Nawada: 750 लीटर Mahua शराब बरामद, तस्कर फरार, 5 बाइक जब्त
नवादा के रजौली चेक पोस्ट पर 750 लीटर महुआ शराब जब्त। पुलिस ने पांच बाइक बरामद कीं, लेकिन तस्कर फरार। जानें पूरी घटना और कार्रवाई।
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नवादा, बिहार: बिहार-झारखंड सीमा पर स्थित रजौली चेक पोस्ट पर उत्पाद विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 750 लीटर महुआ निर्मित शराब जब्त की। तस्कर जंगल में भागने में सफल रहे, लेकिन पुलिस ने मौके से पांच बाइक बरामद की हैं। इस कार्रवाई ने बिहार में शराबबंदी के बावजूद चल रहे अवैध शराब निर्माण और तस्करी के गहरे नेटवर्क को उजागर किया है।
उत्पाद अधीक्षक अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि रजौली थाना क्षेत्र के चोरडीहा जंगल में महुआ शराब की बड़ी खेप पहुंचाने की सूचना गुप्त रूप से मिली थी। इसके बाद उत्पाद विभाग की टीम ने इलाके में छापेमारी की योजना बनाई।
रजौली चेक पोस्ट पर तैनात टीम ने बताया कि सूचना के आधार पर जब चोरडीहा जंगल के निर्माणाधीन रेलवे ब्रिज के पास पहुंचे, तो उन्होंने पांच बाइकों को आते देखा। सभी बाइकों पर बड़े-बड़े बोरे लदे हुए थे। जैसे ही तस्करों ने पुलिस टीम को देखा, वे बाइक छोड़कर जंगल की ओर भाग गए।
पुलिस ने जब बोरों की तलाशी ली, तो उनमें से 750 लीटर महुआ निर्मित शराब बरामद हुई। इसके साथ ही मौके से पांच बाइकों को भी जब्त कर लिया गया।
उत्पाद अधीक्षक ने बताया कि जब्त की गई बाइकों के दस्तावेजों के आधार पर मालिकों की पहचान की जा रही है। इसके साथ ही अज्ञात तस्करों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई है।
बिहार में अप्रैल 2016 में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई थी। राज्य सरकार ने शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए कई कानून बनाए, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है। महुआ से बनी शराब तस्करी का प्रमुख हिस्सा बन चुकी है, जिसे जंगलों और दूरदराज के इलाकों में तैयार किया जाता है।
बिहार-झारखंड सीमा शराब तस्करों के लिए एक प्रमुख मार्ग बन चुकी है। झारखंड में शराबबंदी लागू न होने के कारण वहां से बिहार में शराब की तस्करी आसान हो गई है।
उत्पाद अधीक्षक अरुण मिश्रा ने बताया, "उत्पाद बलों की टीम लगातार छापेमारी अभियान चला रही है। हम तस्करी को रोकने के लिए विशेष अभियान चला रहे हैं। शराब निर्माण, परिवहन और बिक्री पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए कार्रवाई जारी रहेगी।"
उन्होंने यह भी कहा कि तस्करों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे, और जब्त बाइकों के मालिकों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
महुआ शराब पारंपरिक रूप से महुआ के फूलों से बनाई जाती है। यह प्रक्रिया सरल और सस्ती है, जिससे यह ग्रामीण इलाकों में अवैध रूप से बनाई जाती है। हालांकि, बिना वैज्ञानिक विधि के तैयार की गई यह शराब स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक होती है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि महुआ शराब की तस्करी ने युवाओं को सबसे अधिक प्रभावित किया है। एक ग्रामीण ने बताया, "सरकार को सिर्फ तस्करों पर ही नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में शराब निर्माण रोकने के लिए भी ठोस कदम उठाने चाहिए।"
उत्पाद विभाग को न केवल तस्करी रोकने पर ध्यान देना होगा, बल्कि शराब निर्माण के गढ़ को भी खत्म करना होगा। जंगल और दूरदराज के इलाकों में छापेमारी अभियान को तेज करना और शराबबंदी कानून को कड़ाई से लागू करना आवश्यक है।
रजौली में हुई इस बड़ी कार्रवाई से स्पष्ट है कि शराबबंदी कानून के बावजूद तस्करों के हौसले बुलंद हैं। हालांकि, उत्पाद विभाग की यह कार्रवाई एक सकारात्मक कदम है, लेकिन इसे सतत और सख्त बनाना होगा।
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