जमशेदपुर में लगेगा मॉड्युलर बायोगैस प्लांट, अपशिष्ट प्रबंधन में होगा बड़ा बदलाव
टाटा स्टील यूआईएसएल ने जमशेदपुर में बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए मॉड्युलर बायोगैस प्लांट लगाने की योजना बनाई है। यह पहल शहर के हरित भविष्य को मजबूत करेगी।
जमशेदपुर, 24 अक्टूबर 2024: टाटा स्टील यूआइएसएल ने जमशेदपुर में बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर एक अभिनव पहल की शुरुआत की है। इस पहल के तहत शहर भर में मॉड्युलर बायोगैस प्लांट लगाए जाएंगे। यह कदम नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) प्रबंधन को विकेंद्रीकृत करने और अपशिष्ट परिवहन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए उठाया गया है।
होटलों से शुरू हुई बायोगैस पहल
टाटा स्टील यूआइएसएल ने अपने सस्टेनेबल अपशिष्ट प्रबंधन के तहत जमशेदपुर होटेलियर्स एसोसिएशन के साथ मिलकर होटलों में बायोगैस प्लांट स्थापित किए हैं। इसके अलावा, कंपनी ने स्कूलों और घरों को भी अपने परिसर में बायोगैस प्लांट लगाने के लिए प्रेरित किया है। इस पहल का उद्देश्य जमशेदपुर के हरित और टिकाऊ भविष्य को बढ़ावा देना है।
कचरे का विकेन्द्रीकृत प्रबंधन
जमशेदपुर में प्रतिदिन करीब 250-270 टन कचरा निकलता है, जिसमें से 100 टन से अधिक खाद्य अपशिष्ट होता है। इस कचरे को सीधे स्रोत पर ही कम या संसाधित करने की आवश्यकता है। पारंपरिक रूप से केंद्रीकृत कचरा प्रबंधन प्रणालियों से निकलने वाली ग्रीनहाउस गैसें पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं। इसी समस्या को हल करने के लिए टाटा स्टील यूआइएसएल ने बायोगैस संयंत्रों की स्थापना का फैसला किया है, जो मीथेन गैस का उत्पादन करेंगे। इस गैस का उपयोग एलपीजी की खपत को कम करने के लिए किया जा सकेगा।
हरित विकास की ओर बड़ा कदम
मॉड्युलर बायोगैस प्लांट न केवल कचरे को बायोगैस में बदलने का काम करेगा, बल्कि इससे बायो-खाद भी बनाई जा सकेगी। यह पहल जमशेदपुर के कार्बन पदचिह्न को कम करने में मददगार साबित होगी और शहर के हरित विकास लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
टाटा स्टील यूआइएसएल ने जमशेदपुर के सभी निवासियों से अपील की है कि वे इस सामूहिक प्रयास में भाग लें और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपना योगदान दें।
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