगा, जिससे बाजारों में गर्म कपड़ों की बिक्री में तेजी आई।
किसानों के लिए मौसम की चुनौती
नवादा के कृषि प्रधान वारिसलीगंज क्षेत्र में किसानों के लिए यह समय बेहद अहम है। गेहूं की बुआई जो दिसंबर के मध्य तक पूरी हो जानी चाहिए थी, अभी भी कुछ खेतों में जारी है। वहीं, मजदूरों की कमी के कारण धान की फसल की कटाई भी अधूरी है। इस बीच कोहरे और संभावित बूंदाबांदी की आशंका ने किसानों की चिंता और बढ़ा दी है।
गरीब और आश्रयहीन लोगों की परेशानियां बढ़ीं
कोहरे और कड़ाके की ठंड से गरीब और आश्रयहीन लोग सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। खुले आसमान के नीचे रात बिताने वालों के लिए यह मौसम बेहद चुनौतीपूर्ण बन गया है। दिनभर लोग धूप सेंकते और अलाव जलाकर ठंड से राहत पाने की कोशिश करते नजर आए।
साल के आखिरी सप्ताह में ठंड का और बढ़ेगा असर
मौसम विभाग और स्थानीय जानकारों के मुताबिक, साल के आखिरी सप्ताह में ठंड और बढ़ने की संभावना है। कोहरे की घनत्व में कमी नहीं आ रही है, जिससे सड़क पर वाहन चलाना मुश्किल हो रहा है। लोगों को सावधानी बरतने और गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है।
इतिहास में भी देखा गया ऐसा सर्द मौसम
पूस माह का यह ठंडा मिजाज बिहार के ग्रामीण इलाकों में हर साल देखा जाता है। लेकिन इस बार कोहरे का असर और अधिक घना और ठंड का प्रभाव ज्यादा लंबा हो सकता है। नवादा के बुजुर्गों का कहना है कि ऐसा मौसम उनकी युवावस्था में भी देखने को मिला था, जब लोग ठंड से बचने के लिए दिनभर अलाव जलाए रखते थे।
बाजारों में बढ़ी गर्म कपड़ों की मांग
सर्दी के बढ़ते प्रभाव के कारण बाजारों में शॉल, जैकेट और अन्य गर्म कपड़ों की बिक्री में तेजी देखी गई है। दुकानदारों के अनुसार, लोगों की प्राथमिकता अब अधिक गर्म और टिकाऊ कपड़े खरीदने की हो गई है।
नवादा का मौसम इस समय अपने ठंडे और कठोर मिजाज से लोगों को चुनौती दे रहा है। जहां एक ओर किसानों को अपनी फसलों की चिंता है, वहीं गरीब और बेसहारा लोग ठंड से बचने के लिए जूझ रहे हैं। यह समय है कि हम सभी मिलकर जरूरतमंदों की मदद करें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
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