Jamshedpur Doctors: रेलवे अस्पताल में डेंटल डॉक्टरों के चयन के लिए इंटरव्यू, यूनियन ने उठाई सेवाओं में सुधार की मांग
टाटानगर रेलवे अस्पताल में डेंटल डॉक्टर के रिक्त पद के लिए आठ डॉक्टरों का इंटरव्यू। अस्पताल की सुविधाओं और अनुबंधित डॉक्टरों की सेवाओं की समीक्षा को लेकर रेलवे मेंस यूनियन ने की मांग।
जमशेदपुर: टाटानगर रेलवे अस्पताल में डॉक्टरों की कमी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। डॉक्टरों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए शुक्रवार को डेंटल विभाग के रिक्त पद के लिए आठ डॉक्टरों का इंटरव्यू लिया गया। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) डॉ. सुब्रतो कुमार मिश्रा के नेतृत्व में यह प्रक्रिया पूरी हुई।
डेंटल डॉक्टर के चयन की प्रक्रिया
इंटरव्यू में टाटानगर रेलवे अस्पताल के अधीक्षक पीके महाली, डॉ. डोमनिका टोपना और एक डेंटिस्ट भी मौजूद थे। कुल आठ डॉक्टरों ने भाग लिया, लेकिन चयन केवल एक का होना है। अस्पताल में फिलहाल केवल चार डॉक्टर कार्यरत हैं, जिनमें से तीन स्थायी और एक अनुबंध पर हैं।
CMS ने देखा अस्पताल का हाल
डॉ. सुब्रतो कुमार मिश्रा ने अस्पताल का निरीक्षण किया और अधीक्षक पीके महाली से आवश्यक सेवाओं पर चर्चा की। उन्होंने अस्पताल की सुविधाओं को सुधारने के लिए कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
यूनियन ने उठाई समस्याएं
रेलवे मेंस यूनियन के नेताओं ने CMS से मिलकर अस्पताल में मौजूद समस्याओं और मरीजों की परेशानियों को सामने रखा। यूनियन नेताओं ने रिक्त पदों पर बहाली की सूची मांगी, ताकि आवश्यकता पड़ने पर वे डॉक्टरों के चयन में सहयोग कर सकें।
अनुबंधित डॉक्टरों की सेवा की समीक्षा की मांग
यूनियन ने अनुबंधित डॉक्टरों की सेवाओं की समीक्षा पर जोर दिया। उनका मानना है कि लंबे समय तक अनुबंध पर रहने वाले डॉक्टरों में एकाधिकार की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। बेहतर सेवा के लिए अनुबंध की समयावधि पर समीक्षा करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर नए डॉक्टरों को मौका मिलना चाहिए।
अल्ट्रासाउंड सेवाओं की कमी
यूनियन नेताओं ने यह भी बताया कि वर्तमान में अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जैसी जरूरी सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने जांच एजेंसी से तुरंत टाईअप करने का अनुरोध किया ताकि मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
इतिहास और रेलवे अस्पताल की चुनौतियां
भारतीय रेलवे अस्पतालों का इतिहास 19वीं सदी से शुरू होता है। ये अस्पताल रेलवे कर्मचारियों और उनके परिवारों की स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाए गए थे। हालांकि, वर्तमान में स्टाफ की कमी, तकनीकी संसाधनों का अभाव और अनुबंधित डॉक्टरों पर निर्भरता जैसी चुनौतियां इन अस्पतालों को प्रभावित कर रही हैं।
भविष्य की योजनाएं और सुधार की उम्मीद
CMS डॉ. मिश्रा ने यूनियन को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। उन्होंने अस्पताल की सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रशासन से सहयोग का अनुरोध किया।
टाटानगर रेलवे अस्पताल में डॉक्टरों की कमी और सुविधाओं की सीमितता ने मरीजों को काफी प्रभावित किया है। यूनियन की सक्रियता और CMS के निरीक्षण से उम्मीद जगी है कि अस्पताल की सेवाओं में सुधार होगा। रेलवे प्रशासन को इन मांगों पर तत्काल ध्यान देना चाहिए ताकि कर्मचारियों और उनके परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
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