Madras High Court: किशोरों के प्यार में गले लगना और चूमना अपराध नहीं, कोर्ट का बड़ा फैसला!
मद्रास हाईकोर्ट ने किशोर प्रेमी-प्रेमिका के बीच गले लगने और चूमने को स्वाभाविक बताया, IPC धारा 354-A के तहत यह अपराध नहीं माना। जानें इस अहम फैसले की पूरी कहानी।
Madras High Court: किशोरों के प्यार में गले लगना और चूमना अपराध नहीं, कोर्ट का बड़ा फैसला!
चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि किशोरावस्था में प्रेम संबंधों में गले लगना और चूमना एक स्वाभाविक बात है, और यह भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354-A के तहत अपराध नहीं हो सकता। यह मामला एक याचिका से जुड़ा था, जिसमें यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे युवक को राहत दी गई।
क्या है IPC धारा 354-A?
IPC की धारा 354-A(1)(i) के तहत यौन उत्पीड़न तब माना जाता है जब पुरुष किसी महिला से शारीरिक संपर्क बनाता है, जो स्पष्ट रूप से यौन उत्पीड़न के रूप में जाना जाता है। लेकिन कोर्ट ने इस बात को स्पष्ट किया कि किशोरों के बीच प्रेम संबंधों में गले लगना और चूमना स्वाभाविक है, और यह किसी भी तरह से अपराध नहीं हो सकता।
क्या था मामला?
इस मामले में याचिकाकर्ता संथनगणेश पर आरोप था कि उसने अपनी प्रेमिका को 13 नवंबर 2022 को बुलाया और बातचीत करते हुए उसे गले लगाया और चूमा। इसके बाद शिकायतकर्ता ने अपने माता-पिता को इस बारे में बताया और शादी के लिए अनुरोध किया। जब युवक ने शादी से इनकार किया, तो शिकायत दर्ज करवाई गई।
कोर्ट का फैसला
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि अगर FIR में दर्ज आरोपों को सच मान लिया जाए, तो भी युवक के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता। कोर्ट ने यह आदेश दिया कि उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही जारी रखना गलत होगा और यह कानून का दुरुपयोग होगा।
यह निर्णय न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह किशोर प्रेम संबंधों में एक नई समझ पैदा करता है। कोर्ट का यह फैसला किशोरों के बीच स्वाभाविक प्रेम संबंधों को पहचानने और समझने का एक प्रयास है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
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