Kutmu Havoc: जंगली हाथियों ने किसानों की धान की फसल रौंदी, मुआवजे की गुहार

कुटमू के किसानों पर जंगली हाथियों का कहर! धान की फसलों को रौंदने और खाने की घटना ने ग्रामीणों को आर्थिक संकट में डाला। जानें पूरी घटना और मुआवजे की मांग।

Dec 6, 2024 - 10:04
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Kutmu Havoc: जंगली हाथियों ने किसानों की धान की फसल रौंदी, मुआवजे की गुहार
Kutmu Havoc: जंगली हाथियों ने किसानों की धान की फसल रौंदी, मुआवजे की गुहार

कुटमू : बेतला के पास स्थित ग्राम कुटमू के पीपरखाड़ टोला में जंगली हाथियों ने बीती रात जमकर उत्पात मचाया। हाथियों के झुंड ने धान की खड़ी फसल और कटाई के बाद तैयार की गई फसल को रौंद डाला। ग्रामीणों के लिए यह घटना आर्थिक संकट और चिंता का कारण बन गई है।

रातभर चला हाथियों का आतंक

हाथियों का झुंड देर रात गांव के खेतों में घुस आया। मोहन सिंह, सत्यनारायण सिंह और रामकेश्वर सिंह जैसे किसानों की मेहनत पर इन जंगली हाथियों ने पल भर में पानी फेर दिया। कुछ फसलें उन्होंने खा लीं, जबकि बाकी को रौंदकर नष्ट कर दिया।

जब किसानों ने हाथियों को भगाने की कोशिश की, तो उनकी सुरक्षा को भी खतरा हो गया। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों के शोरगुल के बाद बड़ी मुश्किल से हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ा जा सका।

बाल-बाल बचे किसान

फसल की रखवाली कर रहे मोहन सिंह, संतोखी सिंह और सत्यनारायण सिंह जैसे किसान हाथियों का शिकार बनने से बाल-बाल बचे। घटना के बाद ग्रामीणों में डर का माहौल है।

वन विभाग से मुआवजे की मांग

प्रभावित किसानों ने वन विभाग से मुआवजे की मांग की है। किसान मोहन सिंह ने कहा, "हमने सालभर की मेहनत से जो फसल उगाई थी, वह कुछ ही मिनटों में बर्बाद हो गई। वन विभाग को हमारी मदद करनी चाहिए।"

इधर, वनरक्षी देवपाल भगत ने मौके पर पहुंचकर आश्वासन दिया कि जांच के बाद विभागीय प्रावधानों के अनुसार मुआवजे का भुगतान किया जाएगा।

हाथियों का बढ़ता खतरा: एक नजर इतिहास पर

पलामू टाइगर रिजर्व और बेतला नेशनल पार्क के आस-पास के इलाकों में जंगली हाथियों का खतरा नया नहीं है।

  • 2000 के दशक से जंगलों के कटाव और मानव बस्तियों के विस्तार के कारण हाथियों के लिए भोजन और पानी की समस्या बढ़ी है।
  • पिछले साल, पास के एक गांव में हाथियों ने 50 एकड़ से अधिक फसल नष्ट कर दी थी।
  • ग्रामीणों के अनुसार, हाथियों के झुंड हर साल फसल कटाई के मौसम में गांवों की ओर रुख करते हैं।

ग्रामीणों की समस्या और सरकार की जिम्मेदारी

यह समस्या न केवल किसानों के लिए बल्कि वन विभाग के लिए भी चुनौती बन चुकी है।

  • फसल नुकसान: किसानों की मेहनत पर पानी फिरता है, और वे कर्ज में डूब जाते हैं।
  • सुरक्षा खतरा: हाथियों के हमले से जानमाल का भी खतरा रहता है।
  • वन्यजीव संरक्षण और मानव संघर्ष: जंगली जानवरों और इंसानों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है।

सरकार और वन विभाग को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

  • गांवों के पास फसलों की सुरक्षा के लिए सोलर फेंसिंग जैसे उपाय किए जा सकते हैं।
  • हाथियों के लिए जंगलों में पर्याप्त भोजन और पानी की व्यवस्था करनी चाहिए।

ग्रामीणों का आक्रोश और उम्मीद

घटना के बाद गांववालों ने वन विभाग से तत्काल सहायता की मांग की। सत्यनारायण सिंह ने कहा, "अगर हमें मुआवजा नहीं मिला, तो हम बर्बाद हो जाएंगे। सरकार को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए।"

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों के सिकुड़ने और इंसानी दखल के बढ़ने के कारण जंगली हाथियों का रुख गांवों की ओर बढ़ रहा है।

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