Nawada Inspection: पूर्व मध्य रेलवे जीएम का विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण, सुरक्षा और सुविधाओं पर दिया जोर
पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के महाप्रबंधक ने किउल-गया रेलखंड का विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण किया। यात्री सुविधाओं और संरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए स्टेशन, सिग्नलिंग सिस्टम और सफाई का गहन मुआयना किया।
नवादा: पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के महाप्रबंधक (GM) छत्रसाल सिंह ने किउल-गया रेलखंड पर विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण के दौरान यात्री सुविधा और संरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं का गहन जायजा लिया। यह निरीक्षण भारतीय रेलवे की संरक्षा और संचालन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से किया गया।
क्या है विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण?
विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण रेलवे अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। इसमें अधिकारी ट्रेन के कोच से यात्रा करते हुए रेलवे ट्रैक, सिग्नल, पुल, स्टेशन और अन्य संरचनाओं का अवलोकन करते हैं। इसका उद्देश्य रेलवे संरचना की स्थिति का आकलन करना और संचालन में सुधार लाना है।
नवादा स्टेशन का विशेष निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान, महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह नवादा स्टेशन पहुंचे। उन्होंने प्लेटफार्म, सर्कुलेटिंग एरिया और सफाई व्यवस्था की समीक्षा की। इसके साथ ही, यात्री सुविधा जैसे वेटिंग एरिया, टिकट काउंटर और प्रकाश व्यवस्था का मुआयना किया। जीएम ने ट्रैक और सिग्नलिंग सिस्टम की जांच करते हुए सुरक्षा के प्रति सतर्कता बरतने का निर्देश दिया।
रेलवे सुरक्षा और यात्री सुविधा पर जोर
महाप्रबंधक ने निरीक्षण के दौरान सुरक्षा को प्राथमिकता दी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि रेल संरक्षा से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन किया जाए। इसके अलावा, यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बेहतर सफाई व्यवस्था और प्लेटफार्म पर जरूरी सुविधाओं को प्राथमिकता देने की बात कही।
दानापुर और गया मंडल के अधिकारी भी रहे मौजूद
इस निरीक्षण में दानापुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (DRM) जयंत कुमार चौधरी और गया में पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल के DRM राजेश गुप्ता भी मौजूद थे। दोनों अधिकारियों ने जीएम को अपने-अपने मंडलों की प्रमुख चुनौतियों और सुधार योजनाओं की जानकारी दी।
इतिहास और रेलवे की चुनौतियां
भारतीय रेलवे का इतिहास 1853 से शुरू होता है, जब पहली बार मुंबई से ठाणे के बीच ट्रेन चली थी। आज रेलवे देश की जीवनरेखा है, लेकिन सुरक्षा और संरचना की पुरानी समस्याएं इसे चुनौती देती हैं। किउल-गया रेलखंड जैसे मार्गों पर यात्रियों की बढ़ती संख्या के साथ इन समस्याओं को हल करना और भी जरूरी हो जाता है।
क्या कहा गया निरीक्षण के बाद?
निरीक्षण के बाद जीएम छत्रसाल सिंह गया स्टेशन के लिए रवाना हो गए। उन्होंने अधिकारियों को आश्वासन दिया कि संरक्षा और सुविधा से जुड़े सुझावों पर ध्यान दिया जाएगा।
भविष्य की योजना
इस निरीक्षण के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि किउल-गया रेलखंड और अन्य मार्गों पर संरक्षा और यात्री सुविधाओं में सुधार देखने को मिलेगा। रेलवे प्रशासन की इस सक्रियता से यात्रियों को बेहतर सेवा और सुरक्षित यात्रा का भरोसा मिलेगा।
पूर्व मध्य रेलवे का यह निरीक्षण रेल प्रशासन की सेवा और सुरक्षा को मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ऐसे प्रयास न केवल यात्रियों का विश्वास बढ़ाते हैं, बल्कि भारतीय रेलवे को और अधिक कुशल बनाते हैं।
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