Nawada Opening: क्रेच सह पालना-04 का हुआ उद्घाटन, महिला हिंसा उन्मूलन पर चर्चा

नवादा जिले में क्रेच सह पालना-04 का उद्घाटन हुआ और महिला हिंसा उन्मूलन पखवाड़े के तहत महिला सशक्तिकरण पर चर्चा हुई। जानिए इस कार्यक्रम के महत्वपूर्ण पहलुओं और उपस्थित अधिकारियों के विचार।

Dec 7, 2024 - 13:49
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Nawada Opening: क्रेच सह पालना-04 का हुआ उद्घाटन, महिला हिंसा उन्मूलन पर चर्चा
Nawada Opening: क्रेच सह पालना-04 का हुआ उद्घाटन, महिला हिंसा उन्मूलन पर चर्चा

नवादा, 7 दिसंबर 2024: नवादा जिले के सदर प्रखण्ड में क्रेच सह पालना-04 का उद्घाटन एक विशेष अवसर पर किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस ने की। इस उद्घाटन का आयोजन अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन पखवाड़े के हिस्से के रूप में किया गया था, जिसका उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और उनके प्रति हिंसा को समाप्त करना है।

महिला सशक्तिकरण और जागरूकता पर जोर

कार्यक्रम के दौरान जिला मिशन समन्वयक हिना तबासुम और जिला समन्वयक उड़ान परियोजना इब्राना नाज ने महिलाओं को जेंडर आधारित हिंसा, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013, और घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 के बारे में जानकारी दी। ये कानून महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए बनाए गए हैं, और इनका उद्देश्य समाज में समानता और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

शॉर्ट फिल्म और प्रतियोगिता

महिलाओं को जागरूक करने के लिए जेंडर हिंसा पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई। यह फिल्म महिलाओं को उनके अधिकारों और हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने के महत्व को समझाने के लिए प्रस्तुत की गई। इसके बाद, महिलाओं के बीच कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिससे उनका मनोबल बढ़ाया गया और कार्यक्रम को एक आनंददायक माहौल दिया गया।

महिला हिंसा उन्मूलन पखवाड़ा: एक ऐतिहासिक दृष्टिकोण

महिला हिंसा उन्मूलन पखवाड़ा का आयोजन संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थित एक अभियान है, जिसका उद्देश्य दुनियाभर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करना है। इस पखवाड़े के दौरान कई जगहों पर जागरूकता कार्यक्रम, सेमिनार और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। भारत में भी यह अभियान विशेष रूप से महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और उनके प्रति हिंसा के खिलाफ जन जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।

क्रेच सह पालना का महत्व

क्रेच सह पालना जैसे संस्थान न केवल बच्चों की देखभाल के लिए आवश्यक हैं, बल्कि वे महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता का अवसर भी प्रदान करते हैं। इससे माताएं अपने बच्चों की देखभाल करते हुए बाहर काम करने में समर्थ होती हैं, जो उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए बेहद जरूरी है।

कार्यक्रम की उपस्थिति और निष्कर्ष

इस कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम और बढ़ाया गया, जिससे महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया। उपस्थित अधिकारियों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने मिलकर इस पखवाड़े के महत्व को समझा और समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में कार्य करने का संकल्प लिया।

इस प्रकार, नवादा में आयोजित यह कार्यक्रम न केवल महिलाओं के अधिकारों और उनके खिलाफ हिंसा की समाप्ति की दिशा में एक प्रयास था, बल्कि यह समाज में समानता और समर्पण की भावना को भी बढ़ावा देने का एक अवसर बना।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।