रांची में मैरिटल रेप का फैसला: पति दोषी ठहराया गया!
रांची की सिविल कोर्ट ने मैरिटल रेप के मामले में पति रणधीर वर्मा को दोषी करार दिया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
रांची: 26 सितंबर 2024 को रांची की सिविल कोर्ट ने मैरिटल रेप यानी पत्नी की इच्छा के बिना जबरन सेक्सुअल रिलेशन बनाने के मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। कोर्ट ने अभियुक्त रणधीर वर्मा को दोषी करार दिया है।
अपर न्यायायुक्त की कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान पत्नी के विरोध के बावजूद बार-बार सेक्सुअल रिलेशन बनाने के आरोपों की गंभीरता को ध्यान में रखा। कोर्ट के इस निर्णय के बाद रणधीर वर्मा को तुरंत जेल भेज दिया गया है। अभियुक्त की सजा पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख निर्धारित की गई है।
रणधीर वर्मा के खिलाफ उसकी पत्नी ने 2015 में रांची के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। मामले की सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान और अन्य तथ्यों के आधार पर अदालत ने उसे दोषी ठहराया।
महिला ने पति के खिलाफ 2016 में दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए सुखदेव नगर थाना में एक अलग केस भी दर्ज कराया था। इस मामले में भी कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है, लेकिन फैसला आना अभी बाकी है।
इस बीच, मैरिटल रेप के मुद्दे पर कानूनी बहस भी देशभर में छिड़ी हुई है। कर्नाटक और दिल्ली हाईकोर्ट के फैसलों के बाद यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कई जनहित याचिकाएं इस मामले में दायर की गई हैं।
24 सितंबर 2024 को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी परदीवाला, और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच में इस मामले की सुनवाई होनी थी। लेकिन केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का वक्त मांगा है।
यह मामला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में महिला अधिकारों और सुरक्षा के मुद्दों पर भी गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता को दर्शाता है।
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