Nawada Smuggling: शराब की बोतलों का पर्दाफाश, बस से हजारों खाली बोतलें और QR कोड बरामद!

नवादा में शराब तस्करी का नया खुलासा, बस से हजारों खाली शराब की बोतलें, ढक्कन, QR कोड और ब्रांडेड स्टीकर बरामद। जानिए कैसे पकड़ी गई ये अवैध तस्करी।

Jan 3, 2025 - 18:59
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Nawada Smuggling: शराब की बोतलों का पर्दाफाश, बस से हजारों खाली बोतलें और QR कोड बरामद!
Nawada Smuggling: शराब की बोतलों का पर्दाफाश, बस से हजारों खाली बोतलें और QR कोड बरामद!

नवादा, बिहार: बिहार में शराबबंदी के बावजूद तस्करी के नए-नए हथकंडे सामने आ रहे हैं। ताजा मामला नवादा जिले के रजौली चेक पोस्ट का है, जहां उत्पाद पुलिस ने एक यात्री बस से भारी मात्रा में शराब की खाली बोतलें, ब्रांडेड स्टीकर, QR कोड और ढक्कन बरामद किए हैं। इस मामले में दो चालक और एक खलासी को गिरफ्तार किया गया है।

कैसे पकड़ी गई तस्करी?

नए साल के मौके पर कोलकाता से पटना जा रही एक यात्री बस की रजौली चेक पोस्ट पर जांच की गई। जांच के दौरान बस की छत पर लदे कई बोरे मिले, जिनमें सीग्राम कंपनी की रॉयल स्टैग और ब्लेंडर्स प्राइड ब्रांड की खाली शराब की बोतलें, ढक्कन, और QR कोड वाले स्टिकर्स भारी मात्रा में पाए गए।

बरामद सामग्रियां:

  • शीशे की खाली बोतलें: 1559
  • प्लास्टिक की खाली बोतलें: 2974
  • ढक्कन: 3008
  • ब्रांडेड स्टीकर: 3044
  • QR कोड स्टीकर: 2982

क्या था तस्करी का पूरा मकसद?

उत्पाद अधीक्षक अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि बरामद सामग्री का उपयोग अवैध शराब निर्माण में किया जा रहा था। खाली बोतलें, ढक्कन और QR कोड बिहार में चोरी-छिपे विदेशी शराब की तस्करी और पैकिंग के लिए लाई गई थीं। ये सामान कोलकाता के बाबूघाट बस स्टैंड से पटना के पहाड़ी इलाके में स्थित स्टार हॉस्पिटल के समीप एक बुकिंग एजेंट सज्जन कुमार के माध्यम से भेजा जा रहा था।

गिरफ्तार तस्करों की पहचान:

गिरफ्तार व्यक्तियों में शामिल हैं:

  • मो. फिरोज आलम (सोनसहारी गांव, नवादा)
  • मो. मोहसिन खान (पिथौरी गांव, अकबरपुर)
  • अरविंद सिंह (वारसलीगंज, कुटरी गांव)

शराबबंदी के बावजूद क्यों हो रही तस्करी?

बिहार में 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है, लेकिन तस्करों ने नए-नए रास्ते अपनाकर कानून को ठेंगा दिखाया है। शराबबंदी कानून के बावजूद, शराब की तस्करी और पैकिंग सामग्री का व्यापार तेजी से बढ़ा है। बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के तहत FIR दर्ज कर तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

इतिहास में बिहार की शराबबंदी:

बिहार में शराबबंदी की शुरुआत 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में हुई थी। इसका उद्देश्य नशामुक्त समाज बनाना था, लेकिन शराब तस्करी और अवैध उत्पादन जैसे अपराधों में तेजी आई है।

आगे क्या कार्रवाई होगी?

उत्पाद अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में शामिल सभी आरोपियों पर बिहार मद्य निषेध अधिनियम की धारा 30C, 30D, 41, 47, 48 और 52 के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच अधिकारी सौरव कुमार के नेतृत्व में आगे की कार्रवाई की जा रही है।

बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद तस्करों के नए-नए हथकंडे उजागर हो रहे हैं। नवादा में पकड़ी गई यह बड़ी तस्करी एक बार फिर साबित करती है कि अवैध शराब निर्माण और उसकी आपूर्ति पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए सख्त निगरानी और ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।