झारखंड हाईकोर्ट में रवींद्रनाथ महतो के निर्वाचन को चुनौती: सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित
झारखंड हाईकोर्ट में विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो के निर्वाचन को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका पर सुनवाई हुई। प्रार्थी ने आरोप लगाया कि महतो ने दुष्प्रचार किया।
झारखंड हाईकोर्ट: 17 अक्टूबर 2024 को, विधानसभा के अध्यक्ष और नाला विधायक रवींद्रनाथ महतो के निर्वाचन को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका पर सुनवाई हुई। यह याचिका संतोष हेंब्रम ने दायर की थी। इस मामले में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई है।
सुनवाई में प्रार्थी की तरफ से अधिवक्ता मुकेश दुबे ने पैरवी की। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो की ओर से अधिवक्ता अरविंद लाल और अनिल कुमार ने बहस की। प्रार्थी पक्ष ने मामले में 3 गवाहों की गवाही दर्ज कराई।
दूसरी तरफ, प्रतिवादी रवींद्रनाथ महतो सहित कुल 12 गवाहों की गवाही हुई। प्रार्थी ने अपनी चुनाव याचिका में आरोप लगाया है कि रवींद्रनाथ महतो ने विधानसभा चुनाव के दौरान एक पेम्पलेट छपवाया। इस पेम्पलेट में प्रार्थी के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया था। प्रार्थी का कहना है कि इस दुष्प्रचार के कारण उनका जनाधार खत्म हुआ है।
प्रार्थी ने मांग की है कि इस दुष्प्रचार के कारण रवींद्रनाथ महतो का निर्वाचन रद्द किया जाए। सुनवाई के बाद, हाईकोर्ट की एकल पीठ ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है।
इस मामले की सुनवाई से राजनीतिक माहौल में हलचल मच गई है। यदि कोर्ट ने रवींद्रनाथ महतो का निर्वाचन रद्द किया, तो इससे विधानसभा में सत्ता संतुलन पर प्रभाव पड़ सकता है।
अब सभी की निगाहें हाईकोर्ट के आदेश पर लगी हैं। यह मामला झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। अदालत के फैसले के बाद, आगे की स्थिति साफ होगी कि विधानसभा अध्यक्ष का पद किस दिशा में जाएगा।
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